वोट चोरी के बाद अब सत्ता चोरी!

- जेपीसी का बहिष्कार, विपक्ष का ऐलान
- नये विधेयक पर तनातनी, विपक्ष बोला अब सत्ता चुराना चाहती है बीजेपी
- टीएमसी ने ज्वाइंट पाॢलयामेंट्री कमेटी में शामिल होने से किया मना
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। वोट चोरी के बाद विपक्ष ने अब एक कदम आगे बढ़़ते हुए बीजेपी पर सीधे सत्ता चोरी का आरोप लगा दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केन्द्र सरकार द्वारा लाये गये विधेयक को आधार बताते हुए सत्ता चोरी का आरोप जड़ दिया है। उन्होंन कहा है कि अब बीजेपी सीधे सत्ता चोरी करने पर उतर आयी है। उन्होंने कहा कि अभी तक यह काम गवर्नर के जरिये होता था लेकिन अब वह कानून का सहारा लेकर राज्यों की सरकारों को अस्थिर करने की कोशिश में लग गयी है। उन्होंने झारखंड, बंगाल और कर्नाटक का उदहारण देते हुए कहा कि इन राज्यों में बीजेपी सबकुछ करके के भी सत्ता पर काबिज नहीं हो सकी तो उसने नया दांव खेला है।
नीतीश-नायडू पर निशाना
दिल्ली की सियासत में आज सबसे बड़ा सवाल यही गूंज रहा है कि क्या सचमुच भारत का लोकतंत्र अब सत्ता चोरी के मुकाम पर पहुँच चुका है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का ताजा बयान पहले वोट चोरी अब सत्ता चोरी सिर्फ एक जुमला नहीं है यह इस बात की गवाही है कि संसद में पेश किए गए नए विधेयक को विपक्ष किस तरह लोकतंत्र की हत्या की दिशा में उठाया गया कदम मान रहा है। यह विधेयक केंद्र को यह अधिकार देने का प्रस्ताव करता है कि वह किसी भी राज्य सरकार के मंत्रियों को महज 30 दिनों के भीतर हटाने या बदलने का रास्ता बना सके। सवाल उठना लाज़मी है कि क्या यह संसद संघीय ढांचे के साथ खिलवाड़ कर रही है? क्या यह राज्य की जनता के जनादेश की खुली चोरी नहीं होगी? और सबसे अहम सवाल यह है कि क्या यह विधेयक चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार जैसे नेताओं को मैनेज करने की सियासी चाल है।
बुनियादी सोच ही गलत: अखिलेश
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जेपीसी के बहिष्कार के टीएमसी के रूख का समर्थन करते हुए कहा है ?कि इस विधेयक का बुनियादी विचार ही गलत है। कोई भी किसी पर फर्जी केस डाल दे तो विधेयक का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। टीएमसी ने बकायदा अधिकारिक बयान में विधेयक पर प्रस्तावित जेपीसी को एक मजाक करार देते हुए साफ कहा था कि पार्टी इसमें अपने सांसदों को नहीं नामित करेगी। इंडिया गठबंधन के अगुवा के तौर पर कांग्रेस जेपीसी बहिष्कार की घोषणा करती है तो मोदी सरकार के अब तक के कार्यकल में यह जेपीसी के विपक्ष की ओर से बहिष्कार का पहला मामला होगा।
ममता ने किया ऐलान
पश्चिम बंगाल की फायर ब्रांड मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिना देरी किए विधेयक का मुखर विरोध करते हुए जेपीसी को तमाशा करार दिया है। समाजवादी पार्टी ने भी इसी राह पर चलते हुए जेपीसी से किनारा करने की घोषणा कर दी। लोस में सपा के 38 सदस्य तो टीएमसी का संख्या बल 29 का है। इंडिया गठबंधन की लोस में 232 की कुल संख्या में इन दोनों की 67 सांसदों की हिस्सेदारी को देखते हुए कांग्रेस के सामने जेपीसी या घटक दलों में से किसी एक को चुनने की दुविधा है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ संसदीय रणनीतकार ने कहा कि विपक्ष के सहयोगी दलो को साथ लेकर चलना हमारी प्राथमिकता है। टीएमसी तथा सपा के एलान के बाद स्वाभाविक रूप से जेपीसी का बहिष्कार करने के सवाल पर पार्टी में विचार मंथन चल रहा है और जरूर इसकी संभावनाएं पुख्ता संभावनाए हैं।
धनखड़ पर शाह के बयान के बाद जयराम रमेश का सवाल
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा सोमवार को दिए गए बयान के बाद कि विपक्ष को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर हंगामा नहीं करना चाहिए, इस कहानी में और भी कुछ हो सकता है। कांग्रेस नेता ने धनखड़ की मानदंडों, शिष्टाचार और प्रोटोकॉल का पालन करने और किसानों के कल्याण तथा न्यायिक जवाबदेही के लिए निडर होकर बोलने के लिए प्रशंसा की। रमेश ने कहा कि आज गृह मंत्री ने और भी कुछ कहने की कोशिश की है। लेकिन उन्होंने केवल रहस्य को और बढ़ा दिया है। इस बात का कोई स्पष्टीकरण नहीं है कि किसानों के हितों की वकालत करने वाले अदम्य और उत्साही धनखड़ एक महीने से भी अधिक समय से पूरी तरह से संपर्क से बाहर क्यों हैं। केंद्रीय गृह मंत्री नें कहा कि धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया और विपक्ष के इस दावे को खारिज कर दिया कि वह घर में नजऱबंद हैं। शाह ने कहा कि धनखड़ साहब का त्यागपत्र अपने आप में स्पष्ट है।
होगा जेपीसी का बहिष्कार
तृणमूल कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने नये विधेयक को जेपीसी में भेजने के बाद जेपीसी के बहिष्कार का एलान कर दिया है। प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर मंत्रियों की गिरफ्तारी के 30 दिनों के बाद बर्खास्त किए जाने संबंधी विधेयक पर गठित होने वाली संयुक्त संसदीय समिति जेपीसी का समूचा विपक्ष बहिष्कार करने की दिशा में आगे बढ़ चुका है। तृणमूल कांग्रेस तथा समाजवादी पार्टी के जेपीसी का हिस्सा बनने से स्पष्ट इनकार के बाद विपक्षी इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर रही कांग्रेस ने भी संकेत दिए हैं कि वह इसमें शामिल नहीं के विकल्प पर गंभीरता से विचार कर रही है।
अंतरिक्ष यात्री शुभांशु के लखनऊ पहुंचने पर भव्य स्वागत
- राजधानी की सड़कों पर उमड़ी लोगों की भीड़
- उन्हें राज्य स्तरीय नागरिक सम्मान प्रदान किया जाएगा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। अंतरिक्ष की ऊंचाइयों को छूकर लौटे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का सोमवार अपने शहर लखनऊ पहुंच चुके हैं, जहां उनका जोरदार स्वागत हुआ। सुबह शुभांशु शुक्ला लखनऊ एयरपोर्ट पर पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया।
एयरपोर्ट पर खुद उत्तर प्रदेश डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक कैप्टन शुभांशु शुक्ला के स्वागत के लिए एयरपोर्ट पहुंचे थे। एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 से लेकर शहर के प्रमुख चौराहों तक, भाजपा कार्यकर्ता और लोग शुभांशु पर फूलों की बारिश कर रहे हैं। लखनऊ शहर की सड़क पर जब शुभांश शुक्ला का काफिला निकला, तब सड़क के दोनों और उनकी एक झलक देखने को लोगों की भारी भीड़ उमड़ी।
एयरपोर्ट के बाहर स्कूल के बच्चे पहुंचे
एयरपोर्ट के बाहर शुभांशु शुक्ला के स्वागत के लिए उस स्कूल के बच्चे तिरंगा झंडा लिए खड़े थे, जहां से उन्होंने भी पढ़ाई की है।
स्वागत में सड़कों पर खड़े रहे लोग
लखनऊ की सड़कों पर लोग हाथों में तिरंगे झंडे लिए, तालियां बजाकर और फूल बरसाकर शुभांशु शुक्ला का स्वागत कर रहे हैं, जहां से भी शुभांशु शुक्ला का काफिला गुजर रहा है, वहां सड़क के दोनों और खड़े लोग उनकी एक झलक पाने को बेताब दिख रहे हैं।




