विजन 2030 के चलते बैंकिंग सेक्टर को मिला बड़ा सपोर्ट, 2026 में मिलेगी मजबूती
सऊदी अरब का बैंकिंग क्षेत्र 2026 की ओर बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। यह मजबूती मुख्य रूप से विजन 2030 की महत्वाकांक्षी योजना से मिल रही है,

4पीएम न्यूज नेटवर्क: सऊदी अरब का बैंकिंग क्षेत्र 2026 की ओर बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। यह मजबूती मुख्य रूप से विजन 2030 की महत्वाकांक्षी योजना से मिल रही है, जो देश की अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से बाहर निकालकर विविधता लाने का लक्ष्य रखती है।
विजन 2030 के अंतर्गत फाइनेंशियल सेक्टर डेवलपमेंट प्रोग्राम चल रहा है, जो बैंकिंग को आधुनिक, डिजिटल और समावेशी बनाने पर जोर देता है। 2025 में सऊदी बैंकिंग सेक्टर ने शानदार प्रदर्शन किया है, जहां कुल एसेट्स 4.8 ट्रिलियन सऊदी रियाल तक पहुंच गए हैं, जो पिछले सालों की तुलना में मजबूत ग्रोथ दिखाता है। बड़े बैंक जैसे सऊदी नेशनल बैंक ने 2025 के पहले नौ महीनों में 19 प्रतिशत प्रॉफिट बढ़ोतरी दर्ज की, जो 18.6 बिलियन रियाल तक पहुंच गया। इसी तरह अल राजही बैंक, बैंक सऊदी फ्रांसी और दूसरे बैंकों ने भी मजबूत आय और निवेश से फायदा उठाया। यह ग्रोथ मुख्य रूप से कॉर्पोरेट लोन, मॉर्टगेज लोन और नॉन-इंटरेस्ट इनकम से आई है। 2025 में बैंकिंग सेक्टर की कुल नेट इनकम में 6.3 प्रतिशत की तिमाही बढ़ोतरी हुई, और रिटर्न ऑन इक्विटी 15.3 प्रतिशत तक पहुंच गया।
फिच रेटिंग्स ने 2026 के लिए मिडिल ईस्ट बैंकिंग आउटलुक को न्यूट्रल रखा है, लेकिन सऊदी अरब और यूएई में क्रेडिट ग्रोथ को मजबूत बताया है। आईएमएफ की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी बैंक अच्छी कैपिटल पोजीशन में हैं, प्रॉफिटेबल हैं और बड़े आर्थिक झटकों को सहन कर सकते हैं। 2026 में अर्थव्यवस्था की ग्रोथ 3.9 प्रतिशत से 4.4 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद है, जिसमें नॉन-ऑयल सेक्टर की भूमिका बड़ी होगी। डिजिटल बैंकिंग का दौर सऊदी अरब में तेजी से फैल रहा है। नए डिजिटल बैंक जैसे एसटीसी बैंक, डी360 बैंक, विजन बैंक और हाल ही में ईजेड बैंक को लाइसेंस मिला है, जो युवा पीढ़ी को आकर्षित कर रहे हैं।
सऊदी सेंट्रल बैंक यानी सामा ने ओपन बैंकिंग फ्रेमवर्क लागू किया है, जिससे फिनटेक कंपनियां बढ़ रही हैं। 2025 में फिनटेक कंपनियों की संख्या 261 से ज्यादा हो गई, जो विजन 2030 के टारगेट से आगे है। कैशलेस पेमेंट्स का लक्ष्य 70 प्रतिशत था, जो 2023 में ही हासिल हो गया और 2025 में 79 प्रतिशत तक पहुंच गया। मोबाइल वॉलेट, पीओएस टर्मिनल और ई-कॉमर्स पेमेंट्स में भारी बढ़ोतरी हुई है। सामा ने रेगुलेटरी सैंडबॉक्स के जरिए नए फिनटेक स्टार्टअप्स को टेस्टिंग की सुविधा दी, जैसे पी2पी लेंडिंग और ओपन बैंकिंग एपीआई। इससे फाइनेंशियल इंक्लूजन बढ़ रहा है, खासकर महिलाओं और युवाओं में। 2026 में विदेशियों को प्रॉपर्टी खरीदने की पूरी इजाजत मिलने से मॉर्टगेज लोन और बढ़ेंगे, जो बैंकिंग के लिए बड़ा अवसर है। रिटेल बैंकिंग मार्केट 2025 में 48.7 बिलियन डॉलर का था और 2030 तक 9.26 प्रतिशत सीएजीआर से बढ़कर 75.8 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है।
इस्लामिक बैंकिंग सऊदी अरब की रीढ़ है, क्योंकि ज्यादातर बैंक शरिया कंप्लायंट हैं। सऊदी में इस्लामिक बैंकिंग एसेट्स का शेयर 74.9 प्रतिशत है, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है। अल राजही बैंक दुनिया का सबसे बड़ा इस्लामिक बैंक है। सुकुक इश्यूएंस में भी सऊदी लीडर है। 2025 में इस्लामिक बैंकिंग ने मजबूत ग्रोथ दिखाई, और फिच ने 2026 के लिए न्यूट्रल आउटलुक दिया है, लेकिन नए डिजिटल इस्लामिक बैंक जैसे ताम और सऊदी के डी360 से कॉम्पिटिशन बढ़ेगा। छोटे इस्लामिक बैंकों में कंसॉलिडेशन हो सकता है। कुल मिलाकर, इस्लामिक फाइनेंस ग्लोबल स्तर पर 5.95 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की राह पर है, जिसमें सऊदी की बड़ी भूमिका है।
बैंकिंग सेक्टर की मजबूती के पीछे कई फैक्टर हैं। नॉन-परफॉर्मिंग लोन रेशियो बहुत कम है, 2025 में 0.94 प्रतिशत तक गिर गया, जो 2016 के बाद सबसे कम है। कवरेज रेशियो 158 प्रतिशत है, यानी बैंक खराब लोन के लिए पर्याप्त प्रोविजन रखते हैं। कैपिटल एडिक्वेसी रेशियो 20 प्रतिशत के करीब है, जो बेसल नियमों से ज्यादा है। लिक्विडिटी अच्छी है, हालांकि डिपॉजिट ग्रोथ लोन ग्रोथ से थोड़ी कम है, जिससे लोन-टू-डिपॉजिट रेशियो 106 प्रतिशत तक पहुंच गया। लेकिन सामा की सख्त निगरानी से सेक्टर सुरक्षित है। 2025 में कॉर्पोरेट लोन 7.5 प्रतिशत बढ़ा, रिटेल लोन भी मजबूत रहा। सरकार की मेगा प्रोजेक्ट्स जैसे नियोम, रेड सी, दिरियाह और किद्दिया के लिए बैंक बड़े लोन दे रहे हैं, जो लंबे समय में फायदा देगा। पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड यानी पीआईएफ भी बैंकिंग को सपोर्ट कर रहा है।
इसमें चुनौतियां भी हैं। इंटरेस्ट रेट में बदलाव से नेट इंटरेस्ट मार्जिन पर दबाव पड़ा, 2025 में यह 2.73 प्रतिशत तक गिर गया। फंडिंग कॉस्ट बढ़ी है, क्योंकि टाइम डिपॉजिट्स का शेयर बढ़ा। जियोपॉलिटिकल रिस्क, ऑयल प्राइस में उतार-चढ़ाव और ग्लोबल इकोनॉमी की अनिश्चितता से सावधानी बरतनी पड़ती है। लेकिन सऊदी बैंक इन रिस्क को हैंडल करने के लिए तैयार हैं। विदेशी निवेश बढ़ रहा है, और 2026 में फॉरेन ओनरशिप लिमिट बढ़ने से और फायदा होगा। ओपन बैंकिंग और एआई, ब्लॉकचेन जैसे इनोवेशन से बैंक नए प्रोडक्ट्स ला रहे हैं। फिनटेक और ट्रेडिशनल बैंकिंग का मर्जर हो रहा है, जैसे अल राजही का ब्लॉकचेन बेस्ड एसएमई फाइनेंसिंग।
2026 में बैंकिंग मार्केट वॉल्यूम 64 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, और नेट इंटरेस्ट इनकम 54 बिलियन डॉलर। रिटेल बैंकिंग में 9 प्रतिशत ग्रोथ की उम्मीद है। सामा की नई रेगुलेशंस जैसे फाइनेंस कंपनियों के लिए अपडेटेड नियम और फीस गाइड से ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी। कुल मिलाकर, सऊदी बैंकिंग सेक्टर न सिर्फ देश की इकोनॉमी को सपोर्ट कर रहा है, बल्कि रीजनल और ग्लोबल लेवल पर लीडर बन रहा है। युवा पीढ़ी डिजिटल बैंकिंग अपनाएगी, महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी, और फाइनेंशियल इंक्लूजन 100 प्रतिशत के करीब पहुंचेगा। सरकार का पूरा सपोर्ट, सामा की मजबूत रेगुलेशन और बैंक मैनेजमेंट की समझदारी से 2026 और उसके बाद का दौर सऊदी बैंकिंग के लिए गोल्डन पीरियड होगा।
वहीं बात की जाए अगर यूएई बैंकिंग क्षेत्र की यूएई का बैंकिंग क्षेत्र 2025 में बहुत मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है और 2026 की ओर और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है। यह मजबूती मुख्य रूप से देश की अर्थव्यवस्था की विविधता, नॉन-ऑयल सेक्टर की तेज ग्रोथ और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन से आ रही है। सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई की रिपोर्ट्स के अनुसार, 2025 में कुल बैंकिंग एसेट्स 5.2 ट्रिलियन दिरहम तक पहुंच गए हैं, जो पिछले साल की तुलना में 18 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी दिखाता है।
बड़े बैंक जैसे फर्स्ट अबू धाबी बैंक, एमिरेट्स एनबीडी, अबू धाबी इस्लामिक बैंक और दुबई इस्लामिक बैंक ने रिकॉर्ड प्रॉफिट दर्ज किए हैं। एफएबी का नेट प्रॉफिट 2025 के पहले हाफ में 29 प्रतिशत बढ़ा, जबकि कुल एसेट्स 1.34 ट्रिलियन दिरहम हो गए। इसी तरह दूसरे बैंकों ने भी डबल डिजिट ग्रोथ दिखाई। यह ग्रोथ कॉर्पोरेट लोन, रिटेल लोन और फीस इनकम से आई है। मूडीज और फिच जैसी रेटिंग एजेंसियां यूएई बैंकों को Aa2 और AA रेटिंग दे रही हैं, स्टेबल आउटलुक के साथ, जो सेक्टर की मजबूती दर्शाता है।
डिजिटल बैंकिंग और फिनटेक का दौर यूएई में तेजी से फैल रहा है। फिनटेक मार्केट 2025 में 46 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की राह पर है और 2030 तक 81 बिलियन डॉलर हो सकता है। नए डिजिटल बैंक और प्लेटफॉर्म्स जैसे जंद बैंक, लिव बैंक और ममो पे युवाओं को आकर्षित कर रहे हैं। सीबीयूएई ने ओपन बैंकिंग और ओपन फाइनेंस रेगुलेशंस लागू किए हैं, जिससे फिनटेक कंपनियां बढ़ रही हैं। 2025 में एआई, ब्लॉकचेन और डिजिटल करेंसी जैसे इनोवेशन आए हैं, जैसे डिजिटल दिरहम का पायलट और स्टेबलकॉइन प्रोजेक्ट्स।
89 प्रतिशत यूएई कंज्यूमर्स डिजिटल बैंकिंग इस्तेमाल कर रहे हैं, और कैशलेस पेमेंट्स बढ़ रहे हैं। दुबई फिनटेक समिट जैसे इवेंट्स से सेक्टर को बूस्ट मिल रहा है। फिनटेक स्टार्टअप्स में इन्वेस्टमेंट बढ़ा है, और यूएई मिडिल ईस्ट का फिनटेक हब बन रहा है। ओपन बैंकिंग से ट्रेडिशनल बैंक और फिनटेक का कोलैबोरेशन बढ़ रहा है, जो नए प्रोडक्ट्स जैसे इंस्टेंट पेमेंट्स और पर्सनलाइज्ड सर्विसेज ला रहा है।
जैसा की हम जानते हैं इस्लामिक बैंकिंग यूएई की बैंकिंग की बड़ी ताकत है। दुबई इस्लामिक बैंक, अबू धाबी इस्लामिक बैंक और एमिरेट्स इस्लामिक जैसे बैंक दुनिया के टॉप इस्लामिक बैंकों में हैं। 2025 में इस्लामिक बैंकिंग एसेट्स में 10 प्रतिशत से ज्यादा ग्रोथ हुई है, जो कन्वेंशनल बैंकिंग से तेज है। एमिरेट्स इस्लामिक को ग्लोबल फाइनेंस अवॉर्ड्स में बेस्ट इस्लामिक बैंक का खिताब मिला।
शरिया कंप्लायंट प्रोडक्ट्स जैसे सुकुक, ग्रीन फाइनेंस और हलाल इन्वेस्टमेंट्स बढ़ रहे हैं। यूएई ने इस्लामिक फाइनेंस और हलाल इकोनॉमी की नेशनल स्ट्रैटजी लॉन्च की है, जो सेक्टर को और मजबूत बनाएगी। कई कन्वेंशनल बैंक जैसे इन्वेस्ट बैंक ने इस्लामिक विंडो शुरू की है। इस्लामिक फिनटेक भी उभर रहा है, जैसे शरिया कंप्लायंट डिजिटल वॉलेट्स और टोकनाइजेशन। कुल मिलाकर, इस्लामिक बैंकिंग यूएई की ग्लोबल लीडरशिप दिखाता है।
बैंकिंग सेक्टर की मजबूती के पीछे अच्छी कैपिटल और लिक्विडिटी है। लोन ग्रोथ डबल डिजिट में है, खासकर रियल एस्टेट, टूरिज्म और एसएमई सेक्टर में। डिपॉजिट्स भी बढ़ रहे हैं, और लोन-टू-डिपॉजिट रेशियो कम है, जो सेक्टर को सुरक्षित बनाता है। सरकार की मेगा प्रोजेक्ट्स और डाइवर्सिफिकेशन पॉलिसी से बैंकिंग को सपोर्ट मिल रहा है। रियल एस्टेट मार्केट में बूम से मॉर्टगेज लोन बढ़े हैं, और टूरिज्म से रिटेल बैंकिंग को फायदा। विदेशी निवेश और एक्सपैट पॉपुलेशन से डिपॉजिट बेस मजबूत है।
सीबीयूएई की सख्त रेगुलेशन और स्ट्रेस टेस्ट्स से बैंक बड़े झटकों को सहन कर सकते हैं। ऐसे में 2026 में यूएई बैंकिंग और चमकेगा, क्योंकि इकोनॉमी मजबूत है, डिजिटल इनोवेशन तेज है और गवर्नमेंट सपोर्ट पूरा है। फिनटेक और ट्रेडिशनल बैंकिंग का मर्जर नए अवसर लाएगा। इस्लामिक बैंकिंग ग्लोबल लेवल पर लीड करेगा। युवा और एक्सपैट्स डिजिटल सर्विसेज अपनाएंगे, और फाइनेंशियल इंक्लूजन बढ़ेगा। यूएई ग्लोबल फाइनेंशियल हब बनने की राह पर है, और बैंकिंग सेक्टर इसकी रीढ़ है।



