सरयू से संगम तक पदयात्रा पर निकली आप, भाजपा को घेरने का “फुलप्रूफ प्लान” तैयार!
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर राजनीतिक दल एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं। वहीं एक तरफ जहां सपा और कांग्रेस पहले से ही आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एक्टिव हैं तो वहीं दूसरी तरफ अब आप भी इसी राह पर चल निकली है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: यूपी विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर राजनीतिक दल एक्टिव मोड में नजर आ रहे हैं। वहीं एक तरफ जहां सपा और कांग्रेस पहले से ही आगामी विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एक्टिव हैं तो वहीं दूसरी तरफ अब आप भी इसी राह पर चल निकली है।
जी हाँ सही सुना आपने, दरअसल उत्तर प्रदेश की राजनीति में आम आदमी पार्टी एक बड़ा सियासी दांव चलने जा रही है। पार्टी ने 12 नवंबर से 24 नवंबर तक 180 किलोमीटर लंबी एक ऐतिहासिक पदयात्रा की घोषणा की है, जिसका नाम “रोजगार दो, सामाजिक न्याय दो” रखा गया है। इस पदयात्रा का नेतृत्व राज्यसभा सांसद संजय सिंह करेंगे। यह यात्रा धार्मिक और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जाने वाली अयोध्या की सरयू नदी से शुरू होगी और प्रयागराज के संगम तक जाएगी।
वहीं आपको बता दें कि 180 किलोमीटर की इस पदयात्रा के दौरान पार्टी ने गाँव, कस्बे, शहर और मोहल्ले-हर जगह जनता से सीधा संवाद करने का लक्ष्य रखा है। पदयात्रा का थीम सॉन्ग “मैं देश बचाने निकला हूं” होगा। यह गीत मशहूर गायक अल्तमश फरीदी ने गाया है और इसकी पंक्तियाँ बिलाल भाई ने लिखी हैं। यह गीत युवाओं, मजदूरों और किसानों के बीच भावनात्मक पहचान बनाने पर केंद्रित है। पार्टी ने तय किया है कि इसमें युवाओं, किसानों, शिक्षकों और समाजसेवियों सहित हर वर्ग के लोग शामिल होंगे। वहीं आपको बता दें कि इस यात्रा का नेतृत्व करेंगे आप नेता संजय सिंह। वही संजय सिंह, जो संसद से लेकर सड़क तक, हर मंच पर उत्तर प्रदेश के लोगों की आवाज बनकर खड़े रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय और रोज़गार के लिए निकल रही हमारी पदयात्रा।
कल 12 नवंबर से सरयू से संगम (अयोध्या से प्रयागराज) तक पदयात्रा शुरू हो रही है।
युवाओं के लिए रोज़गार और किसानों को उनकी फसल का सही दाम दिलाना।
दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और हर वर्ग के लिए सामाजिक… pic.twitter.com/WHooAZsbZ0
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) November 11, 2025
यह पदयात्रा सिर्फ पैरों की थकान से नहीं, बल्कि जनता के दर्द, आक्रोश और उम्मीदों से चलेगी। बेरोजगारी की मार झेल रहे युवा, फसल का दाम न मिलने से परेशान किसान, कुटीर और लघु उद्योग से जुड़े लोग, शिक्षक, आशा बहुएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता—हर कोई आज सरकार से जवाब चाहता है। लेकिन जब सत्ता चुप हो जाए, तब जनता की आवाज सड़क पर उतरती है। यही इस यात्रा की असली ताकत है। संजय सिंह ने साफ कहा है कि यह यात्रा राजनीतिक रस्म नहीं, जनता के अधिकारों की लड़ाई है।
बीजेपी सरकार ने रोजगार के नाम पर बड़े-बड़े वादे किए, लेकिन आज उत्तर प्रदेश बेरोजगारों की सबसे बड़ी राजधानी बन गया है। सरकारी भर्तियां रुकी हैं, परीक्षाएं लटकी हैं, और पेपर लीक ने लाखों युवाओं का भविष्य छीन लिया है। किसान अपनी उपज का दाम पाने के लिए संघर्ष कर रहा है, गन्ना किसानों का भुगतान महीनों लटका रहता है, और छोटे उद्योग बंद होने से मजदूरों का चूल्हा ठंडा पड़ जाता है। सरकार के पास विज्ञापनों के लिए हजारों करोड़ हैं, लेकिन रोजगार और किसानों के लिए जवाब नहीं। इसी सन्नाटे को तोड़ने के लिए आम आदमी पार्टी सड़कों पर उतर रही है।
गौरतलब है कि संजय सिंह ने संसद में घोटालों को उजागर किया, पेपर लीक पर आवाज उठाई, किसानों की लड़ाई लड़ी, और बार-बार सत्ता को आईना दिखाया। इसलिए यह यात्रा बीजेपी सरकार के लिए सिर्फ एक राजनीतिक चुनौती नहीं, बल्कि जनता के सवालों का सार्वजनिक चार्जशीट बनकर खड़ी है। सरयू से संगम तक की यह पदयात्रा उत्तर प्रदेश को याद दिलाएगी कि सत्ता जनता की होती है, जनता सत्ता की नहीं। जब सरकार जवाब नहीं देती, तब सड़क न्याय का मंच बनती है। और इस बार जनता चुप नहीं है, जनता साथ चल रही है। यह शुरुआत है, और शुरुआत हमेशा सड़क से होती है।
वहीं इस यात्रा को सियासी पंडित राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से भी जोड़कर देख रहे हैं। क्योंकि राहुल गांधी की यात्रा के बाद जब लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आये तो उन नतीजों ने सभी को चौंका दिया। आपको बता दें कि लोकसभा चुनावी नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश में सपा का वोट प्रतिशत बढ़कर 33.59 फीसदी हो गया वहीं कांग्रेस भी 9.46 फीसदी तक पहुंच गई है. इन सबके बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और रायबरेली से नवनिर्वाचित सांसद राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा का जिक्र खूब हो रहा है. साथ ही कांग्रेस की तरफ से यह दावा भी किया गया कि जिन सीटों के जरिए यात्रा गुजरी वहां उसे फायदा हुआ. यूपी में भारत जोड़ो न्याय यात्रा दो चरणों में हुई थी. भारत जोड़ो यात्रा के पहले चरण में गाजियाबाद और बुलंदशहर के रास्ते यात्रा आगे बढ़ी थी.
दूसरे चरणे में यात्रा को कांग्रेस ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा का नाम दिया. यह यात्रा यूपी के चंदौली, वाराणसी, भदोही, इलाहाबाद, प्रतापगढ़, अमेठी, रायबरेली, लखनऊ, सीतापुर, लखीमपुर, शाहजहांपुर, बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, मेरठ, अलीगढ़, मथुरा, आगरा, अमरोहा से होकर गुजरी थी. दूसरी यात्रा में शामिल 20 सीटों में से कांग्रेस ने आठ सीटों पर चुनाव लड़ा और तीन सीटें जीतीं. सपा ने 12 सीटों पर चुनाव लड़ा और पांच सीटें हासिल की. आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में भी न्याय यात्रा के जरिये राहुल गांधी ने लोगों से जुड़े कुछ मुद्दे उठाये, और न्याय दिलाने के वादे किये.
किसानों, महिलाओं और युवाओं जैसे हर संभावित वोट बैंक को जोड़ने की कोशिश की, लेकिन विचारधारा पर राहुल गांधी के अड़ियल रवैया डैमेज करने वाला रहा. यूपी में अखिलेश यादव का साथ जरूर मिला, लेकिन नीतीश कुमार मौका देखते ही निकल लिये. फायदे के हिसाब से देखा जाये तो राहुल गांधी की न्याय यात्रा तो सफल ही मानी जाएगी. सफलता का पैमाना अलग हो तब तो बात अलग होगी. लेकिन रायबरेली के साथ अमेठी भी जीत लेना, और सांसदों का नंबर बढ़ जाना कोई मामूली बात तो है नहीं. अब तो प्रियंका गांधी भी वायनाड से लोकसभा पहुंच गईं, पूरा परिवार ही संसद में है। और बड़ा कद माना जा रहा है।
ऐसे में अब यूपी में आम आदमी पार्टी भी इसी राह पर चलती हुई नजर आ रही है। तभी तो इतनी बड़ी यात्रा का आयोजन किया गया है। गौरतलब है कि यूपी आप की ये यात्रा अगर कामयाब रही तो आगामी विधानसभा चुनाव में आप को बेहतर फायदा मिल सकता है। खैर तब की तब देखी जाएगी लेकिन अभी मौजूदा समय की अगर बात करें तो आप इस यात्रा के माध्यम से यूपी की योगी सरकार और केंद्र में बैठी भाजपा सरकार को पूरी तरह से घेरने की तैयारी में है।



