एक और झूठ बेनकाब, प्रिया ने मेस में नहीं खाया था खाना

लखनऊ में बीकेटी के एसआर स्कूल की छात्रा प्रिया राठौर की मौत के मामले में हॉस्टल व स्कूल प्रशासन का एक और बड़ा झूठ बेनकाब हुआ है। वारदात के बाद स्कूल व हॉस्टल प्रशासन कह रहा था कि प्रिया मेस से खाना खाने के बाद निकली थी। इसके बाद टहलते हुए गिर गई थी। अब जब पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है तो पता चला कि प्रिया मेस गई तो थी, लेकिन खाना नहीं खाया था। ऐसे कई झूठ अब तक सामने आए हैं, जिनसे गुत्थी उलझी और आशंकाएं बढ़ती गईं।
जालौन निवासी जसराम राठौर की 13 वर्षीय बेटी प्रिया राठौर एसआर स्कूल से आठवीं कक्षा की पढ़ाई करती थी। 20 जनवरी की रात को हॉस्टल में ही प्रिया की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। जसराम की तहरीर पर बीकेटी पुलिस ने अज्ञात पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी।
वार्डन साधना सिंह समेत अन्य कर्मचारी व अधिकारियों ने पुलिस को बताया था कि वारदात की रात प्रिया हॉस्टल की मेस में गई थी। खाना खाने के बाद टहलते समय अचानक गिर गई थी। डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। पंचनामा में भी यही दर्ज है।
बीकेटी इंस्पेक्टर बृजेश तिवारी ने बताया कि जांच में सामने आया कि वारदात की रात करीब आठ बजे प्रिया मेस में गई थी। करीब बीस मिनट तक वहां रुकी थी। उसके बाद वह वहां से चली गई थी। मेस में प्रिया ने खाना नहीं खाया था। अब सवाल उठता है कि आखिर हॉस्टल व स्कूल प्रशासन ने झूठ क्यों बोला? इसके पीछे कोई साजिश है या कुछ और। ये जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
पुलिस की जांच में प्रिया के खाना न खाने का तथ्य सामने आया। इसकी पुष्टि प्रिया की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से भी हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिया के पेट में अधपचा खाना मिला। जो वारदात से करीब दो ढाई घंटे पहले खाया गया होगा। प्रिया के पिता ने भी इसे लेकर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि मामले में इतने झूठ बोले गए हैं, जिससे शक बढ़ता जा रहा है। कुछ बड़ा है जो छिपाया जा रहा है।
विवेचक इंस्पेक्टर बृजेश तिवारी बुधवार को जालौन स्थित जसराम के घर गए। प्रिया की मां जयंती राठौर के बयान लिए। वारदात की रात प्रिया की मां से क्या क्या बातें फोन पर हुईं उस बारे में बताया। उसके बाद वार्डन ने घटना की जो सूचना दी, उसकी जानकारी दी। जयंती ने भी वही आरोप दोहराए जो अब तक जसराम लगाते आए हैं। पुलिस ने जसराम का मोबाइल जांच के लिए मांगा है। रविवार तक मोबाइल उपलब्ध कराने का समय दिया है। जसराम का कहना है कि उनको मोबाइल देने में कोई आपत्ति नहीं है। वह बस यही चाहते हैं कि बेटी की मौत के जो भी जिम्मेदार हों वह सामने आएं। इसके लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे।

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