कांग्रेस ने उठाए सवाल: क्या भारत ने शिमला समझौते को छोड़ दिया? -जयराम रमेश
जयराम रमेश ने कहा, "कांग्रेस का यह भी मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की ओर से किसी "तटस्थ स्थल" का जिक्र करना कई सवाल खड़े करता है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः कांग्रेस ने भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। वरिष्ठ कांग्रस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम नरेश ने अमेरिकी विदेश मंत्री रूबियो द्वारा तटस्ठ स्थल पर भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की संभावनाओं ते जिक्र पर गंभीर आपत्ति जताई है।
जयराम रमेश ने कहा, “कांग्रेस का यह भी मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की ओर से किसी “तटस्थ स्थल” का जिक्र करना कई सवाल खड़े करता है. क्या अब हमने शिमला समझौते को छोड़ दिया है? क्या हमने अब तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं?”
पहलगाम आतंकी हमला, फिर भारत की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाने के बाद पाकिस्तान के साथ छिड़े संघर्ष के साथ सीजफायर के ऐलान से पहले तक कांग्रेस लगातार सरकार के साथ खड़े होने की बात कहती रही है. लेकिन अमेरिका की मदद से सीजफायर के ऐलान के बाद कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर हो गई है. कांग्रेस ने इस मसले पर विशेष संसद सत्र बुलाने की मांग की है. साथ ही सवाल किया कि क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं?
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपने लंबे पोस्ट में कहा, “कांग्रेस प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) की अगुवाई में सर्वदलीय बैठक की मांग करती है. साथ में पार्टी पहलगाम आतंकी हमला, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और सीजफायर को लेकर पहले वाशिंगटन डीसी फिर उसके बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारों की ओर से की गई युद्ध विराम घोषणाओं पर पूर्ण चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग भी दोहराती है.”
The Indian National Congress reiterates its demand for an all- party meet chaired by the PM and for a special session of Parliament for a full discussion on Pahalgam, Operation Sindoor, and the ceasefire announcements made from Washington DC first and then subsequently by the…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 11, 2025
क्या पाकिस्तान के साथ फिर शुरू होगी बातचीत’
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे कहा, “कांग्रेस का यह भी मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के लिए अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की ओर से किसी “तटस्थ स्थल” का जिक्र करना कई सवाल खड़े करता है. क्या अब हमने शिमला समझौते को छोड़ दिया है? क्या हमने अब तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं?” जयराम रमेश ने कहा, “कांग्रेस यह पूछना चाहती है कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच डिप्लोमैटिक चैनल फिर से खोले जा रहे हैं? हमने किस तरह की प्रतिबद्धताएं मांगी हैं और हमें क्या हासिल हुआ है?”
उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस कल शाम हमारे देश के 2 पूर्व सेना प्रमुखों की ओर से की गई टिप्पणियों की ओर ध्यान आकर्षित करती है. इन टिप्पणियों का जवाब खुद पीएम मोदी से मांगा जाना चाहिए.” वह आगे कहते हैं. “अंत में, कांग्रेस का मानना है कि देश के लिए 1971 में असाधारण साहसी और दृढ़ नेतृत्व के लिए इंदिरा गांधी को याद करना स्वाभाविक भी है.”



