भाजपा सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का मजाक बना दिया: जयराम रमेश

भारत-पाक युद्ध हमने रुकवाया केचीनी दावे पर भडक़ी कांग्रेस

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार यह दावा करने के बाद कि वाशिंगटन ने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को रोका, चीन ने भी ऑपरेशन सिंदूर के बाद चार दिनों तक चले संघर्ष के दौरान तनाव कम करने में अपनी भूमिका का दावा किया। जयराम रमेश ने एक पोस्ट में चीन के दावे पर चिंता व्यक्त की, क्योंकि बीजिंग के पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ रक्षा संबंध हैं और वह इस्लामाबाद को हथियार आपूर्ति करता है।
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी द्वारा भारत-पाकिस्तान गतिरोध में मध्यस्थता करने के दावे के बाद केंद्र पर तीखा हमला करते हुए इसे नई दिल्ली की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ मजाक बताया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बार-बार यह दावा करने के बाद कि वाशिंगटन ने भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित युद्ध को रोका, चीन ने भी ऑपरेशन सिंदूर के बाद चार दिनों तक चले संघर्ष के दौरान तनाव कम करने में अपनी भूमिका का दावा किया।
जयराम रमेश ने एक पोस्ट में चीन के दावे पर चिंता व्यक्त की, क्योंकि बीजिंग के पाकिस्तान के साथ घनिष्ठ रक्षा संबंध हैं और वह इस्लामाबाद को हथियार आपूर्ति करता है।

कांग्रेस नेता बोले- राष्ट्रपति ट्रंप पहले से ही लंबे समय से दावा करते रहे हैं

कांग्रेस नेता ने लिखा कि राष्ट्रपति ट्रंप लंबे समय से दावा करते रहे हैं कि उन्होंने 10 मई, 2025 को ऑपरेशन सिंदूर को रोकने के लिए व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप किया था। उन्होंने कम से कम सात अलग-अलग देशों में विभिन्न मंचों पर 65 बार ऐसा किया है। प्रधानमंत्री ने अपने तथाकथित करीबी दोस्त द्वारा किए गए इन दावों पर कभी चुप्पी नहीं तोड़ी है। अब चीनी विदेश मंत्री ने भी ऐसा ही दावा किया है और कहा है कि चीन ने मध्यस्थता भी की थी। 4 जुलाई, 2025 को सेना उप प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत वास्तव में चीन का सामना कर रहा था और उससे लड़ रहा था। यह देखते हुए कि चीन स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के साथ था, भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के चीनी दावे चिंताजनक हैं – न केवल इसलिए कि वे सीधे तौर पर हमारे देश के लोगों को जो विश्वास दिलाया गया है, उसके विपरीत हैं, बल्कि इसलिए भी कि वे हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का मजाक उड़ाते प्रतीत होते हैं, उन्होंने आगे कहा।

चीनी विदेश मंत्री के बयान पर पीएम मोदी स्पष्टीकरण दें

इसके अलावा, रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने चीन की शर्तों पर उससे बातचीत की है। उन्होंने चीनी विदेश मंत्री के बयान पर केंद्र से स्पष्टीकरण की भी मांग की। इस दावे को चीन के साथ हमारे संबंधों के संदर्भ में भी समझा जाना चाहिए। हमने उनके साथ पुन: संपर्क स्थापित करना शुरू कर दिया है – लेकिन दुर्भाग्य से, यह चीनी शर्तों पर ही हुआ है। 19 जून, 2020 को प्रधानमंत्री द्वारा चीन को क्लीन चिट देने से भारत की वार्तात्मक स्थिति काफी कमजोर हो गई है। हमारा व्यापार घाटा रिकॉर्ड ऊंचाई पर है, और हमारे अधिकांश निर्यात चीन से आयात पर निर्भर हैं। अरुणाचल प्रदेश के संबंध में चीन की उकसाने वाली कार्रवाइयां लगातार जारी हैं। ऐसे एकतरफा और शत्रुतापूर्ण संबंधों के बीच, भारत की जनता को यह स्पष्टता चाहिए कि ऑपरेशन सिंदूर को अचानक रोकने में चीन की क्या भूमिका थी।

विदेश मंत्रालय का दावा- किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं

भारत ने चीन के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है कि उसने इस साल की शुरुआत में मिलिट्री टकराव के दौरान नई दिल्ली और इस्लामाबाद के बीच मध्यस्थता की थी, और दोहराया है कि सीजफ़ायर के फैसले में कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं था। भारत लगातार यह कहता रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद 10 मई को हुआ सीजफ़ायर दोनों देशों के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस के बीच सीधी बातचीत के बाद हुआ था। हमने पहले ही ऐसे दावों का खंडन कर दिया है। भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं है। हमारा रुख पहले भी कई बार साफ किया जा चुका है कि भारत-पाकिस्तान सीजफ़ायर पर दोनों देशों के डीजीएमओ के बीच सीधे सहमति बनी थी। यह घटनाक्रम चीनी विदेश मंत्री वांग यी के डोनाल्ड ट्रंप जैसा बयान देने के बाद आया है, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि बीजिंग ने मई में भारत और पाकिस्तान के बीच टकराव सहित कई वैश्विक संघर्षों में मध्यस्थता की थी।

खालिदा जिया को अंतिम विदाई, जयशंकर भी पहुंचे

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
ढाका । बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का पार्थिव शरीर ढाका के गुलशन स्थित आवास फिरोजा पहुंचा, जहां परिवार ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दी। 80 वर्ष की उम्र में निधन के बाद देश में शोक है। तीन बार प्रधानमंत्री रहीं खालिदा जिया के सम्मान में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर अंतिम संस्कार में शामिल होने ढाका पहुंच गए हैं।
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का पार्थिव शरीर बुधवार को ढाका के गुलशन इलाके में स्थित उनके आवास ‘फिरोजा’ पहुंचा। यहां परिवार के सदस्यों और करीबी रिश्तेदारों ने उनकी नमाज-ए-जनाजा से पहले अंतिम श्रद्धांजलि दी। इस बात की जानकारी बांग्लादेशी अंतरिम सरकार के मुखिया मुहम्मद यूनुस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पोस्ट करके दी। उन्होंने बताया कि खालिदा जिया का पार्थिव शरीर फिरोजा लाया गया, जहां उनके परिवार और रिश्तेदारों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। इसी बीच भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर बुधवार को बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए ढाका पहुंचे। विदेश मंत्री जयशंकर को ढाका हवाई अड्डे पर बांग्लादेश में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने स्वागत किया। भारतीय दूतावास के प्रवक्ता ने इसकी पुष्टि बांग्लादेश की सरकारी समाचार एजेंसी को की। जयशंकर को लेकर आया विशेष विमान सुबह 11:30 बजे ढाका पहुंचा। एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि जयशंकर भारत सरकार और भारत की जनता का प्रतिनिधित्व करते हुए खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में शामिल हो रहे हैं।

मां के पार्थिव शरीर के सामने दुआ करते नजर आएं बेटे रहमान

जब खालिदा जिया का पार्थिव शरीर गुलशन इलाके में स्थित उनके आवास ‘फिरोजा’ पहुंचा तब बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष और खालिदा जिया के बेचे तारीक रहमान को अपनी मां को श्रद्धांजलि देते हुए देखा गया। वे हाथ में दुआ की किताब लिए शांत भाव से बैठे थे।

दोपहर दो बजे अदा की गयी नवाज-ए-जनाजा

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया की नमाज-ए-जनाजा आज दोपहर 2 बजे ढाका के माणिक मिया एवेन्यू स्थित संसद भवन (संसद भवन) के साउथ प्लाजा में अदा की गयी। जनाजे में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौके पर पहुंचेऔर लाखों शोकाकुल लोगों के आने की खबर है। अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस समेत कई बड़े नेता और गणमान्य लोग जनाजे में शामिल हुए।

उत्तर भारत में बारिश की संभावना, और बढ़ेगी ठंड

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। अगले दो से तीन दिन में भारत के मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। आईएमडी के मुताबिक पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर में हल्की बारिश का अनुमान हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग उत्तर भारत ने यह जानकारी दी है।
उन्होंने बताया कि इस समय उत्तर पाकिस्तान के ऊपर एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है, जिसके प्रभाव से आने वाले दो से तीन दिनों तक मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की संभावना है। खास तौर पर बुधवार को कश्मीर घाटी में कहीं-कहीं भारी बारिश या बर्फबारी भी हो सकती है। इससे पहाड़ी इलाकों में ठंड और बढऩे के साथ-साथ जनजीवन प्रभावित होने की आशंका है। मैदानी इलाकों की बात करें तो पंजाब, हरियाणा और उत्तरी राजस्थान के कई हिस्सों में हल्की बारिश हो सकती है।
वहीं, दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के क्षेत्रों में कल बहुत हल्की से हल्की बारिश होने का अनुमान जताया गया है। मौसम विभाग का कहना है कि इस पश्चिमी विक्षोभ के असर से तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है और ठंड का असर बढ़ सकता है। आने वाले दिनों में मौसम पर नजर रखने और आवश्यक सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है।

सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की खुली पोल

दूषित पानी से 7 की मौत, 40 से ज़्यादा अस्पताल में भर्ती

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
इंदौर। भारत के सबसे साफ शहर इंदौर में दूषित पीने का पानी पीने से कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई है और 40 से ज़्यादा लोग बीमार पड़ गए हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इंदौर के भागीरथपुरा इलाके में दूषित पानी की समस्या का संज्ञान लिया है और इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
निर्देशों पर कार्रवाई करते हुए, इंदौर कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि ज़ोनल ऑफिसर शालिग्राम सिटोले और असिस्टेंट इंजीनियर योगेश जोशी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है, जबकि इंचार्ज सब-इंजीनियर शुभम श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि इस घटना में अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकारी आंकड़ा 3 है, लेकिन शहर के भागीरथपुरा इलाके में मरने वालों की असली संख्या 7 हो गई है। अधिकारियों के अनुसार, 24 दिसंबर से उल्टी और दस्त के मामले तेज़ी से बढऩे लगे। फिलहाल 40 से ज़्यादा लोग बीमार बताए जा रहे हैं, जबकि 1000 से ज़्यादा निवासियों को अब तक मेडिकल इलाज मिल चुका है।
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि जब निवासियों को घरों के नलों से बदबूदार और गंदा पानी मिलता रहा, तो स्थिति तेज़ी से बिगड़ गई।

बीएमसी आयुक्त कोहाईकोर्ट की फटकार

कोर्ट कर्मियों की चुनावी ड्यूटी लगाने से अदालत नाराज, अधिकार पर उठे सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी कमिश्नर द्वारा जारी उस चिट्टी पर रोक लगा दी है, जिसमें कमिश्नर ने निचली अदालत के कर्मचारियों को भी चुनाव ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने का निर्देश दिया था। उच्च न्यायालय ने बीएमसी कमिश्नर के अदालत कर्मचारियों को चुनाव ड्यूटी पर बुलाने के अधिकार पर भी सवाल उठाया है
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस अश्विन भोबे की पीठ ने मुख्य न्यायाधीश के आवास पर हुई विशेष सुनवाई के दौरान कहा कि बीएमसी कमिश्नर, जो जिला चुनाव अधिकारी के तौर पर भी काम कर रहे हैं, उन्हें हाईकोर्ट या निचली अदालत के स्टाफ को चुनाव ड्यूटी के लिए उनकी सेवाओं की मांग करते हुए कोई भी पत्र या संचार का अन्य कोई भी माध्यम जारी करने से रोका जाता है। पीठ ने कहा, हाईकोर्ट की प्रशासनिक समिति ने सितंबर 2008 में फैसला किया था कि हाईकोर्ट और निचली अदालत के स्टाफ को चुनाव ड्यूटी से छूट दी जाएगी। उच्च न्यायालय ने बीएमसी कमिश्नर के पत्र पर स्वत: संज्ञान लेकर यह सुनवाई की। गौरतलब है कि जिस दिन बीएमसी कमिश्नर ने चि_ी जारी की, उसी दिन चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने बीएमसी कमिश्नर और मुंबई के कलेक्टर को सूचित किया कि हाईकोर्ट के निचली अदालतों के स्टाफ के बारे में लिए गए एक प्रशासनिक फैसले के तहत, कोर्ट स्टाफ को चुनाव ड्यूटी से छूट देने का अनुरोध किया गया है। इसके बावजूद बीएमसी कमिश्नर ने 29 दिसंबर को निचली अदालत के स्टाफ को चुनाव ड्यूटी से छूट देने का अनुरोध अस्वीकार कर दिया।

हाईकोर्ट ने कमिश्नर से मांगा हलफनामा

सुनवाई के दौरान बीएमसी की तरफ से पेश वकील कोमल पंजाबी ने कमिश्नर द्वारा जारी पत्र को वापस लेने की मांग की, लेकिन उच्च न्यायालय ने अनुरोध अस्वीकार कर दिया। हाईकोर्ट ने बीएमसी कमिश्नर को एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें उन शक्तियों का उल्लेख करने को कहा गया है, जिनके तहत कमिश्नर ने अदालत के स्टाफ को चुनाव ड्यूटी के लिए रिपोर्ट करने का निर्देश दिया। साथ ही पीठ ने चुनाव आयोग, राज्य चुनाव आयोग और महाराष्ट्र सरकार को भी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट अब इस मामले पर 5 जनवरी को सुनवाई करेगा।

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