फारुख अब्दुल्ला से मिले देवगौड़ा, क्या फिर से शुरू हुई थर्ड फ्रंट की कवायद
नई दिल्ली। नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष और जनता दल (सेकुलर) के अध्यक्ष ने बुधवार को बेंगलुरु में मुलाकात की। नेशनल कांग्रेस के अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला और जेडी (एस) प्रमुख एचडी देवगौड़ा के साथ जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी भी बातचीत में उपस्थित थे। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि अब विपक्ष एकजुटता के अलावा तीसरा फ्रंट भी 2024 लोकसभा चुनाव के लिए तैयार किया जा सकता है।
एक ओर जहां पूरे विपक्ष ने रेल हादसे पर भाजपा सरकार और पीएम मोदी पर निशाना साधा और रेल मंत्री वैष्णव के इस्तीफे की मांग की तो वहीं पूर्व पीएम देवगौड़ा ने रेल मंत्री के कामों की सराहना की थी। उन्होंने यहां तक भी कहा कि रेल मंत्री ने इस्तीफे की मांग करना बेहद गलत है। अनुचित है। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता एचडी कुमार स्वामी ने भाजपा की थोड़ी आलोचना जरूर की थी लेकिन भाजपा के साथ गठबंधन को लेकर उन्होंने इनकार न करते हुए कहा था कि देखते हैं। हालांकि, कुमारस्वामी ने कांग्रेस सरकार पर जमकर निशाना साधा था।
कुछ दिनों पहले, बीआरएस प्रमुख और तेंलगाना सीएम ने विपक्ष के एकजुटता पर कहा था कि मुझे नहीं लगता कि एक व्यक्ति या एक पार्टी से नफरत करने के कारण सिर्फ विपक्ष को एकजुट करने की आवश्यकता है। सीएम केसीआर ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित अन्य गैर कांग्रेसी विपक्ष से मुलाकात की थी। उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना भी साधा था।
इसके अलावा विपक्षी एकजुटता की बातें सिर्फ कुछ पार्टियों के इर्द-गिर्द ही घूम रही हैं। इनमें आप, एनसीपी, टीएमसी, सपा, कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट), राजद, जदयू मुख्यत: शामिल हैं। जबकि जम्मू-कश्मीर पर पकड़ रखने वाली नेशनल कांन्फ्रेंस पर कोई मुख्य विपक्षी नेता बात नहीं कर रहा है। ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई हैं कि भाजपा, कांग्रेस द्वारा एकजुट विपक्ष के साथ एक नया फ्रंट तैयार किया जा सकता है। जो भाजपा के साथ भी चुनाव लड़ सकता है और अलग भी।
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने मंगलवार को भाजपा सरकार की तारीफ की थी। उन्होंने बालासोर रेल हादसे के बाद किए गए राहत और बचाव कार्य के लिए रेल मंत्री को भी सराहा था। जनता दल (सेकुलर) के प्रमुख देवगौड़ा ने कहा था कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बहाली और हादसे के कारण हुए नुकसान को जल्द सही करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। रेल मंत्री ने अपना सर्वोच्च दिया है। इसके बाद भी उनके इस्तीफे की मांग करना गलत है।