हर किसी को मुझसे इस्तीफा मांगने का अधिकार : भुजबल
मराठा आरक्षण मामले में पार्टी द्वारा दरकि नार कि ए जाने के दावों को किया खारिज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
मुंबई। महाराष्ट्र के मंत्री छगन भुजबल ने उन दावों को खारिज कर दिया कि मराठा आरक्षण आंदोलन से निपटने के राज्य सरकार के तरीके की आलोचना के लिए उन्हें अजित पवार-नीत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) गुट में दरकिनार कर दिया गया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री भुजबल ने कहा कि पार्टी में किसी ने भी उनका विरोध नहीं किया है और उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए उनकी पैरवी का समर्थन किया है।
शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ द्वारा उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर निकालने की मांग के बारे में पूछे जाने पर, अन्य पिछड़ा वर्ग के प्रमुख नेता भुजबल ने कहा कि हर किसी को उनके इस्तीफे की मांग करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि वह लंबे समय से ओबीसी के मुद्दे उठाते रहे हैं। उन्होंने कहा, मुझे मंत्रिमंडल में रखना है या नहीं यह मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) का विशेषाधिकार है। मुझे नहीं लगता कि वह मुझे बाहर निकालेंगे, क्योंकि मैं शिवसेना में उनके गुरु आनंद दिघे का नेता हुआ करता था। भुजबल (76) अविभाजित शिवसेना में प्रमुख नेता थे। बाद में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी। भुजबल ने आलोचना की भाषा संयत रखने की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, मैं संजय गायकवाड़ को बताना चाहता हूं कि मैं शिवसेना संस्थान में एक वरिष्ठ प्रोफेसर था, जहां आपने पढ़ाई की थी। गायकवाड़ ने कहा था कि मराठा को कुनबी (ओबीसी) प्रमाण पत्र प्रदान करने के राज्य सरकार के फैसले का विरोध करने के लिए भुजबल को मंत्रिमंडल से बाहर कर देना चाहिए।