टाइगर रिजर्व की सीमाओं के पुनर्निर्धारण पर घिरी भजन सरकार

- भडक़ी कांग्रेस, जूली ने सीईसी को आपत्ति-पत्र सौंपा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। राजस्थान के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व की सीमाओं के पुनर्निधारण को लेकर सरकार विवादों में आ गई है। कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार को घेर रही है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने इस मामले को लेकर अपना कड़ा विरोध दर्ज करवाया है। उन्होंने इसे बाघों के प्राकर्तिक आवास और संरक्षण के साथ अन्याय बताया है। जूली ने अपना विरोध जातते हुए केंद्रीय सशक्त समिति (सीईसी) को आपत्ति पत्र भी लिखा है। हाल में वन विभाग सरिस्का की सीमाओं के रेशनलाइजेशन का प्रस्ताव तैयार किया है। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि राजस्थान सरकार ने इस प्रक्रिया में कानूनी प्रक्रियाओं की अनदेखी की है।
जूली ने आरोप लगाया कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिए गए वचनों का उल्लंघन करते हुए का क्षेत्र घटाया है, जबकि आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में 48 बाघों के लिए 1820.99 वर्ग किमी क्षेत्र की आवश्यकता है। इसके विपरीत, प्रस्ताव में मात्र 85 हेक्टेयर क्षेत्र ही जोड़ा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि 2004 में जब सरिस्का में सिर्फ 492 वर्ग किमी क्षेत्र संरक्षित था, तब यहां से बाघ विलुप्त हो गए थे, लेकिन 2007 में अतिरिक्त ष्टञ्ज॥ जोड़े जाने के बाद पुन: बाघों की वापसी हुई। जूली ने कहा कि सरिस्का को आबाद रखने के लिए डॉ. मनमोहन सिंह सरकार ने टाइगर प्रोजेक्ट शुरू किया।



