बांग्लादेश के हालात पर कई सांसदों ने जताई चिंता, सरकार से भारत के हितों की रक्षा की जताई उम्मीद

नई दिल्ली। विभिन्न दलों के सांसदों ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और अंतरिम सरकार के आसन्न सत्ता संभालने के मद्देनजर वहां की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। साथ ही भारत के हितों की रक्षा की उम्मीद जताई। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि पड़ोसी देश में बदल रही स्थिति संवेदनशील है और उम्मीद है कि सरकार मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में इस पर बयान देगी।
बीजू जनता दल के नेता सस्मित पात्रा ने कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे पर भारत सरकार के रुख का समर्थन करेगी। पात्रा ने कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में स्थिति तेजी से बदल रही है। माकपा नेता वी शिवदासन ने दावा किया कि बांग्लादेश में ये हालात मूलरूप से आर्थिक संकट का परिणाम है। बेरोजगारी बढ़ रही है। इसके अलावा सरकार की तानाशाहीपूर्ण कार्यशैली भी एक अन्य कारण है।
भाकपा नेता पी संदोष कुमार ने हसीना को तानाशाह करार दिया और कहा कि उनका इस्तीफा स्वागत योग्य है। उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि लोग तानाशाहों को स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में इस साल की शुरुआत में हुए आम चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष नहीं थे। चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली और हिंसा हुई।
शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने उम्मीद जताई कि केंद्र सरकार बांग्लादेश में भारतीयों के हितों का ख्याल रखेगी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में अस्थिरता का माहौल खेदजनक है। खासकर इसलिए क्योंकि यह हमारे देश का लंबे समय से सहयोगी रहा है और उसका विकास सही दिशा में आगे बढ़ रहा था। भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भारत सरकार तय करेगी कि कौन से कदम उठाने की जरूरत है।

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