बिहार में शिक्षा मंत्री और आईएएस अधिकारी में ठनी, अब सत्तारूढ़ गठबंधन के दल आ गए आमने-सामने
पटना। बिहार के शिक्षा विभाग में शिक्षा मंत्री और अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच शुरू हुए विवाद में अब डाकू उंगलीमाल और डाकू खडक़ सिंह की भी एंट्री हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव के हस्तक्षेप के बावजूद शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और अपर मुख्य सचिव शिक्षा केके पाठक के बीच शुरू हुआ विवाद नहीं सुलझा है। शिक्षा मंत्री पिछले दो दिन से कार्यालय नहीं गए हैं तो केके पाठक स्कूलों का निरीक्षण पर निरीक्षण कर रहे हैं।
इधर इस मसले को लेकर राजद और जदयू में खूब ठनी है। राजद में कोई इन अफसरों को अंगुलिमाल डाकू बता रहा है तो कोई डाकू खडक़ सिंह। बिहार के विवादित शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर और कडक़ आईएएस अधिकारी शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच शुरू हुआ विवाद सुलझने के बजाय उलझ और गहरा गया है। शिक्षा मंत्री लालू प्रसाद यादव से मिले। उसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव को मुख्यमंत्री आवास में तलब कर विवाद सुलझाने की कोशिश की, लेकिन तमाम कोशिशें नाकाम साबित होती हुई नजर आ रही हैं।
शिक्षा मंत्री पिछले दो दिनों से अपने कार्यालय नहीं गए हैं। शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में ही शिक्षा के मसले पर बैठक और चर्चा की। ऐसा खुद शिक्षा मंत्री ने ही बताया है। अब यह विवाद सिर्फ शिक्षा विभाग का नहीं रह गया है बल्कि सरकार में शामिल दोनों बड़े सत्ताधारी पार्टियों राजद और जदयू के बीच एक बड़े विवाद का कारण बन गया है।
राजद जहां अपने शिक्षा मंत्री के बचाव में खड़ा है, तो जदयू अपने अधिकारी की तरफदारी करता हुआ नजर आ रहा है। राजद के एक विधायक भाई बिरेंद्र ने पहले ही केके पाठक को कान पकडक़र बाहर निकालने की बात कही थी, तो अब राजद एमएलसी और लालू परिवार के बेहद करीबी सुनील सिंह लगातार केके पाठक के बहाने जदयू और मुख्यमंत्री तक पर हमलावर हैं।
सुनील सिंह ने आज सोशल मीडिया के माध्यम से छायावाद में ही सही, यह कहा है कि बिहार में कुछ अफसर उंगली मार डाकू और डाकू खडक़ सिंह की तरह कुर्सी पर बैठे हैं। तो दूसरी तरफ जदयू के मंत्री संजय सिंह और अशोक चौधरी ने कहा है कि वह सुनील सिंह का नोटिस ही नहीं लेते हैं। वह राजद का मतलब सिर्फ लालू राबड़ी और तेजस्वी मानते हैं।