पशुपालन घोटले में सजा काट रहे पूर्व आईपीएस को हाईकोर्ट से मिली जमानत

लखनऊ। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूर्व आईपीएस अरविंद सिंह को पशुपालन घोटाले के मामले में जमानत दे दी है। अरविंद सेन की तरफ से 27 अप्रैल को जमानत के लिए अपील की गई थी। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए गबन के 20 लाख रुपए वादी को देने का आदेश दिया। हाई कोर्ट जस्टिस डीके सिंह ने तीन मई को जमानत देने का आदेश दिया है। अरविंद सेन 27 जनवरी 2021 से लखनऊ जेल में बंद रहे।
पशुपालन घोटाले में 17 आरोपियों में से अब तक चार आरोपियों को जमानत मिल चुकी है। जमानत पाने वालों में सुनील गुर्जर की भूमिका ना होने पर हाईकोर्ट की बेंच ने जमानत दी थी। इसके अलावा हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने ही सचिन वर्मा को 18 लाख रुपए गबन जमा कराने के बाद सशर्त जमानत बीते 3 महीने पहले मंजूर की थी।
वही पशुपालन घोटाले में मुफ्त भूमिका निभाने वाले एके राजीव को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल चुकी है। 3 मई 2023 को पूर्व आईपीएस अरविंद सेन को लखनऊ की सिंगल बेंच के जस्टिस डीके सिंह ने जमानत मंजूर की है।
अरविंद सेन पर पशुपालन विभाग में आपूर्ति के नाम पर इंदौर के व्यापारी से करोड़ों रुपये हड़पने के आरोपियों को बचाने के लिए 35 लाख रुपये लेने का आरोप है। इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू ने 13 जून को हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।इसमें कहा गया था कि अप्रैल 2018 में उनके छोटे भाई के दोस्त वैभव शुक्ला अपने साथी संतोष शर्मा के साथ इंदौर स्थित आवास पर आए और बताया कि पशुपालन मंत्री के करीबी और उपनिदेशक पशुपालन एसके मित्तल आपको पार्टी हित में गेहूं, आटा, शक्कर और दाल की सप्लाई का ठेका देना चाहते हैं।
ठेके के लिए आरोपियों ने मंजीत सिंह से 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपये की रिश्वत ली, लेकिन ठेका नहीं मिला। इसके बाद मंजीत भाटिया ने जब आरोपी पर दबाव बनाने लगा तो आशीष राय ने अरविंद सेन से मुलाकात की। अरविंद सेन ने मामला मैनेज करने के लिए 50 लाख रुपये मांगे, लेकिन डील 35 लाख में तय हुई, इसमें 5 लाख रुपये अरविंद सेन के खाते में जमा कराए गए और शेष पैसा बाद में नकद दिया गया।

Related Articles

Back to top button