सरकार की नाकामी से आग लग गई हरियाणा में
- नूंह में दो समुदायों के बीच झड़प, गुरुग्राम तक पहुंची हिंसा
खट्टर सरकार पर बरसा विपक्ष, इंटरनेट सेवा निलंबित, लगा कफ्र्यू
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। अभी मणिपुर हिंसा की आग थमी भी नहीं थी कि सरकार की नाकामी की एक और घटना सामने आ गई। भाजपा शासित राज्य हरियाणा भी दो समुदायों के बीच बवाल के बाद जल उठा। बवाल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस हिंंसक पत्थरबाजी में पांच लोगों की जान चली गई जबकि कई लोग घायल हो गए। नूंह जिले में घटी इस घटना की संवदेनशीलता को देखते हुए प्रदेश सरकार ने वहां पर कफ्र्यू लगा दिया है साथ ही इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी है। हिंसा प्रदेश के अन्य हिस्सों में भी पहुंच गया है।
इस घटना के बाद खट्टïर सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। हालांकि सीएम ने इसके पीछे साजिश होने का कारण बताया। उधर नूंह हिंसा की आग अब सोहना के बाद गुरुग्राम तक फैल चुकी है, गुरुग्राम में भीड़ ने एक मस्जिद में आग लगा दी। एक धार्मिक जुलूस के दौरान दो समूहों के बीच झड़प हो गई। विश्व हिंदू परिषद और मातृशक्ति दुर्गा वाहिनी की तरफ से निकाली जा रही ब्रजमंडल यात्रा के दौरान दोनो गुटों में टकराव के बाद पथराव और आगजनी हुई। इस दौरान उपद्रवियों ने पुलिस पर भी पथराव किया गया और कई गाडिय़ों को आग के हवाले कर दिया। इस घटना के बीच उपद्रवियों के एक समूह ने कथित तौर पर पुलिस स्टेशन से आपराधिक रिकॉर्ड गायब करने का प्रयास किया। इस घटना ने संदेह पैदा कर दिया है कि यह हाल ही नूंह में बड़े पैमाने पर साइबर धोखाधड़ी को लेकर पुलिस द्वारा दर्ज कई मामलों में सबूत नष्ट करने का प्रयास हो सकता है।
बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की पोस्ट बनी झड़प की वजह
कुछ दावों के मुताबिक, बल्लभगढ़ में बजरंग दल के एक कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया जो झड़प की वजह बना। ऐसी भी खबरें थीं कि राजस्थान में दो मुस्लिम व्यक्तियों की हत्या में वांछित गोरक्षक मोनू मानेसर को जुलूस में शामिल होना था। लेकिन विहिप की सलाह पर उसने जुलूस में भाग नहीं लिया, क्योंकि उन्हें डर था कि मोनू मानेसर के जूलूस में शामिल होने से तनाव पैदा हो सकता है, वहीं ट्विटर पर मोनू मानेसर को कथित तौर पर नूंह आने की चुनौती देने की धमकियां भी दी गईं थी।
पुलिस की 20 कंपनियां तैनात
नूंह जिले में हिंसा के बाद अर्धसैनिक बलों की 20 कंपनियां और हरियाणा पुलिस बल की भी 20 कंपनियां तैनात की गई है। नूंह एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने बताया कि उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी. वहीं उन्होंने आम जनता से शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की है। वहीं नूंह हिंसा को लेकर नूंह उपायुक्त कैंप कार्यालय में शांति समिति की बैठक की गई। नूंह एसपी नरेंद्र बिजारणिया ने बताया कि हिंदू और मुस्लिम दोनों कमेटियों को बातचीत के लिए बुलाया गया है। पहले दोनों की अलग-अलग बैठकें की हैं और एक बार कॉमन ग्राउंड तैयार होते ही आज शाम कॉमन बैठक की जाएगी।
बवाल से मेरा कोई लेना देना नहीं : मानेसर
हरियाणा में नूंह में हुई हिंसा को लेकर मोनू मानेसर का पहला बयान सामने आया है। मोनू मानेसर ने कहा कि मैं कल नूंह नहीं गया, नूंह में हुए बवाल से मेरा कोई लेना देना नहीं है।
हिंसक घटना वायरल वीडियो की देन : आफताब
नूंह विधायक आफताब अहमद ने कहा कि जिले में हुई हिंसक घटना सोशल मीडिया पर वायरल होने वाले विवादित वीडियो की देन है। यहां यात्रा पहले भी निकलती थी और सौहार्द पूर्ण वातावरण में दोनों धर्मों के लोग शामिल होते थे मेरा मानना है की एक साजिश के तहत वीडियो बनाकर मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी ने प्रसारित किया जिसके चलते यहां का माहौल खराब हुआ और हिंसक घटना हुई। पुलिस प्रशासन भी पूरी तरह से नाकाम रहा घटना की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
मोदी सरकार के अविश्वास प्रस्ताव की तारीख तय
- 8 अगस्त से संसद में होगी चर्चा, 10 को पीएम देंगे जवाब
- नौवें दिन भी सदन में जोरदार हंगामा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मणिपुर के मुद्दे पर मानसून सत्र के नौंवे दिन भी संसद में शोर-शराबा जारी है। सुबह लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही जल्द ही हंगामे के चलते स्थगित हो गई। दोपहर 12 बजे विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के बीच उच्च सदन की कार्यवाही शुरू हुई। मणिपुर-मणिपुर के नारे के बीच सवाल-जवाब का दौर चला। उधर लोक सभा कार्यालय केे अनुसार अविश्वास प्रस्ताव पर 3 दिन चर्चा होगी, जो 8 से शुरू होकर 10 अगस्त तक चलेगी। आखिर में पीएम मोदी 10 अगस्त को जवाब देंगे।
धनखड़ ने लगाई फटकार
इससे पहले सवा 11 बजे राज्यसभा के सभापति ने कहा कि मुझे सदन को यह बताते हुए दुख हो रहा है कि हमारे ऐक्शन से उच्च सदन की कार्यवाही पिछले आठ दिनों से ठीक तरह से नहीं चली। वह भी उस मुद्दे पर, जिस पर मैंने 20 जुलाई को ही रूलिंग दे दी थी। मणिपुर के मुद्दे पर रूल 176 के तहत संक्षिप्त चर्चा स्वीकार की गई लेकिन कल चर्चा बाधित हो गई। कल मैंने सदन के नेताओं से बात की है कि ढाई घंटे का समय मणिपुर पर चर्चा के लिए दिया जा सकता है।
नीतीश के ड्रीम प्रोजेक्ट को अदालत की मंजूरी
- हाईकोर्ट से जाति जनगणना को हरी झंडी, सभी याचिकाएं खरिज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। नौ या छह- बिहार में यह कहावत खूब चलती है। पटना हाईकोर्ट अपने अंतरिम फैसले से आगे अंतिम फैसले में यही करेगा। हाईकोर्ट ने पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट की दी तारीख के अंदर बिहार में जातीय जनगणना को लेकर उठ रहे सवालों पर सुनवाई कर ली। चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन व जस्टिस पार्थ सार्थी की खंडपीठ ने लगातार पांच दिनों तक (3 से लेकर 7 जुलाई तक) याचिकाकर्ता और बिहार सरकार की दलीलें सुनीं।
डाटा को यथास्थिति सुरक्षित करने का आदेश
पटना हाईकोर्ट ने 4 मई को अंतरिम आदेश दिया और कुछ ही घंटे में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश पर तमाम जिलाधिकारियों के जरिए गणना में लगे सारे कर्मियों तक एक लाइन का मैसेज पहुंच गया कि डाटा को यथास्थिति सुरक्षित किया जाए। इसके बाद क्या हुआ? दरअसल, भले ही सरकार ने 80 प्रतिशत काम पूरा होने की बात की है लेकिन सच्चाई यही है कि यह आंकड़ा कागज पर जानकारी जुटाने वालों का है।