Ambani के वनतारा पर मंडराया खतरा! SIT की एंट्री, सच आएगा सामने?
अंबानी के वाइल्डलाइफ रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर वनतारा पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी कार्रवाई की है... हथिनी की शिफ्टिंग से शुरू हुआ विवाद...

4पीएम न्यूज नेटवर्कः दोस्तों हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला लिया…… अदालत ने गुजरात के जामनगर में स्थित वनतारा वाइल्डलाइफ रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर की जांच के लिए एक 4 सदस्यीय स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम गठित की…… यह सेंटर रिलायंस फाउंडेशन चलाता है…. जो मुकेश अंबानी के परिवार से जुड़ा है…… SIT को 12 सितंबर तक अपनी रिपोर्ट सौंपनी है….. और उसके बाद 15 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी….. यह फैसला दो जनहित याचिकाओं पर आधारित है….. जिनमें सेंटर पर जानवरों की अवैध खरीद-बिक्री, वन्यजीव तस्करी और अन्य आरोप लगाए गए हैं…… खासकर, महाराष्ट्र के कोल्हापुर से एक हथिनी माधुरी को वनतारा में ले जाने का विवाद इस मामले का केंद्र है…..
आपको बता दें कि वनतारा वाइल्डलाइफ रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर गुजरात के जामनगर में 3,500 एकड़ से ज्यादा जमीन पर फैला हुआ है……. यह रिलायंस फाउंडेशन का हिस्सा है, जो अनंत अंबानी द्वारा शुरू किया गया…… सेंटर का मकसद घायल, बीमार या खतरे में पड़े जानवरों को बचाना और उनका इलाज करना है…… यहां करीब 2,000 से ज्यादा जानवर हैं, जिनमें हाथी, शेर, राइनो, पक्षी और अन्य वन्यजीव शामिल हैं…… वनतारा का दावा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा निजी वन्यजीव बचाव केंद्र है…… जहां जानवरों को प्राकृतिक वातावरण में रखा जाता है…..
रिलायंस फाउंडेशन की वेबसाइट के अनुसार, वनतारा की शुरुआत 2024 में हुई थी…… अनंत अंबानी ने इसे अपने पिता मुकेश अंबानी के जामनगर रिफाइनरी कॉम्प्लेक्स के पास बनाया…… यहां जानवरों के लिए स्पेशल सुविधाएं हैं, जैसे बड़े-बड़े बाड़े, अस्पताल, स्विमिंग पूल और प्राकृतिक जंगल जैसा माहौल है….. वहीं सेंटर ने कई देशों से जानवरों को रेस्क्यू किया है……. जैसे अफ्रीका से राइनो, मैक्सिको से हाथी और अन्य जगहों से तमाम जानवरों को वहां पर लाया गया है….. उनका कहना है कि यह सब कानूनी तरीके से होता है….. और CITES जैसे अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन किया जाता है…..
लेकिन कुछ लोग इसे निजी चिड़ियाघर कहते हैं…… जहां अमीर लोग जानवरों को कलेक्शन की तरह रखते हैं……. वनतारा ने बिल गेट्स और मार्क जुकरबर्ग जैसे बड़े लोगों को दौरा कराया है……. जिससे यह और चर्चा में आया…… सेंटर का बजट करोड़ों में है, और यह रिलायंस की CSR गतिविधियों का हिस्सा है……
वहीं इस पूरे मामले की जड़ महाराष्ट्र के कोल्हापुर में एक जैन मंदिर से जुड़ी हथिनी ‘माधुरी’ है…… उसे कई लोग ‘महादेवी’ भी कहते हैं…… माधुरी करीब 33 साल से कोल्हापुर के महालक्ष्मी मंदिर और जैन मठ में रह रही थी……. वहां वह धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लेती थी…… और स्थानीय लोगों के लिए पवित्र थी…… लेकिन 2017 में एक हादसे में माधुरी ने एक व्यक्ति को मार दिया…… जिसके बाद उसे चेन से बांधकर रखा जाने लगा….. पेटा नाम की संस्था ने बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की……. जिसमें कहा गया कि माधुरी को खराब हालत में रखा जा रहा है……. उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, और उसे बेहतर जगह पर ले जाना चाहिए……. जुलाई 2025 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने आदेश दिया कि माधुरी को वनतारा सेंटर में रिहैबिलिटेट किया जाए…… सुप्रीम कोर्ट ने भी इस आदेश को बरकरार रखा…..
जैसे ही माधुरी को वनतारा ले जाया गया……. कोल्हापुर में बड़ा विरोध शुरू हो गया…… हजारों लोग सड़कों पर उतरे, जुलूस निकाले और ‘माधुरी वापस लाओ’ के नारे लगाए……. स्थानीय लोग कहते हैं कि माधुरी उनके लिए परिवार की सदस्य जैसी है…… और धार्मिक महत्व रखती है…… कुछ ने रिलायंस की कंपनी जियो का बहिष्कार तक किया…… महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर माधुरी को वापस लाने की कोशिश करेगी….. और उन्होंने वनतारा टीम से बात की और कहा कि वनतारा माधुरी के लिए कोल्हापुर के पास ही एक रिहैब सेंटर बनाने को तैयार है…..
वनतारा ने बयान जारी कर कहा कि वे माधुरी को अदालत के आदेश पर ही ले गए हैं…… और उनका इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है…… और उन्होंने वीडियो जारी कर दिखाया कि माधुरी अब खुश है, चेन से मुक्त है और अन्य हाथियों के साथ खेल रही है……. लेकिन विरोध नहीं रुका……. कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि वनतारा जानवरों को जबरदस्ती ले जाता है और यह एक तरह की ‘वन्यजीव चोरी’ है…..
इस विवाद के बाद दो PIL दायर हुईं……. पहली याचिका वकील सीआर जया सुकीन ने दायर की……. जिसमें वनतारा पर जानवरों की अवैध आयात-निर्यात, वन्यजीव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और पर्यावरण नियमों के उल्लंघन के आरोप लगाए…… दूसरी याचिका देव शर्मा ने दायर की, जो विशेष रूप से माधुरी के ट्रांसफर पर आधारित थी…… इन याचिकाओं में कहा गया कि वनतारा 32 देशों से जानवर लाया है…… लेकिन क्या सब कानूनी है? क्या जानवरों का स्वास्थ्य ठीक है? क्या सेंटर इंडस्ट्रियल जोन के पास होने से प्रदूषण का असर पड़ता है…..
वहीं याचिका में पूछा गया कि भारत और विदेश से हाथी और अन्य जानवर कैसे लाए जाते हैं…… क्या वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 का पालन होता है…… क्या सेंटर तस्करी में शामिल है? CITES नियमों का उल्लंघन है….. जानवरों की मौत के मामले, इलाज, खाना-पीना और रहने की जगह कैसी है….. पर्यावरण मुद्दे सेंटर रिफाइनरी के पास है, क्या प्रदूषण और पानी का दुरुपयोग होता है? कार्बन क्रेडिट का गलत इस्तेमाल होता है…. मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध व्यापार….. क्या यह सच्चा बचाव केंद्र है या अमीरों का शौक…..
जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सामान्य रूप से ऐसी याचिकाओं को नहीं सुनते…… लेकिन यहां सरकारी एजेंसियां अक्षम लग रही हैं, इसलिए जांच जरूरी है…… 25 अगस्त को चीफ जस्टिस की बेंच ने SIT बनाने का आदेश दिया…. जस्टिस जे. चेलमेश्वर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज हैं….. वे 2018 में ‘जज लोया’ मामले में चर्चा में आए थे और न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए जाने जाते हैं…… जस्टिस राघवेंद्र चौहान उत्तराखंड और तेलंगाना हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस हैं….. वे पर्यावरण और वन्यजीव मामलों के विशेषज्ञ हैं…… हेमंत नागराले मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर हैं…. वे क्राइम और जांच में माहिर हैं, सुशांत सिंह राजपूत मामले में शामिल थे…… अनिश गुप्ता कस्टम्स अधिकारी हैं….. वे आयात-निर्यात और तस्करी के मामलों में एक्सपर्ट हैं…..
वहीं इस मामले पर SIT को 12 सितंबर तक रिपोर्ट देनी है…… 15 सितंबर को सुनवाई होगी, और रिपोर्ट के आधार पर आगे का फैसला होगा…. अदालत ने कहा कि यह जांच वनतारा के खिलाफ नहीं है, बल्कि तथ्यों की पड़ताल है…… भारत और विदेश से हाथी और अन्य जानवर कैसे लाए जाते हैं? क्या दस्तावेज पूरे हैं? उदाहरण के लिए, अफ्रीका से राइनो या मैक्सिको से हाथी….. वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972, जू रूल्स और CITES का पालन? क्या आयात-निर्यात के लिए परमिट हैं….. पशुपालन मानक, वेटरनरी केयर, मौत के कारण….. क्या जानवर खुश हैं या तनाव में हैं…… सेंटर इंडस्ट्रियल जोन के पास है, क्या हवा-जल प्रदूषण का असर? पानी और कार्बन क्रेडिट का दुरुपयोग है….. वैनिटी कलेक्शन (निजी शौक), ब्रीडिंग प्रोग्राम, जैव विविधता का इस्तेमाल…… वन्यजीव तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग की जांच की जाएगी….. SIT को स्वतंत्र रूप से काम करने की छूट है…… और वे सेंटर का दौरा कर सकते हैं, दस्तावेज मांग सकते हैं…..
आपको बता दें कि रिलायंस फाउंडेशन और वनतारा ने अदालत के आदेश का स्वागत किया…. उन्होंने कहा कि वे SIT को पूरा सहयोग देंगे और पारदर्शिता बरतेंगे…… हम जांच में सहयोग करेंगे, क्योंकि हमारा काम जानवरों को बचाना है, न कि कोई गलत काम…… उन्होंने माधुरी के वीडियो दिखाकर बताया कि वह अब बेहतर है…… लेकिन कुछ आलोचक कहते हैं कि यह PR स्टंट है……
वहीं यह मामला सिर्फ वनतारा का नहीं, बल्कि पूरे देश में वन्यजीव संरक्षण का है…… भारत में कई मंदिरों में हाथी रखे जाते हैं….. लेकिन पेटा जैसी संस्थाएं कहती हैं कि यह जानवरों के साथ क्रूरता है….. दूसरी तरफ, स्थानीय लोग कहते हैं कि यह उनकी परंपरा है….. 2020 में असम के एक मंदिर से हाथी ट्रांसफर का विवाद हो या तमिलनाडु में जोथी हाथी का मामला…… ये दिखाते हैं कि जानवरों के अधिकार और संस्कृति के बीच संतुलन जरूरी है……
आपको बता दें कि वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट 1972 हाथी को शेड्यूल-1 में रखता है…… मतलब उन्हें विशेष सुरक्षा दी जाती है….. CITES हाथी को एंडेंजर्ड मानता है, आयात-निर्यात पर सख्त नियम है….. अगर वनतारा दोषी पाया गया, तो बड़ा जुर्माना या बंदी हो सकती है…… दुनिया में कई अमीर लोग जैसे अमेरिका के टाइगर किंग, निजी जू चलाते हैं….. लेकिन कई विवादों में फंसते हैं…….. भारत में वनतारा पहला बड़ा निजी सेंटर है, जो मिसाल बन सकता है……



