लखीमपुर कांड: लोक-लाज से परे हो गया लोकतंत्र!
4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्घजनों ने किया मंथन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर कांड की सुनवाई पूरी होने से क्या अब अजय मिश्रा टेनी की कुर्सी खतरे में पड़ जाएगी। फिलहाल शीर्ष अदालत ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। इस पूरे मामले में देखा जाए तो आशीष मिश्रा और अजय टेनी की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। इस मुद्ïदे पर वरिष्ठï पत्रकार सतीश के सिंह, श्रवण गर्ग, डॉ. राकेश पाठक, डॉ. लक्ष्मण यादव, प्रो. रविकांत और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
प्रो. रविकांत ने कहा लखीमपुर का मुद्ïदा इतनी जल्दी समाप्त नहीं होगा। टेनी के इस्तीफ को लेकर पहले भी डिमांड होती रही, विपक्षियों को जिस तरह विरोध करना चाहिए, उस तरह करने में सक्षम नहीं हुए। चुनाव के पहले जब टेनी को नहीं हटाया तो अब हटाने का सवाल ही नहीं है। डॉ. राकेश पाठक ने कहा जिस लोकतंत्र की बात कर रहे, वो लोक लाज से चलता है और भारत का लोकतंत्र लोक लाज से परे हो गया है। जिस बड़े दल की बात कर रहे उसका घोड़ा स्वर्णिम काल में दौड़ रहा, उसे रोकना अभी मुमकिन नहीं। मोदी का बयान था कि मेरी सरकार में कोर्ई अपराधी नहीं होगा, बहुत से बयान है। टेनी महाराज व उनके पुत्र के कारण वे हटा दिए जाए तो ये कहना मुश्किल होगा। पांच लोगों के कुचलने का आरोपी मतदान से पहले जमानत पा जाता है और एक पत्रकार बेचारा आज तक जमानत नहीं पा सका। सतीश के सिंह ने कहा चुनाव जीतने से आदमी अपराधमुक्त हो जाते ऐसा है नहीं। ये जो पूरा प्रकरण हुआ है सही या गलत। अभी भी हमारे लोकलाज में, हमारे संवैधानिकता में इतनी बात है कि हम कोर्ट की टिप्पणी पर, फैसले पर टिप्पणी न ही करे। जो प्रकरण लखीमपुर में हुआ, उसके बाद नैतिकता के नाम पर… आपके नेता मंत्री रहते, सब कुछ रहते, आगे अब किसी भी प्रदेश में, भारत सरकार में कोई भी मंत्री इस्तीफा नहीं देगा, ये लाइन खींच दी गईं। श्रवण गर्ग ने कहा एसआईटी के विरोध के बावजूद चुनाव से पहले आशीष मिश्रा को जमानत पर छोड़ दिया गया। सवाल है कि एसआईटी की क्रिटिबिलिटी क्या रहेगी। सरकार का कहना है कि हमने जमानत का विरोध किया था। ये पूरा मामला नैतिकता का है, सरकार जानती है कि ये सब होता रहेगा, आप जो चाहे कर लीजिए। डॉ. लक्ष्मण यादव ने भी परिचर्चा में अपने विचार रखे।