Crime Capital बनी अहमदाबाद, ‘दृश्यम’ स्टाइल में पति का प्रेमी के लिए मर्डर

गुजरात के अहमदाबाद में एक और मुस्कान... प्रेमी के लिए पति का किया मर्डर... लाश के टुकड़े कर किचन में दफनाया... एक साल बाद खुला हत्या का राज...  

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात के अहमदाबाद शहर में एक साल पुराने लापता व्यक्ति के मामले ने पुलिस को हैरान कर दिया है.. बता दें 35 वर्षीय समीर अंसारी नामक एक व्यक्ति की हत्या की सच्चाई सामने आई है.. जो उनकी पत्नी रूबी अंसारी ने अपने प्रेमी इमरान.. और उसके दो दोस्तों के साथ मिलकर की थी.. हत्या के बाद शव को टुकड़ों में काटकर घर की रसोई के फर्श के नीचे दफना दिया गया.. और ऊपर से टाइल्स चढ़ा दी गईं.. यह पूरी घटना मलयालम फिल्म ‘दृश्यम’ की याद दिला रही है.. जहां अपराध को बखूबी छिपाने की कोशिश की जाती है.. पुलिस ने एक साल बाद कंकाल के अवशेष बरामद किए हैं.. इस मामले में इमरान ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है.. जबकि बाकी आरोपी फरार हैं..

यह घटना न केवल परिवार के रिश्तों की गंभीरता को उजागर करती है.. बल्कि महिलाओं द्वारा घरेलू हिंसा… और अवैध संबंधों के नाम पर अपराध करने की प्रवृत्ति को भी सामने लाती है.. समीर और रूबी की शादी को चार साल हो चुके थे.. लेकिन वैवाहिक जीवन में कलह ने जगह बना ली थी.. रूबी का इमरान से अवैध संबंध इस कलह का मुख्य कारण था.. पुलिस के अनुसार झगड़ों ने आखिरकार हत्या की साजिश को जन्म दिया.. क्राइम ब्रांच की जांच में यह खुलासा हुआ कि हत्या जुलाई 2024 में हुई थी.. लेकिन शक की वजह से तीन महीने पहले मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा गया था..

समीर अंसारी अहमदाबाद के मेमनगर इलाके में एक छोटे से किराने की दुकान चलाते थे.. 35 वर्षीय समीर एक साधारण मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखते थे.. उनके पिता एक रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी थे.. जबकि मां गृहिणी थी.. समीर की शादी 2020 में रूबी से हुई थी.. जो एक स्थानीय टेलरिंग शॉप में काम करती थीं.. शादी के शुरुआती दो साल तो ठीक चले.. लेकिन धीरे-धीरे रूबी का व्यवहार बदलने लगा.. पड़ोसियों के अनुसार घर में अक्सर चीखने-चिल्लाने की आवाजें आती रहती थीं.. समीर के भाई मोहसिन अंसारी ने पुलिस को बताया कि भाई बहुत मेहनती इंसान था.. वह रूबी को सब कुछ देता था.. लेकिन वह हमेशा नाराज रहती… हमें शक था लेकिन कभी सोचा नहीं कि इतना बड़ा कदम उठा लेगी..

जुलाई 2024 की एक शाम, समीर दुकान से घर लौटे.. अगली सुबह वह गायब हो गए.. रूबी ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.. कि समीर किसी झगड़े में फंस गया होगा.. पुलिस ने शुरू में इसे पारिवारिक विवाद मान लिया.. सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और दोस्तों से पूछताछ की गई.. लेकिन कोई सुराग नहीं मिला.. समीर का फोन 14 महीनों से बंद पड़ा था.. और उन्होंने किसी रिश्तेदार या दोस्त से संपर्क नहीं किया था.. परिवार ने सोशल मीडिया पर भी अपील की.. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.. एक साल तक पुलिस की टीमें लगातार तलाश करती रहीं.. पड़ोसियों ने बताया कि रूबी इस दौरान शांत रहने का दिखावा करतीं.,. लेकिन अंदर ही अंदर घबरा रही थीं..

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि समीर का मामला सामान्य लापता व्यक्ति का लग रहा था.. लेकिन जब हमें घरेलू झगड़ों की जानकारी मिली.. तो शक रूबी पर गया.. फिर भी, कोई ठोस सबूत नहीं था.. इसी बीच, तीन महीने पहले यानी अगस्त 2025 में मामला अहमदाबाद क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर हो गया.. क्राइम ब्रांच के एसपी प्रवीण सिन्हा के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई.. टीम ने रूबी के फोन रिकॉर्ड्स, बैंक ट्रांजेक्शन और इमरान के संपर्कों की जांच शुरू की..

जांच के दौरान सबसे बड़ा खुलासा रूबी और इमरान के बीच के रिश्ते का था.. इमरान अहमदाबाद के वस्त्राल इलाके में एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर था.. दोनों की मुलाकात एक लोकल बाजार में हुई थी.. रूबी टेलरिंग शॉप पर काम करतीं थी.. जहां इमरान सामान लाने-ले जाने का काम करता था.. धीरे-धीरे बातें बढ़ीं और संबंध गहरे हो गए.. समीर को इसकी भनक लग गई थी.. पड़ोसियों के अनुसार, समीर ने कई बार रूबी को टोका.. जिससे झगड़े भड़क उठते.. एक बार तो समीर ने इमरान को घर बुलाकर धमकी भी दी थी..

इमरान के कबूलनामे से जो कहानी सामने आई.. वह किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं.. 15 जुलाई 2024 की रात.. समीर घर लौटे.. रूबी ने उन्हें खाना परोसने का बहाना बनाया.. खाने में नशीला पदार्थ मिला था.. जिससे समीर बेहोश हो गए.. फिर रूबी ने इमरान को फोन किया.. इमरान अपने दोस्तों के साथ आया.. और उन्होंने समीर को कमरे में बांध दिया.. इमरान ने बताया कि रूबी ने खुद चाकू उठाया.. और समीर के सीने में घोंप दिया.. हम सब डर गए थे.. लेकिन भागने का रास्ता नहीं था..

हत्या के बाद सबसे मुश्किल काम शव को छिपाने का था.. उन्होंने शव को रसोई में ले जाकर टुकड़ों में काटा.. इसके लिए रसोई के चाकू और आरी का इस्तेमाल किया.. खून साफ करने के लिए ब्लीच का छिड़काव किया.. टुकड़ों को प्लास्टिक बैग में भरा और रसोई के फर्श को तोड़ा.. नीचे की मिट्टी में दफनाया, फिर ऊपर से नई टाइल्स चढ़ा दीं.. पूरा काम रात भर चला.. सुबह तक सब कुछ सामान्य लग रहा था.. रूबी ने पड़ोसियों को बताया कि समीर बाहर चले गए हैं..

आपको बता दें यह योजना इतनी सोची-समझी थी कि पुलिस को एक साल तक कोई शक नहीं हुआ.. क्राइम ब्रांच ने जब इमरान से पूछताछ की, तो वह टूट गया.. उसने नक्शा बनाकर बताया कि शव कहां दफनाया गया.. 4 नवंबर 2025 को पुलिस ने रूबी के घर पर छापा मारा.. फर्श तोड़ा तो कंकाल के अवशेष मिले.. फॉरेंसिक टीम ने डीएनए टेस्ट के लिए सैंपल लिए.. रिपोर्ट आने पर पुष्टि हो गई कि यह समीर के अवशेष हैं..

क्राइम ब्रांच की टीम ने डिजिटल फुटप्रिंट्स का सहारा लिया.. समीर के फोन की आखिरी लोकेशन घर ही थी.. रूबी के बैंक अकाउंट से इमरान को पैसे ट्रांसफर हुए थे.. इमरान के फोन में डिलीट मैसेज रिकवर किए गए.. जिसमें हत्या की योजना का जिक्र था.. एक मैसेज में रूबी ने लिखा था कि कल रात सब खत्म हो जाएगा.. इमरान ने पूछताछ में कहा कि रूबी ने हमें ब्लैकमेल किया.. कहा कि अगर मदद नहीं की तो सबको बर्बाद कर देगी..

पुलिस ने रूबी को गिरफ्तार कर लिया.. वह अब भी इनकार कर रही है.. लेकिन सबूत उसके खिलाफ हैं.. इमरान को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.. अली और राहुल फरार हैं.. पुलिस ने उनकी तलाश के लिए अलर्ट जारी कर दिया है.. एसपी प्रवीण सिन्हा ने कहा कि यह मामला हमें सिखाता है कि घरेलू विवादों को नजरअंदाज न करें.. हम सभी आरोपियों को जल्द पकड़ लेंगे..

 

Related Articles

Back to top button