गुजरात में फर्जी वीजा रैकेट का भंडाफोड़, बीजेपी सरकार पर उठे सवाल!

मोदी के गुजरात में बड़ा फर्जीवाड़ा! फर्जी वीजा बनाने वाले गैंग का भंडाफोड़... नकली स्टीकर, हॉलमार्क वाले कागज जब्त...   

4पीएम न्यूज नेटवर्कः गुजरात के सूरत शहर में पुलिस ने एक बड़े फर्जी वीजा रैकेट का पर्दाफाश किया है…… यह मामला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात से जुड़ा है……. जहां अपराधी विदेश जाने के सपने दिखाकर लोगों को ठग रहे थे……. सूरत पुलिस की प्रिवेंशन ऑफ क्राइम ब्रांच और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप ने संयुक्त रूप से कार्रवाई की….. और अडाजण इलाके से इस रैकेट को उजागर किया…… मुख्य आरोपी प्रतीक शाह उर्फ अभिजीत नीलेश शाह को गिरफ्तार किया गया है…… उसके ठिकाने से नकली वीजा स्टिकर बनाने का पूरा सेटअप जब्त किया गया है……. जिसमें हॉलमार्क वाले कागज, प्रिंटर, सॉफ्टवेयर और अन्य सामान शामिल हैं……

बता दें कि यह घटना हाल ही में घटी है…… जब पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि सूरत के रंदर इलाके में एक फ्लैट से फर्जी वीजा बनाए जा रहे हैं……. पुलिस ने छापा मारा और आरोपी को पकड़ा……. आरोपी प्रतीक शाह एक इंजीनियर है…….. लेकिन वह अपराध की दुनिया में पहले से सक्रिय है……. उसके खिलाफ पहले से बारह धोखाधड़ी के मामले दर्ज हैं……. जो सूरत, वडोदरा और दिल्ली में हैं….. यह रैकेट न सिर्फ गुजरात बल्कि पूरे देश में फैला हुआ था……. जहां एजेंट्स फर्जी वीजा बेचकर लाखों रुपये कमा रहे थे…….

फर्जी वीजा रैकेट कोई नई बात नहीं है……. लेकिन गुजरात में यह बड़े स्तर पर चल रहा था……. गुजरात से कई लोग विदेश जाना चाहते हैं…….  लेकिन असली वीजा मिलना मुश्किल होता है…… इसलिए कुछ लोग फर्जी तरीकों का सहारा लेते हैं…… आरोपी प्रतीक शाह ने इसी कमजोरी का फायदा उठाया……. वह एक डिप्लोमा होल्डर इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है…….. जो कोरल ड्रॉ जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करके नकली वीजा स्टिकर बनाता था…..

प्रतीक शाह की उम्र 35 साल है और वह सूरत के रंदर इलाके में अपनी पत्नी, बेटी और मां के साथ रहता था…… वह पहले दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस द्वारा गिरफ्तार हो चुका था….. और जेल से छह महीने पहले ही बाहर आया था……. लेकिन जेल से निकलते ही उसने फिर से अपना पुराना धंधा शुरू कर दिया……. पुलिस के अनुसार वह पिछले 10 सालों से यह काम कर रहा था…… और अनुमान है कि उसने 700 से ज्यादा फर्जी वीजा बनाए हैं…… उसके स्टिकर इतने असली लगते थे कि एंबेसी या एयरपोर्ट पर आसानी से पकड़े नहीं जाते……. वह चाइनीज शॉपिंग प्लेटफॉर्म अलीबाबा से हॉलमार्क वाले स्पेशल पेपर मंगाता था……… जिनमें यूरोपीय यूनियन, कनाडा, नॉर्थ मैसेडोनिया, सर्बिया और यूके जैसे देशों के वॉटरमार्क होते थे…..

वहीं यह रैकेट गुजरात से शुरू होकर महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, कर्नाटक, असम जैसे राज्यों तक फैला था…… एजेंट्स सोशल मीडिया पर गारंटीड वीजा का विज्ञापन देते थे……. खासकर उन लोगों को जो पहले वीजा रिजेक्ट हो चुके थे……. वे ग्राहकों से 15 हजार से 25 हजार रुपये प्रति स्टिकर लेते थे…… और अतिरिक्त पैसे तब लेते जब ग्राहक विदेश पहुंच जाता….. अगर कोई कनाडा जाना चाहता है, तो एजेंट फर्जी स्टिकर पासपोर्ट पर चिपका देता…… ग्राहक एयरपोर्ट पर जाता, लेकिन विदेश पहुंचकर पता चलता कि वीजा फर्जी है……. तब तक एजेंट पैसे लेकर गायब हो चुके होते थे…..

पुलिस को इस रैकेट की सूचना एक टिप-ऑफ से मिली…… इंस्पेक्टर आरएस सुवेरा और एपी चौधरी ने इसकी जांच की और छापा मारा…… यह कार्रवाई सूरत पुलिस की सतर्कता का नतीजा है……. जो ऐसे अपराधों पर नजर रखती है….. गुजरात में ऐसे रैकेट इसलिए ज्यादा हैं…… क्योंकि यहां से विदेश जाने वाले लोगों की संख्या ज्यादा है…… लेकिन यह सिर्फ ठगी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा भी है….. क्योंकि फर्जी दस्तावेजों से अवैध प्रवासन बढ़ता है……

सूरत पुलिस की पीसीबी और एसओजी टीम ने संयुक्त ऑपरेशन चलाया……. यह छापा रंदर इलाके के समोर रेजिडेंसी में प्रतीक शाह के फ्लैट पर मारा गया…… पुलिस को सूचना मिली थी कि यहां फर्जी वीजा बनाए जा रहे हैं….. टीम ने रात में छापा मारा और आरोपी को मौके पर पकड़ा……. प्रतीक शाह को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे छह दिनों की पुलिस रिमांड पर भेजा गया……. ताकि और पूछताछ की जा सके……

पुलिस इंस्पेक्टर आरएस सुवेरा ने कहा कि आरोपी विभिन्न ट्रैवल एजेंट्स से संपर्क में था और फर्जी दस्तावेज सप्लाई करता था……. वह प्रति दस्तावेज 15 हजार से 20 हजार रुपये लेता था……. हम यह पता लगा रहे हैं कि उसने कितने फर्जी वीजा सप्लाई किए हैं…… एसओजी इंस्पेक्टर एपी चौधरी ने बताया कि आरोपी इंजीनियर है……. उसके बनाए वीजा फर्जी होने का पता लगाना मुश्किल है……. वह अलीबाबा से हॉलमार्क पेपर खरीदता था…..

इस कार्रवाई में दिल्ली पुलिस का भी हाथ था…… अक्टूबर 2024 में दिल्ली आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने एक रैकेट पकड़ा था….. जिसमें प्रतीक शाह मुख्य आरोपी था…… वहां छह लोगों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें एजेंट्स शामिल थे….. दिल्ली पुलिस की डीसीपी उषा रंगनानी ने कहा कि सिंडिकेट सोशल मीडिया पर गारंटीड कैनेडियन वीजा का विज्ञापन करता था और लोगों को ठगता था…… यह दिखाता है कि रैकेट अंतरराज्यीय था और पुलिस की समन्वित कार्रवाई से पकड़ा गया…..

पुलिस ने छापे में आरोपी के फ्लैट को सील कर दिया….. और परिवार से पूछताछ की…… यह ऑपरेशन सफल रहा क्योंकि पुलिस ने पहले से निगरानी रखी थी……. ऐसे मामलों में पुलिस अक्सर गुप्त एजेंट्स की मदद लेती है ताकि अपराधी भाग न पाएं….. प्रतीक शाह उर्फ अभिजीत नीलेश शाह एक पढ़ा-लिखा लेकिन अपराधी व्यक्ति है…… वह गुजरात के एनजी पटेल पॉलिटेक्निक कॉलेज से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कर चुका है…… लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह इमिग्रेशन एजेंट बना और फिर फर्जी वीजा बनाने लगा…… वह परिवार का पालन-पोषण करने के लिए यह काम करता था…… लेकिन यह बहाना है क्योंकि वह हिस्ट्री-शीटर है…..

आपको बता दें कि उसके खिलाफ 12 मामले दर्ज हैं……. सूरत के उमरा पुलिस स्टेशन में 9, वडोदरा के गोर्वा स्टेशन में 1, और दिल्ली आईजीआई एयरपोर्ट में 2……. वह बीएनएस, आईपीसी और पासपोर्ट एक्ट के तहत गिरफ्तार हो चुका है……. जेल से निकलने के बाद भी वह नहीं सुधरा……. वह सूरत के रिवर ड्राइव सोसाइटी या समोर रेजिडेंसी में रहता था…… प्रतीक शाह की स्किल्स ने उसे अपराध में मदद की…… वह कोरल ड्रॉ सॉफ्टवेयर से वीजा डिजाइन करता था…… और पेंट टूल से एडिट करता था…… प्रत्येक स्टिकर बनाने में 7 दिन लगते थे…… और वह कूरियर से भेजता था…… उसके जैसे लोग समाज के लिए खतरा हैं क्योंकि वे युवाओं के सपनों को बेचते हैं……

पुलिस ने छापे में बड़ी मात्रा में सामान जब्त किया….. जो दिखाता है कि यह एक पूरी फैक्टरी थी…..  अन्य रिपोर्ट्स में 55 बॉगस स्टिकर, 14 काउंटरफिट स्टिकर, 16 डाई, 80 ब्लैंक पीआर कार्ड जब्त बताए गए हैं……. कुल सामान की कीमत 1.30 लाख रुपये आंकी गई……. ये स्टिकर इतने असली थे कि एंबेसी सिस्टम में ट्रैवल हिस्ट्री चेक न होने से पकड़े नहीं जाते…… यह सामान दिखाता है कि रैकेट हाई-टेक था…… पुलिस ने इसे जब्त करके बड़ा नुकसान रोका……

बता दें कि प्रतीक शाह के कनेक्शन गुजरात से बाहर थे….. वह केतन सरवैया (गुजरात), परम (दिल्ली), हर्ष (थाईलैंड), अफलाक (दिल्ली), सचिन शाह जैसे एजेंट्स से जुड़ा था….. दिल्ली में सरबजीत कौर, गगनदीप कौर, गौरव, नितिन शर्मा, रीना कौशल गिरफ्तार हुए….. रैकेट पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, असम तक फैला हुआ है….. एजेंट्स कमीशन पर काम करते, पैसे बांटते….. अंतरराष्ट्रीय लिंक भी थे….. ऐसे रैकेट से लोग लाखों गंवाते हैं…… कुलदीप जैसे युवा सपने टूटते देखते हैं…….. राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभावित होती है, क्योंकि फर्जी दस्तावेजों से आतंकवाद या अवैध प्रवासन बढ़ सकता है……. गुजरात में ऐसे मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए जागरूकता जरूरी है……

 

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