जीएसटी 2.0 सियासी बदलाव! या नजर में है विस चुनाव

- कांग्रेस ने देरी से लिए गए फै सले पर उठाया सवाल
- टीएमसी ने बताया जनता की जीत
- बोली कांग्रेस असली जीएसटी 2.0 हम लाएंगे जिसमें सिंगल स्लैब टैक्स, राज्यों को बराबर हिस्सा, आम आदमी को मिलेगी राहत
- ममता बनर्जी की चेतावनी रंग लाई, बीमा और दवाओं पर जीएसटी की दरें शून्य
- जयराम रमेश ने कहा कि टैक्स टेरर में फंसा आम आदमी
- केंद्र सरकार से राज्यों को मिलने वाला जीएसटी का हिस्सा अभी तक नहीं मिला?
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। जीएसटी परिषद पर ही सवालिया निशान लगाते हुए कांग्रेस ने अभी भी आम आदमी को टैक्स टेरर में फंसा बताया है। कांग्रेस ने मौजूदा जीएसटी को 1.5 कह कर इसे नकली सुधार की संज्ञा दी है। पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने इसे बिहार विस चुनाव के मद्देनजर लिया गया निणर्य बताया है। राहुल गांधी पहले ही जीएसटी को गब्बर सिंह टैक्स कहते आ रहे हैं और मोदी सरकार पर सवालिया निशान खड़े करते हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश के मुताबिक पीएम मोदी लाल किले से पहले ही आज के बदलावों को शेयर कर चुके हैं। ऐसे में जीएसटी परषिद का क्या काम?
जयराम रमेश ने साधा निशाना
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने जीएसटी 2.0 को लेकर केंद्र सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस लंबे समय से जीएसटी 2.0 की वकालत करती रही है। मैं पूछता हूं कि क्या जीएसटी परिषद अब केवल एक औपचारिकता बनकर रह गई है? कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लंबे समय से जीएसटी 2.0 की वकालत करती रही है जो दरों की संख्या घटाए, बड़े पैमाने पर उपभोग होने वाली वस्तुओं पर टैक्स की दरें कम करे, टैक्स चोरी, गलत वर्गीकरण और विवादों को न्यूनतम करे, इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर (जहां इनपुट पर आउटपुट की तुलना में अधिक टैक्स लगता है) समाप्त करे, एमएसएमई पर प्रक्रियागत नियमों का बोझ कम करे और जीएसटी के दायरे का विस्तार करे।
जनदबाव पर झुकी सरकार : टीएमसी
ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने बीमा और दवाओं पर जीएसटी की दरों को शून्य हो जाने को जनता की जीत करार दिया है। पार्टी ने इसे मजबूरी में लिया गया निर्णय बताया है और कहा है कि जब तक जनता दबाव नहीं बनाती तब तक यह सरकार लोगों की नहीं सुनती। टीएमसी का कहना है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने इस मुद््दे पर पहले दिन से ही केंद्र को चेताया था। पार्टी के आधिकारिक एक्स पोस्ट में कहा गया है कि ममता बनर्जी ने वित्त मंत्री को साफ शब्दों में बताया था कि बीमा प्रीमियम पर टैक्स लगाना अमानवीय, जनविरोधी और आम लोगों को संकट की घड़ी में आर्थिक तबाही के मुंह में धकेलने जैसा है।
बिहार चुनाव या फिर अमेरिकी टैरिफ के दबाव में लिया गया फै सला : चिदंबरम
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद पी चिदंबरम ने सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने इसका स्वागत किया, लेकिन कड़ी आलोचना भी की। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि जीएसटी को तर्कसंगत बनाना और कई चीजों और सेवाओं पर दरों में कमी करना स्वागत योग्य बताया है, लेकिन ये फैसला 8 साल की देरी से लिया गया है। ये मौजूदा स्वरूप और टैक्स स्लैब शुरू से ही लागू नहीं होनी चाहिए थी। हम विपक्ष में रहते हुए लगातार चेतावनी देते रहे थे, लेकिन हमारी दलीलों पर ध्यान नहीं दिया गया। चिदंबरम ने सवाल उठाया कि यह सुधार अभी क्यों किया गया। उन्होंने इसके पीछे राजनीतिक और आर्थिक कारणों की अटकलें लगाईं। उन्होंने सवाल करते हुए कहा की क्या ये फैसला सुस्त आर्थिक विकास, बढ़ता घरेलू कर्ज, घटती बचत, आगामी बिहार चुनाव या फिर अमेरिकी टैरिफ के दबाव में लिया गया है। ये सभी कारक सरकार को मजबूर करने वाले हो सकते हैं।
कंपनसेशन मिलेगा या नहीं?
राष्ट्रीय प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि राज्यों को कंपनसेशन मिलेगा या नहीं? शमा मोहम्मद के मुताबिक राहुल गांधी ने यह बात पहले ही कह दी थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जो कहा था वही जीएसटी काउंसिल कर रही है। लेकिन मुद्दा यह है कि कई राज्यों का कहना है कि उन्हें केंद्र सरकार से मिलने वाला जीएसटी का हिस्सा नहीं मिल रहा है। ऐसे में कंपनसेशन मिलेगा या नहीं यह केंद्र सरकार को बताना होगा।
इन चीजों के लिए ज्यादा जेब खाली करनी होगी
जिन वस्तुओं पर पहले तंबाकू शुगर वाले ड्रिक्स और महंगे वाहनों जैसी हानिकारक या विलासिता की वस्तुओं पर 28 प्रतिशत कर लगता था उन्हें अब 40 फीसदी कर स्लैब में डाल दिया गया है। तंबाकू उत्पाद जैसे सिगरेट, सिगार, चुरूट, सिगारिलो, गुटखा, चबाने वाला तंबाकू (जैसे जर्दा), अनमैन्युफैक्चर्ड तंबाकू, बीड़ी, सुगंधित तंबाकू और पान मसाला पर 40 फीसदी कर लगेगा। पेट्रोल के लिए 1200 सीसी और डीजल के लिए 1500 सीसी से ज्यादा इंजन वाली लग्जरी कारों के साथ-साथ मीठे, फ्लेवर्ड और कार्बोनेटेड पेय पदार्थों पर 40 प्रतिशत का नया कर स्लैब लागू होगा।
22 सितम्बर से लागू होंगी नयी दरें
जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सिर्फ दो जीएसटी स्लैब 5 फीसदी और 18 फीसदी पर मोहर लगा दी है। जीएसटी स्लैब 12 फीसदी और 28 फीसदी को समाप्त कर दिया गया है। विलासिता और हानिकारक वस्तुओं के लिए एक अलग स्लैब 40 फीसदी का बनाया गया है जिसमें पान मसाला और दूसरी चीजों को रखा गया है। जीएसटी में बदलाव का फैसला 22 सितंबर से लागू होगा। हेयर ऑयल, टॉयलेट सोप, साबुन की टिकिया, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, साइकिल, टेबलवेयर, किचनवेयर और अन्य घरेलू सामान पर जीएसटी की दरों को 5 फीसदी किया गया है। वहीं दूध, ब्रेड, छेना और पनीर, भारतीय रोटियों पर जीएसटी शून्य होगी। खाद्य पदार्थ नमकीन, बुज्जिया, सॉस, पास्ता, इंस्टेंट नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी, संरक्षित मांस, कॉर्नफ्लेक्स, मक्खन, घी, ये सभी 5 प्रतिशत जीएसटी के दायरे में हैं। एयर कंडीशनिंग मशीनें, टीवी, डिशवॉशिंग मशीनें, छोटी कारें, मोटरसाइकिलें 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत जीएसटी में शामिल हैं। 33 जीवन रक्षक दवाओं पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटकर शून्य हो गया है। कृषि सामान जैसे ट्रैक्टर, मिट्टी तैयार करने या खेती के लिए कृषि, बागवानी और वानिकी मशीनें, कटाई या थ्रेसिंग मशीनें, जिनमें पुआल या चारा बेलर, घास या घास मूवर, खाद बनाने की मशीन आदि शामिल हैं, सभी पर जीएसटी 12 से घटकर 5 प्रतिशत हो गए हैं। 12 निर्दिष्ट जैव-कीटनाशकों पर जीएसटी को 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत किया गया है।
पीएम ने की तारीफ
पीएम मोदी ने जीएसटी कांउसिल के निर्णय का स्वागत करते हुए इसे अर्थव्यवस्था के लिए मजबूत कदम बताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस निर्णय का स्वागत करते हुए लिखा है कि अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण के दौरान मैंने जीएसटी में अगली पीढ़ी के सुधार लाने के हमारे इरादे के बारे में बात की थी। केंद्र सरकार ने जीएसटी दरों को युक्ति संगत बनाने और प्रक्रियागत सुधारों के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार किया था जिसका उद््देश्य आम आदमी के जीवन को आसान बनाना और अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।




