लोक कल्याण संकल्प पत्र को पहले बजट से ही अमली जामा पहनाने में जुटेगी भाजपा

लखनऊ। योगी सरकार अपनी दूसरी पारी का पहला बजट मई में लाने की तैयारी कर रही है। विधानमंडल का बजट सत्र मई के तीसरे हफ्ते में शुरू हो सकता है। सरकार भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र को पहले बजट से ही अमली जामा पहनाने में जुटेगी। बजट में केंद्रीय योजनाओं पर भी फोकस बरकरार रहेगा। वैसे तो योगी सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले चार महीनों के खर्च के लिए लेखानुदान पारित करा चुकी है लेकिन सूत्रों का कहना है कि शीर्ष स्तर से निर्देश दिया गया है कि जब सरकार वही है, उसकी प्राथमिकताएं भी वही हैं और अफसर भी वही तो लेखानुदान की अवधि का इंतजार क्यों किया जाए। बजट जल्दी लाकर सरकार के एजेंडा को आगे बढ़ाया जाए। लिहाजा वित्त विभाग बजट की तैयारियों में जुट गया है। उसने सभी विभागों से 20 अप्रैल तक बजट प्रस्ताव मांगे हैं। सरकार की निगाहें दो साल बाद होने वाले लोक सभा चुनाव पर हैं। इसलिए दूसरी पारी के पहले बजट से ही सरकार लोक कल्याण संकल्प पत्र में किये गए वादों को साकार करना चाहेगी। योगी सरकार ने मुफ्त राशन की सुविधा को तीन माह के लिए बढ़ाया है। बजट में इसकी व्यवस्था की जाएगी। उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को मुफ्त रसोई गैस सिलिंडर के तोहफे के लिए भी सरकार पहले बजट में आवंटन कर सकती है।

परियोजनाओं को रफ्तार देना सरकार की प्राथमिकता
वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना कह चुके हैं कि बजट का फोकस बुनियादी ढांचे के विकास, किसानों, रोजगार और स्टार्टअप पर होगा। अधूरी एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल तथा जेवर व अयोध्या एयरपोर्ट परियोजनाओं के लिए धनावंटन कर उन्हें रफ्तार देना सरकार की प्राथमिकता होगी। केंद्र के बजट में घोषित की जा चुकी पीएम गतिशक्ति योजना का भी उत्तर प्रदेश सरकार ज्यादा से ज्यादा लाभ लेने की कोशिश करेगी। संकल्प पत्र में किए गए वादे के मुताबिक किसानों को सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली की सुविधा मुहैया कराने के लिए बजट में संसाधनों का इंतजाम हो सकता है। गंगा नदी के किनारे पांच किलोमीटर के दायरे में जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए भी बजट आवंटन हो सकता है। हर घर नल परियोजना को तेजी से क्रियान्वित करने के लिए भी बजट में संसाधनों का इंतजाम होगा।

गरीबों की झोपड़ी पर नहीं चलेगा बुलडोजर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की जनता को आश्वस्त किया कि पुनर्वास से पहले गरीब की झोपड़ी नहीं हटाई जाएगी। अगर किसी गरीब की झोपड़ी सरकारी जमीन पर है तो पहले उसे पुनर्वासित किया जाएगा, फिर भूमि को कब्जा मुक्त कराया जाएगा। सरकार गरीबों के प्रति संवेदनशील है। अधिकारियों को भी निर्देश दिया गया है किसी भी गरीब की झोपड़ी तब तक न हटाएं, जब तक उसे आवास न उपलब्ध करा दिया जाए। उन्होंने कहा यदि भूमि अनारक्षित श्रेणी की होगी तो गरीब को वही जमीन पट्टे में दे दी जाएगी। भूमि के आरक्षित श्रेणी का होने पर उसे अन्यत्र आवास उपलब्ध कराया जाएगा।

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