एम्स ने 16 साल की नाबालिग पीड़िता के गर्भपात के आदेश के खिलाफ, दिल्ली HC पहुंचा AIIMS

एम्स की ओर से पेश ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि मेडिकल बोर्ड की राय है कि लड़की के स्वास्थ्य की रक्षा की जानी चाहिए. कोर्ट ने जब पूछा कि क्या 34 सप्ताह के बाद गर्भपात कराना सुरक्षित होगा, तो भाटी ने कहा हां.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः एम्स (AIIMS) ने यौन शोषण से गर्भवती 16 साल की नाबालिग पीड़िता को 27 हफ्ते का गर्भ समाप्त करने की अनुमति देने वाले दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अपील की है। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 30 जून को एम्स को इस लड़की का गर्भपात करने का आदेश दिया था। आज (3 जुलाई) को दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई।

एम्स की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) ऐश्वर्या भाटी ने अदालत में दलील दी कि मेडिकल बोर्ड की राय है कि लड़की के स्वास्थ्य की रक्षा की जानी चाहिए। हाई कोर्ट ने जब पूछा कि क्या 34 सप्ताह के बाद गर्भपात कराना सुरक्षित होगा, तो भाटी ने कहा, “हां, यह सुरक्षित होगा।” भाटी ने यह भी बताया कि लड़की फिलहाल 27 सप्ताह की गर्भवती है, और गर्भपात कराने से उसके प्रजनन स्वास्थ्य और भविष्य में गर्भधारण करने की संभावनाएं खतरे में पड़ सकती हैं।

AIIMS ने यौन शोषण से गर्ववती 16 साल की नाबालिग पीड़िता को 27 हफ्ते का गर्भ समाप्त करने की अनुमति देने वाले एक आदेश के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट का रुख किया है. हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने 30 जून को एम्स को 16 साल की लड़की का गर्भपात करने का आदेश दिया था. आज दिल्ली हाई कोर्ट में इस मामले में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस डी के उपाध्याय और जस्टिस अनीश दयाल की बेंच के सामने एम्स ने दलील दी कि गर्भपात कराने से भविष्य में लड़की के प्रजनन पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.

एम्स की ओर से पेश ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि मेडिकल बोर्ड की राय है कि लड़की के स्वास्थ्य की रक्षा की जानी चाहिए. कोर्ट ने जब पूछा कि क्या 34 सप्ताह के बाद गर्भपात कराना सुरक्षित होगा, तो भाटी ने कहा हां. भाटी ने कहा कि लड़की 27 सप्ताह की गर्भवती है और गर्भपात कराने से उसके प्रजनन स्वास्थ्य और भविष्य में गर्भधारण करने की संभावनाएं खतरे में पड़ जाएंगी.

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