महाराष्ट्र: लाउडस्पीकर विवाद से महायुति सरकार में तनाव, अजित पवार और बीजेपी आमने-सामने

बीजेपी नेता किरीट सोमैया मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुस्लिम नेताओं को आश्वासन देते हुए इस मुद्दे को सुलझाने की अपील की है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र की महायुति सरकार में आंतरिक खींचतान अब खुलकर सामने आने लगी है। मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकरों को लेकर बीजेपी और अजित पवार गुट के बीच विवाद ने सरकार के भीतर तनाव बढ़ा दिया है।

बीजेपी नेता किरीट सोमैया मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकरों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। वहीं उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मुस्लिम नेताओं को आश्वासन देते हुए इस मुद्दे को सुलझाने की अपील की है। लेकिन अजित पवार की पहल के बावजूद सोमैया का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा, जिससे सरकार के घटक दलों के बीच दरारें गहराने लगी हैं।

महाराष्ट्र में अजित पवार, एकनाथ शिंदे और बीजेपी की गठबंधन वाली महायुति सरकार को बने छह महीने से अधिक हो चुके हैं। लेकिन अब तक की साझेदारी में कई बार विचारों और रणनीतियों में टकराव सामने आया है। एक ओर जहां अजित पवार और शिंदे गुट के नेताओं में सामंजस्य की कमी साफ दिखाई दे रही है, वहीं अब बीजेपी और अजित पवार गुट के बीच भी मतभेद गहराते नजर आ रहे हैं। लाउडस्पीकर विवाद ने इस मतभेद को और उजागर कर दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि जल्द ही इस मुद्दे को सुलझाया नहीं गया, तो यह विवाद महायुति सरकार की स्थिरता पर भी सवाल खड़े कर सकता है।

अजित पवार की अपील रही बेअसर
अजित पवार ने किरीट सोमैया से अपील भी की की ये आंदोलन बंद करे. इससे मुस्लिमो में डर की स्थिति निर्मित हो रही है, लेकिन आज भी किरीट मस्जिदों के खिलाफ 2 पुलिस थानों में जाकर शिकायत देंगे. अजित पवार की अपील के बाद भी उनका आंदोलन जारी है. आज किरीट मालवणी और कांदिवली पुलिस थाने जाकर 8 मस्जिदों के खिलाफ कामोलेन्ट देंगे. यहां ज्यादा डेसिबल से लाउड स्पीकर के जरिये अजान पढ़ने के खिलाफ शिकायत करेंगे और लाउड स्पीकर हटाने की मांग करेंगे.

महायुति में नहीं थम रही तकरार
महाराष्ट्र में सरकार बनने के बाद से ही उसके घटक दलों के बीच तकरार देखने को मिल रही है. ये कई बार सार्वजनिक मंचों पर भी देखने को मिली है. शुरुआत में खबरें सामने आई की पूर्व सीएम एकनाथ शिंदे और वर्तमान सीएम के बीच तालमेल नहीं पा रहा है. हालांकि इन खबरों को दबाने के लिए खुद बड़े नेताओं ने जिम्मेदारी संभाली थी. इसके अलावा भी कई बार बीजेपी-अजित पवार तो कभी पवार और शिंदे आमने सामने होते रहे हैं. ऐसे में एक बार फिर महायुति की टेंशन बढ़ा दी है.

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