शहीद लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी को ट्रोल किए जाने पर भड़के दीपेंद्र हुड्डा, केंद्रीय मंत्री से की कार्रवाई की मांग
दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने आगे लिखा, "आतंकियों ने उनका सुहाग छीन लिया और ये नफरती शहीद परिवार की गरिमा छीनना चाहते हैं." उन्होंने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव को टैग करते हुए उनसे इस मामले पर एक्शन की मांग की है.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी नरवाल को सोशल मीडिया पर ट्रोल किए जाने का मामला गरमाता जा रहा है। हिमांशी ने हाल ही में शांति और मानवता की अपील की थी, जिसके बाद उन्हें नफरती तत्वों द्वारा निशाना बनाया गया ।
इस मामले में कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा है। हुड्डा ने कहा, “पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी को अब नफरती तत्त्वों की ओर से शांति/मानवता की बात करने मात्र से निशाना बनाया जा रहा है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और निंदनीय है।”
हुड्डा ने आगे कहा कि एक शहीद की पत्नी को सम्मान और समर्थन मिलना चाहिए, न कि नफरत और ट्रोलिंग का सामना करना पड़े। उन्होंने सरकार से ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करने की अपील की है, ताकि समाज में सद्भाव और सहिष्णुता बनी रह सके। इस बीच, सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने हिमांशी के समर्थन में आवाज उठाई है और ट्रोलिंग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। दूसरी तरफ राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने विनय नरवाल की पत्नी हिमांशी को अपना समर्थन देते हुए कहा है कि किसी महिला को उसकी वैचारिक अभिव्यक्ति या निजी जीवन के आधार पर ट्रोल करना सही नहीं है. हिमांशी ने 22 अप्रैल को दक्षिण कश्मीर के पहलगाम के पास हुए आतंकवादी हमले के बाद लोगों से मुसलमानों और कश्मीरियों को निशाना नहीं बनाने को कहा था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे.
हिमांशी ने क्या कहा था?
हिमांशी ने कहा था, “हम नहीं चाहते कि लोग मुसलमानों और कश्मीरियों के पीछे पड़ें.” इस बयान के बाद मारे गए सेना अधिकारी की पत्नी को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रोल किया गया था. एक्स पर पोस्ट किए गए एक बयान में एनसीडब्ल्यू ने ऑनलाइन ट्रोलिंग की निंदा की, जिसका हिमांशी को सामना उन्हें करना पड़ा. एनसीडब्ल्यू ने लिखा, “आयोग ने माना कि भले ही उनकी टिप्पणियों ने कई लोगों को प्रभावित न किया हो, लेकिन असहमति व्यक्त करना संवैधानिक सीमाओं और नागरिक विमर्श के भीतर रहना चाहिए.” आयोग ने नागरिकों को यह भी याद दिलाया कि हर महिला की गरिमा और सम्मान मूल्यवान है, और राष्ट्रीय शोक के समय में भी रचनात्मक और सम्मानजनक अभिव्यक्ति का आह्वान किया.
धर्म के बारे में पूछकर विनय नरवाल को मारी गई थी गोली
आपको बता दें,कि एनसीडब्ल्यू ने कहा कि देश इस आतंकी कृत्य से आहत और गुस्से में है, लेकिन हिमांशी नरवाल को निशाना बनाने में संयम बरतने का आग्रह किया. पहलगाम हमले के दौरान विनय नरवाल से उनके धर्म के बारे में पूछे जाने पर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया था.



