अंबानी-अडानी के 52 हजार करोड़ रुपए खा गया चीन का वायरस

नई दिल्ली। दुनिया के टॉप 20 अमीरों में शुमार भारत के अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी और गौतम अडानी के 52 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा चीन का वायरस खा गया. हैरान होने की जरुरत नहीं है. इसका सुबूत ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स में साफ तौर पर मिल रहा है. मंगलवार को शेयर बाजार में गिरावट आने की वजह से दोनों ही अरबपतियों की दौलत में कमी देखने को मिली है. शेयर बाजार में गिरावट की असल वजह चीन के वायरस एचएमपीवी को बताया जा रहा है. गौतम अडानी और मुकेश अंबानी की दौलत में कंबाइंडली 52 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में दोनों अरबपतियों की दौलत कितनी रह गई है.
ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार एशिया के सबसे अमीर कारोबारी मुकेश अंबानी की दौलत में 2.59 अरब डॉलर यानी 22 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. जिसकी वजह से उनकी कुल दौलत 90.5 अरब डॉलर रह गई है. खास बात तो ये है कि मौजूदा साल यानी 2025 के कुछ ही दिनों में मुकेश अंबानी की नेटवर्थ में 119 मिलियन डॉलर की कमी आ चुकी है. मौजूदा समय में मुकेश अंबानी दुनिया के 17वें सबसे अमीर कारोबारी हैं. सोमवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में 2 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली थी.
एशिया के दूसरे और दुनिया के 19वें सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडानी की दौलत में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है. ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार गौतम अडानी की दौलत में 3.53 अरब डॉलर यानी 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली है. जिसके बाद उनकी कुल दौलत 74.5 अरब डॉलर रह गई है. वैसे 2025 के कुछ ही दिनों में उनकी दौलत में 4.21 अरब डॉलर की कमी देखी जा चुकी है. सोमवार को अडानी ग्रुप की तमाम कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट देखी गई थी.
शेयर बाजार में बड़ी गिरावट की वजह से चीन के वायरस एचएमपीवी को माना गया. जिसकी वजह से दोनों अरबपतियों की दौलत में गिरावट देखने को मिली. इसका मतलब है चीन के वायरस की वजह से दोनों अरबपतियों की दौलत में कंबाइंडली 52 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. खास बात तो ये है कि ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के अनुसार दुनिया के अरबपतियों में गौतम अडानी और मुकेश अंबानी की दौलत में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली है. जिसका प्रमुख कारण चीन के वायरस का दुनियाभर या यूं कहें कि अमेरिका और यूरोप में ना पहुंचना है. वर्ना वहां के शेयर बाजारों में भी पैनिक देखने को मिल सकता था.

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