‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर नहीं थम रहा विवाद
इंडोनेशिया में डिफेंस अताशे के बयान से मचा हंगामा

- कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा
- भारतीय दूतावास ने कहा- संदर्भ को गलत प्रस्तुत किया गया
- भारतीय रक्षा अताशे बोले – पाकिस्तान पर किए गये हमले में एयरफोर्स ने खोए फाइटर जेट
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। ऑपरेशन सिंदूर पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। देश में मचे सियासी संग्राम के बीच इंडोनेशिया में भारतीय रक्षा अताशे की इस टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया है। इस टिप्पणी को लेकर विपक्ष खास तौर कांग्रेस ने भाजपा सरकार को घेर लिया है। अताशे ने कहा कि भारतीय वायुसेना को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के प्रारंभिक चरण में अपने लड़ाकू विमान का नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि उसे पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला न करने तथा केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने का आदेश दिया गया था। हालांकि सरकार ने खंडन किया हे।
इंडोनेशिया में भारतीय दूतावास ने कहा कि हाल ही में एक सेमिनार में उसके रक्षा अताशे द्वारा की गई टिप्पणी, जिसमें उन्होंने संकेत दिया था कि भारतीय वायुसेना ने राजनीतिक बाधाओं के कारण ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के हाथों अपने जेट विमान खो दिए, को संदर्भ से बाहर और गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था। यह स्पष्टीकरण तब आया जब कांग्रेस ने नौसेना अधिकारी के कबूलनामे को लपक लिया और मोदी सरकार पर मई में पाकिस्तान के साथ चार दिवसीय संघर्ष के दौरान हुए सैन्य नुकसान पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया।
इंडोनेशिया में भारतीय रक्षा अताशे की टिप्पणी
इंडोनेशिया में भारतीय रक्षा अताशे की इस टिप्पणी से विवाद खड़ा हो गया है कि भारतीय वायुसेना को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के प्रारंभिक चरण में अपने लड़ाकू विमान का नुकसान उठाना पड़ा, क्योंकि उसे पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला न करने तथा केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने का आदेश दिया गया था। कैप्टन शिव कुमार की 10 जून की टिप्पणियों का कथित वीडियो रविवार को ऑनलाइन सामने जिसमें उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के हाथों अपने लड़ाकू विमान खो दिए क्योंकि राजनीतिक नेतृत्व ने निर्देश दिया था कि उस दिन सीमा पार किसी भी सैन्य प्रतिष्ठान पर हमला नहीं किया जाएगा।
मोदी सरकार देश को ‘गुमराह’ कर रही है : कांग्रेस
कांग्रेस ने रविवार को कैप्टन शिवकुमार की टिप्पणी का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय वायु सेना को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के हाथों अपने लड़ाकू विमानों का नुकसान उठाना पड़ा। कांग्रेस ने सरकार पर इस मामले में देश को ‘गुमराह’ करने का आरोप लगाया। इंडोनेशिया स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि रक्षा अताशे की टिप्पणी को ”संदर्भ से इतर उद्धृत किया गया है और मीडिया रिपोर्ट उनके द्वारा दिए गए बयान के उद्देश्य और महत्व को गलत तरीके से प्रस्तुत करती है। इसमें कहा गया, टिप्पणी में बताया गया कि भारतीय सशस्त्र बल, हमारे पड़ोस के कुछ अन्य देशों के विपरीत, राजनीतिक नेतृत्व के अधीन काम करते हैं। यह भी बताया गया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादी बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना था और भारतीय कार्रवाई उकसावे वाली नहीं थी। अपने संबोधन में भारतीय रक्षा अताशे ने कहा कि ‘राजनीतिक नेतृत्व’ द्वारा दिए गए आदेश के कारण कुछ ‘बाधाओं’ के मद््देनजर भारतीय वायुसेना प्रारंभिक चरण के ऑपरेशन में पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं कर सकी।
भारतीय दूतावास के बयान पर आई सफाई
कैप्टन शिवकुमार द्वारा 10 जून को एक कार्यक्रम में की गई टिप्पणियों का कथित वीडियो सामने आने पर इंडोनेशिया स्थित भारतीय दूतावास ने कहा कि अधिकारी ने केवल यह तथ्य कहा था कि भारतीय सशस्त्र बल भारत के कुछ अन्य पड़ोसी देशों के विपरीत, राजनीतिक नेतृत्व के अधीन काम करते हैं। भारतीय नौसेना अधिकारी कैप्टन शिवकुमार पाकिस्तान-भारत युद्ध के दौरान वायु शक्ति के परिप्रेक्ष्य में जकार्ता के एक विश्वविद्यालय में आयोजित एक संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
विमान खो दिए, क्योंकि राजनीतिक नेतृत्व की बाध्यता थी
कैप्टन कहा हमने कुछ विमान खो दिए और ऐसा केवल राजनीतिक नेतृत्व द्वारा सैन्य प्रतिष्ठान या उनकी वायु रक्षा प्रणाली पर हमला न करने की बाध्यता के कारण हुआ। लेकिन, नुकसान के बाद हमने अपनी रणनीति बदली और हमने सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया। हमने सबसे पहले दुश्मन की वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट करने में सफलता प्राप्त की और यही कारण है कि हमारे सभी हमलेसतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों का उपयोग करके आसानी से किये जा सके।
कोलकाता में एलएलबी छात्रा के गैंगरेप का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट
- सीबीआई निगरानी में जांच की मांग
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कोलकाता में एलएलबी छात्रा के गैंगरेप के मामले में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट के वकील सत्यम सिंह ने सोमवार (30 जून, 2025) को याचिका दाखिल कर कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि तय समय सीमा में जांच की जाए। पीडि़ता को सुरक्षा और मुआवजा देने की भी मांग याचिका में की गई है। याचिकाकर्ता ने पीडि़ता के बारे में तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी और विधायक मदन मित्रा के अपमानजनक बयानों का भी उल्लेख किया। 25 जून को साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज की फस्र्ट ईयर की छात्रा के साथ दो सीनियर स्टूडेंट्स और एक पूर्व छात्र के सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया था। बीजेपी के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी रविवार को एक रैली का नेतृत्व किया और पश्चिम बंगाल में हर बेटी की सुरक्षा की मांग की। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं ने हमारी बेटियों की सुरक्षा की मांग करते हुए एक किलोमीटर से कुछ कम दूरी तक पैदल मार्च किया। उन्होंने कहा, जब तक ममता बनर्जी को सत्ता से बाहर नहीं किया जाता, बंगाल में महिलाओं के खिलाफ ऐसी घटनाएं होती रहेंगी। मुख्यमंत्री ने अतीत में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के बजाय पीडि़त महिलाओं के चरित्र पर संदेह जताया था।
कांग्रेस व माकपा ने रैलियां निकाली
कांग्रेस, माकपा और नागरिक संस्था के सदस्यों की ओर से भी शहर और इसके बाहरी इलाकों में इसी तरह की रैलियां निकाली गईं।
भाजपा व कांग्रेस ने ममता सरकार को घेरा
यह मामला सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी भड़की हुई है और उन्होंने बंगाल की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने शहर के खिदरपुर इलाके में और बीजेपी की युवा शाखा के सदस्यों ने हाटीबागान इलाके में रैली निकाली और बंगाल में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति का आरोप लगाया और हर महिला की सुरक्षा की मांग की।




