पहलगाम आतंकी हमले के बाद पहले वीकेंड पर पर्यटकों की हलचल, अब लौट रही है रौनक
कोलकाता के एक बिजनेसमैन मोहम्मद सफीक, जो अपने परिवार के साथ यहां घूमने आए थे, ने बताया, “उस आतंकी घटना के बाद से यहां के लोग काफी सपोर्टिव हैं. हमें कोई डर नहीं लगा.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद अब पहली बार वीकेंड पर पर्यटकों की हल्की चहल-पहल देखी गई है। हालांकि कुछ पर्यटक यहां पहुंचे जरूर हैं, लेकिन क्षेत्र में अब भी सामान्य जैसा माहौल नहीं बन सका है। आमतौर पर पहलगाम में हर दिन करीब 3,000 से 5,000 पर्यटक आते हैं, लेकिन इस समय यह इलाका काफी शांत नजर आ रहा है। सड़कों पर सिर्फ सुरक्षा बल और स्थानीय लोग ही दिखाई दे रहे हैं। हमले के बाद देशभर में गंभीर रोष देखा गया और आतंकी संगठनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठी। घटना के तुरंत बाद बड़ी संख्या में पर्यटकों ने घाटी और पहलगाम आना टाल दिया था। हालांकि अब हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं और लोग पहलगाम की खूबसूरती की ओर दोबारा आकर्षित हो रहे हैं।
22 अप्रैल को हुए इस भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई थी। इसके बाद मंगलवार से गुरुवार तक यह छोटा सा हिल स्टेशन पूरी तरह से बंद रहा। लेकिन शनिवार को कुछ पर्यटक यहां लौटते नजर आए और ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पहलगाम की रौनक धीरे-धीरे लौट रही है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल लगातार क्षेत्र में गश्त कर रहे हैं ताकि पर्यटकों को सुरक्षा का भरोसा दिया जा सके। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में हालात और बेहतर होंगे और पहलगाम एक बार फिर पर्यटकों से गुलजार हो उठेगा।
होटल वाले दे रहे एक के साथ एक फ्री खाना
मिली जानकारी के मुताबिक, कल शनिवार को पर्यटकों को लिद्दर नदी (Lidder River) के किनारे पहलगाम के पॉपुलर “सेल्फी पॉइंट” पर तस्वीरें लेते और सेल्फी लेते देखा गया है. यहां आए ज्यादातर पर्यटकों का कहना है कि चूंकि पहलगाम में पर्यटकों के आने-जाने पर कोई प्रतिबंध या बंदिश नहीं है, इसलिए उन्होंने अपनी छुट्टियों की योजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया है. पर्यटकों के अनुसार, होटल मालिक भी यहां आने वालों को स्पेशल छूट दे रहे हैं, साथ ही खाने-पीने की कुछ दुकानें तो हर ऑर्डर किए गए खाने के साथ एक खाना फ्री में दे रही हैं. हालांकि पहलगाम का बैसरन को पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित किया गया है, ऐसे में हम पहलगाम में अन्य जगह घूमने गए.
बैसरन छोड़ पहलगाम में कहीं कोई पाबंदी नहीं
यहां आए कोलकाता के जॉयदीप घोष दस्तीदार ने कहा, “हम शुक्रवार को आए और पाया कि यहां सब कुछ सामान्य था. हालांकि अधिकांश बाजार और दुकानें बंद थीं. स्थानीय लोग और सुरक्षाकर्मी बहुत सपोर्टिव रहे. बैसरन के मैदान को छोड़कर, जो पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित है, हमने यहां पर अन्य जगहों का दौरा किया.” एक अन्य पर्यटक बिहार से आए एक टीचर मृत्युंजय पांडे ने भी कहा कि उनके पास 24-26 अप्रैल तक की बुकिंग थी, लेकिन पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद इसे रद्द कर दिया गया. हालांकि, जब हमें बताया गया कि पहलगाम में पर्यटकों के आने पर कोई रोक नहीं है, तो हमने फिर से प्लान बनाया और शनिवार सुबह यहां आ गए. हम शाम तक वापस चले भी जाएंगे.” कोलकाता का एक परिवार जो पहलगाम हमले से पहले 21 अप्रैल को ही घाटी में आ गया था, जो सोनमर्ग और गुलमर्ग घूमने के बाद शनिवार को पहलगाम आया था.
सड़कों पर सुरक्षाबलों की भारी तैनाती
कोलकाता के एक बिजनेसमैन मोहम्मद सफीक, जो अपने परिवार के साथ यहां घूमने आए थे, ने बताया, “उस आतंकी घटना के बाद से यहां के लोग काफी सपोर्टिव हैं. हमें कोई डर नहीं लगा. उन्होंने आगे कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण त्रासदी थी, लेकिन हम सिर्फ इस वजह से ऐसी जगह पर आना बंद नहीं कर सकते.” हालांकि, कुछ पर्यटकों के आने के बाद भी यहां पर पहले जैसा माहौल अभी नहीं बन सका है. इस प्रसिद्ध पर्यटक स्थल पर अमूमन 3,000 से 5,000 पर्यटक रोजाना आते हैं, लेकिन अभी यह इलाका काफी सुनसान दिख रहा है, सड़कों पर सिर्फ सुरक्षा बल और स्थानीय लोग ही नजर आ रहे हैं. हमले के पांचवें दिन (शनिवार) भी जरूरी सामान बेचने वाली दुकानों को छोड़कर ज्यादातर दुकानें बंद थीं.



