केंद्र सरकार ने ‘उम्मीद’ पोर्टल किया लॉन्च, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने उठाए सवाल
बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वक्फ एक्ट में किए गए 48 संशोधनों का पहले से ही व्यापक विरोध हो रहा है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः केंद्र सरकार ने शुक्रवार को वक्फ संपत्तियों के डिजिटल पंजीकरण के लिए उम्मीद पोर्टल लॉन्च किया है। सरकार का दावा है कि इस पोर्टल से वक्फ संपात्तियों की पारदर्शिता और बेहतर प्रबंधन संभव हो सकेगा। हालांकि, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने कदम पर कड़ी आपत्ति जताई है और इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।
बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वक्फ एक्ट में किए गए 48 संशोधनों का पहले से ही व्यापक विरोध हो रहा है। उन्होंने कहा, “हमारा स्टैंड बिल्कुल स्पष्ट है। हमने इस संशोधन का विरोध किया है। विपक्षी दलों, सिविल सोसाइटी और देश की अन्य अल्पसंख्यक संस्थाओं ने भी इसका विरोध किया है।”
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ सैयद कासिम रसूल इलियास ने सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड के लिए ‘उम्मीद’ पोर्टल लॉन्च करने पर कहा कि हमारा स्टैंड बहुत साफ है. हमने इस पूरे 48 संशोधन का विरोध किया है. विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया है. सिविल सोसाइटी ने विरोध किया है. जितने भी माइनॉरिटी हैं सभी ने विरोध किया है. अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट के अंदर अधीन है, इस पर बहस चल रही है.
सरकार को सब्र से काम लेना चाहिए था
इलियास ने कहा, हमारा मानना यह है कि अभी सरकार को सब्र से काम लेना चाहिए था. जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी. यह गलत बात होगी कि अभी कोर्ट के अंदर यह मामला विचारहीन हो और आप कार्रवाई शुरू कर दें. दूसरी बात ये है कि हम ये समझते हैं कि सरकार के कुछ इरादे हैं वक्फ को लेकर. वह पूरा वक्फ कानून को देखने से भी अंदाजा हो जाता है.
उन्होंने कहा कि इस पोर्टल को जल्दी लाने का मतलब ही है कि वह चाहते हैं बहुत सारी वक्फ प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन होने से छूट जाए
और यह डिक्लेयर कर दें कि जो प्रॉपर्टी रजिस्टर नहीं हुई वह अमान्य है. हमने कल बयान जारी कर यही कहा था कि इस वक्त में जब मामला विचारथीन है तो इसमें जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए. हमें कोर्ट के आदेश का इंतजार करना चाहिए.
कोर्ट का फैसला जुलाई में आ जाएगा
इलियास ने कहा, कोर्ट का फैसला जुलाई में आ जाएगा. उसके बाद यह संवैधानिक पीठ के हवाले किया जाएगा. जब तक संवैधानिक पीठ पूरे कानून पर फैसला नहीं दे देती, सरकार को जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए. ये जो जल्दबाजी की जा रही है, दरअसल ये वक्फ की प्रॉपर्टी के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश है. उसको हथियाने की कोशिश है. हम इसका विरोध करते हैं. सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे.
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम को चुनौती देने की तैयारी को लेकर इलियास ने कहा कि हमने तैयारी शुरू कर दी है. हो सकता है कि हम छुट्टियों से पहले ही इसे सुप्रीम कोर्ट में चैलेंगे करें. हमने लोगों से यही बात कही है कि पोर्टल बहुत गलत इरादे से लाया गया है. इसमें आप जल्दबाजी न करें. कोर्ट के फैसले का इंतजार करें.



