भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

भाजपा राज में सरकार पर सवाल उठाना गुनाह सा हो गया है। अगर आपने सरकार की आलोचना की या सरकार से सवाल उठाए तो आपको न सिर्फ भाजपाइयों की गालियां सुननी पड़ेंगी बल्कि कानून शिकंजा भी आप पर कसा जा सकता है।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: भाजपा राज में सरकार पर सवाल उठाना गुनाह सा हो गया है। अगर आपने सरकार की आलोचना की या सरकार से सवाल उठाए तो आपको न सिर्फ भाजपाइयों की गालियां सुननी पड़ेंगी बल्कि कानून शिकंजा भी आप पर कसा जा सकता है।

ऐसे में जिन-जिन लोगों ने सरकार पर सवालिया निशान दागे हैं उन्हें या तो जेल मिली है या ‘फिर जांच एजेंसियों का नोटिस। खैर इसी का शिकार होती नजर आ रही हैं, लोकप्रिय भोजपुरी गायिका नेहा सिंह राठौर। जी हाँ दोस्तों सही सुना आपने दरअसल नेता अक्सर भाजपा सरकार पर सवाल उठाती हुई नजर आती हैं। देश में तमाम ऐसे मुद्दे हैं जिनपर नेता ने खुलकर पीएम मोदी और भाजपा सरकार की आलोचना की है। लेकिन अब आलम ये है कि नेहा खुद पुलिस की रडार पर हैं।

दरअसल सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर चल रहे केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच से उन्हें बड़ा झटका लगा है. न्यायमूर्ति बृज राज सिंह की एकल पीठ ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी. अदालत ने साफ-साफ कहा कि नेहा सिंह ने जांच में सहयोग नहीं किया. पुलिस को पूरा हक है जांच करने का. कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि उनका विवादित पोस्ट जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के ठीक बाद किया गया था, जिसका समय बेहद संवेदनशील था. गौरतलब है कि इसी साल अप्रैल में लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में नेहा के खिलाफ FIR दर्ज हुई थी.

अभियुक्त की ओर से दलील दी कि सोशल मीडिया पर की गईं टिप्पणियां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का विषय है। यह भी कहा गया कि अभियोजन के पूरे कथानक से मामले में देश के एकता को खतरे में डालने और देश के विरुद्ध विद्रोह की धाराएं नहीं लगाई जा सकतीं। वहीं जमानत का सरकारी वकील डॉ. वीके सिंह ने विरोध करते हुए कहा-जब देश एक संवेदनशील स्थिति से गुजर रहा था तब अभियुक्त ने भाजपा देश को युद्ध में झोंकना और हजारों सैनिकों की जान जोखिम में डालना चाहती है। जैसी टिप्पणियां की, जिनमें पाकिस्तान से ध्यान हटाकर प्रधानमंत्री को दोषी सिद्ध करने के दुष्प्रचार शामिल थे। इसी वजह से पाक ने अभियुक्त के सोशल मीडिया पोस्टों को भारत के खिलाफ दुष्प्रचार का हथियार बनाया।

अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पारित अपने आदेश में कहा-एफआइआर को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज करते हुए दो सदस्यीय खंडपीठ ने अभियुक्त को 26 सितंबर की तिथि नियत कर विवेचना अधिकारी के समक्ष उपस्थित होने का आदेश दिया था। इस आदेश के विरुद्ध अभियुक्त की विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी, बावजूद इसके अभियुक्त ने विवेचना में सहयोग नहीं किया, ऐसे में उसे अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता। गौरतलब है कि भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के विरुद्ध यह प्राथमिकी 27 अप्रैल 2025 को लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में अभय प्रताप सिंह उर्फ निर्भीक ने राष्ट्रीय एकता भंग करने, सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने और देश की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने के तहत दर्ज कराई है।

अब बात की जाए नेहा के उस विवादित पोस्ट की तो नेहा सिंह राठौर पर आरोप है कि उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा था कि पहलगाम हमले के बाद मोदी जी बिहार आए ताकि पाकिस्तान को धमकाएं और राष्ट्रवाद के नाम पर वोट बटोर सकें. उन्होंने आगे लिखा कि आतंकियों को ढूंढने और अपनी गलती मानने के बजाय बीजेपी देश को युद्ध की तरफ धकेल रही है. इन पोस्ट्स को प्रधानमंत्री का अपमान और देश में नफरत फैलाने वाला माना गया. इससे पहले 19 सितंबर को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने भी नेहा की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने पूरी FIR ही रद्द करने की मांग की थी. कोर्ट ने तब कहा था कि आरोप गंभीर हैं और नेहा को जांच में पूरा सहयोग करना होगा.

जिसके बाद अब सरकारी वकील ने कोर्ट में पक्ष रखा कि नेहा बार-बार समन के बावजूद जांच में सहयोग नहीं कर रही हैं, इसलिए अग्रिम जमानत नहीं दी जा सकती. अब अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद नेहा सिंह राठौर के लिए गिरफ्तारी का खतरा बढ़ गया है.अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के साथ ही, लखनऊ पुलिस को अब नेहा सिंह राठौर के खिलाफ गिरफ्तारी की कार्रवाई करने का पूर्ण कानूनी अधिकार मिल गया है।सामने आई जानकारी के मुताबिक गायिका की गिरफ्तारी के लिए टीमें लगातार दबिश दे रही हैं। वहीं, नेहा सिंह राठौर के कानूनी सलाहकार अब आगे की राहत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने पर विचार कर रहे हैं। गौरतलब है कि हर मुद्दे पर सवाल उठाने वाली नेहा अब खुद मुसीबत में हैं। या यूँ कह लें कि सरकार के खिलाफ बोलने का इनाम मिल रहा है।

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