अधिकारियों से पहचान बताकर रिश्वत लेते थे अजीत पात्रा और मिंकू जैन, VIP प्रोटोकॉल के साथ सरकारी आवास में रुकते थे, CBI ने किया गिरफ्तार

सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन ने एक हाई-प्रोफाइल फर्जीवाड़ा और रिश्वतखोरी के मामले का खुलासा किया है. इस मामले में CBI ने दो ठगों को भी गिरफ्तार किया है. इनका नाम अजीत कुमार पात्रा और उसके साथी मिंकू लाल जैन है. CBI ने खुलासा किया कि ये दोनों सरकारी अधिकारियों, मंत्रालयों और जांच एजेंसियों के अफसर बनकर लोगों से पैसे ऐंठने का काम कर रहे थे.
CBI ने अजीत कुमार पात्रा और मिंकू लाल जैन, को फर्जी सरकारी अधिकारी बनकर impersonation और रिश्वत रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है. ये वरिष्ठ अधिकारियों के नाम का इस्तेमाल कर लोगों को धमकाते और उनसे पैसे वसूलते थे. जांच में 3.7 करोड़ रुपये नकद, सोना और संपत्ति के दस्तावेज बरामद हुए हैं, जो उनके इस बड़े धोखाधड़ी के खुलासे को दर्शाते हैं.
डरा-धमकाकर वसूलते थे पैसा- सीबीआई
CBI की जांच में इस बात का खुलासा भी हुआ है कि अजीत कुमार पात्रा और उसका साथी मिंकू जैन कई विभागों और एजेंसियों के बड़े अफसरों के नाम पर लोगों को डराते-धमकाते थे. ये दोनों सरकारी संपर्क और बड़े अफसरों से करीबी का दावा करते थे. यही वजह है कि छोटे अधिकारी डर के कारण इन्हें मोटा पैसा दे दिया करते थे.
कई बार सरकारी गेस्ट हाउस में गुजारी रात
जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि ये दोनों ठग न सिर्फ पैसा लेते थे. बल्कि लग्जरी लाइफ भी जी रहे थे. ये लोग सरकारी गेस्ट हाउस में रात गुजारा करते थे. इसके अलावा कई ऐसे में इलाकों में उनकी एंट्री आसानी से हो जाती थी. जहां हर किसी का पहुंचना आसान नहीं है. 10 नवंबर को, CBI ने जाल बिछाकर दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है.
जांच में मिला मोटा पैसा
दोनों ठगों के पास से 18 लाख रुपये की ट्रैप राशि बरामद की गई, साथ ही 3.7 करोड़ रुपये नकद, लगभग 1 किलो सोने के आभूषण, पात्रा और उनके रिश्तेदारों के नाम 26 संपत्ति के दस्तावेज और चार लग्जरी वाहन भी जब्त किए गए.
इसमें कहा गया है कि दिल्ली, राजस्थान और ओडिशा में विभिन्न परिसरों में तलाशी के दौरान 12 अन्य वाहन और डिजिटल उपकरणों सहित आपत्तिजनक सामग्री भी जब्त की गई है.

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