अलीगढ़ में भाजपा नेताओं ने बाजार बंद कराया, थाने के गेट पर पढ़ी हनुमान चालीसा

अलीगढ़। अलीगढ़ में भाजपाइयों ने कब्रिस्तान की दीवार को 4 घंटे तक हाईवोल्टेज ड्रामा किया। बाजार को बंद कराकर देहलीगेट थाने का घेराव किया। गेट पर बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ किया। साथ ही पुलिस प्रशासन के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। मामले की जानकारी पर मुस्लिम पक्ष की ओर से पूर्व विधायक जमीर उल्ला खान मौके पर पहुंचे। इसके बाद कई थानों की फोर्स भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने समझा-बुझाकर किसी तरह से मामला शांत कराया।
रोरावर थाना क्षेत्र के कब्रिस्तान में एक समुदाय 17 फरवरी को बाउंड्रीवाल और रास्ते का निर्माण काम चल रहा था। जिसके बाद दूसरे पक्ष ने इस पर आपत्ति जताई थी और दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे। मामला बढऩे पर क्षेत्रिय पुलिस और अधिकारी मौके पर पहुंचे थे और निर्माण काम को रुकवाकर यथा स्थिति बनवा दी थी।
निर्माण काम रुकवाए जाने के एक माह बाद इस काम को दुबारा शुरू करा दिया गया। भाजपाइयों का आरोप है कि निर्माण काम रुकवाए जाने के बाद इसे रविवार को दुबारा से चोरी छुपकर शुरू करवा दिया गया। इसी बात को लेकर दोनों पक्ष आमने सामने आ गए है। एक पक्ष की ओर से पूर्व सपा विधायक हाजी हमीर उल्लाह भी पहुंच गए, जिसके बाद मामला और बढ़ गया।
कब्रिस्तान के निर्माण काम को लेकर भाजपाइयों ने पुराने शहर के सारे बाजार बंद करा दिए और जमकर हंगामा किया। इसके साथ ही लोगों ने पुलिस मुर्दाबाद के भी जमकर नारेबाजी की। हंगामा होने के बाद जहां पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए वहीं पीएसी और आरएएफ भी मौके पर तैनात कर दी गई है।
कब्रिस्तान में विवाद होने के बाद पूर्व विधायक हाजी जमीर उल्लाह भी मौके पर पहुंच गए। जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच जमकर विवाद हुआ। वहीं पूर्व विधायक ने घटना के बाद भाजपाइयों के खिलाफ थाने में तहरीर दी है और आरोप लगाया है कि उनके साथ मारपीट और अभद्रता की गई। इसके साथ ही उन्हें जान से मारने का प्रयास भी किया गया।
अलीगढ़ में कब्रिस्तान का यह मामला लगातार 2003 से चल रहा है। 2003 में इसी विवाद को लेकर दो समुदाय आमने सामने आ गए थे और शहर में कफ्र्यू लगाना पड़ गया था। 2003 में कनवरीगंज इलाके से एक शव यात्रा को रोरावर श्मशान ले जाने के दौरान रास्ते के विवाद को लेकर दो समुदाय आमने सामने आ गए थे और दोनों के बीच झगड़ा हो गया था।
इस विवाद ने सांप्रदायिक रूप ले लिया था और पुराने शहर के तीन थाना क्षेत्रों में कफ्र्यू लगाना पड़ गया था। जिसके बाद तत्कालीन एसओ देहली गेट अरुण कुमार सिंह ने दोनों समुदायों के 39 लोगों पर दर्ज कराया था। इस मुकदमें में पूर्व विधायक स्व. केके नवमान, भाजपा पूर्व शहर विधायक संजीव राजा, पूर्व मेयर शकुंतला भारती, पूर्व भाजपा महानगर अध्यक्ष स्व. चरणजीत अरोरा, संजय टाइल्स को नामजद किया गया था।

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