पीओके में सरकार बनाम जनता का टकराव, अनिश्चितकालीन हड़ताल, इंटरनेट सेवा बंद,सेना तैनात

कमेटी का कहना था कि पीओके की जो स्थानीय सरकार है, उसके पावर में कटौती हो. वीआईपी व्यवस्था भी खत्म की जाए.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में स्थानीय नागरिकों और सरकार के बीच जारी विवाद ने उग्र रूप ले लिया है। पब्लिक कमेटी द्वारा 20 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा के बाद पूरे क्षेत्र में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में सरकार वर्सेज स्थानीय नागरिकों के बीच के विवाद ने हड़ताल का रूप ले लिया है. 29 सितंबर से स्थानीय पब्लिक एक्शन कमेटी ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा की है, जिसका असर सोमवार सुबह से देखने को मिल रहा है. पूरे पीओके में मोबाइल इंटरनेट सेवा पर बैन लगा दिया गया है. सड़कों पर सैन्य फोर्स उतारे गए हैं. बंद की वजह से स्कूल, कॉलेज सब ठप हो गए हैं.

पब्लिक एक्शन कमेटी ने 25 सितंबर को सरकार के साथ एक बैठक की थी. इस बैठक में कमेटी ने अपनी मांगों से सरकार को अवगत कराया था. कमेटी का कहना था कि पीओके की जो स्थानीय सरकार है, उसके पावर में कटौती हो. वीआईपी व्यवस्था भी खत्म की जाए.

किन मांगों को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं?
आंदोलन की शुरुआत आटे की कीमत को लेकर हुई, जो बाद में धीरे-धीरे विद्रोह का रूप अख्तियार कर लिया. स्थानीय मीडिया के मुताबिक कश्मीर संयुक्त नागरिक कमेटी ने 38 मांगों की एक लिस्ट सरकार को सौंपी है. इनमें प्रवासियों के लिए आरक्षित विधानसभा की 12 सीटों को समाप्त करना, पीओके शासन के प्रमुख लोगों का भत्ता और वीआईपी कल्चर खत्म करना प्रमुख है.

प्रदर्शनकारियों की एक मांग जल विद्युत परियोजना को लेकर भी है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इसकी रॉयल्टी सरकार की तरफ से नहीं दी जाती है, जो गलत है. इसकी तुरंत व्यवस्था की जाए. वहीं सरकार ने इन मांगों को पूरा करने में असमर्थता जता दी है.

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व शौकत अली मीर कर रहे हैं. पिछले दिनों मीर ने अपने भाषण में भ्रष्टाचार और रोजगार को बड़ा मुद्दा बताया था. मीर का कहना था कि पाकिस्तान की सरकार ने पीओके के लोगों को दलदल में धकेल दिया है. इससे अब बाहर निकलने का वक्त आ गया है.

आपको बता दें,कि सिचुएशन कंट्रोल करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद से 3 हजार जवानों की तैनाती पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में की है. दरअसल, पीओके में जो स्थानीय जवान तैनात हैं, वो पहले से ही सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. इन जवानों की मांग सामान वेतन और भत्ता देने की है. इसी को देखते हुए पाकिस्तान सरकार ने 3 हजार जवान इस्लामाबाद से भेजे हैं.

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