Haryana News : पटवारी को रिश्वत लेने के मामले में 4 साल की सजा, ₹30,000 का जुर्माना
एसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि पटवारी पर शिकायतकर्ता को अधिग्रहित भूमि के बदले मिले ब्याज के संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप है. आरोपी अपने पक्ष में कोई सबूत पेश करने में विफल रहा.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः हरियाणा में भ्रष्टाचार के एक मामले में अदालत ने कड़ा रूख अपनाते हुए एक पटवारी यानी राजस्व अधिकारी को चार साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी संजय कुमार को ₹8,000 की रिश्वत लेने का दोषी पाया गया था।अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जगदीप सिंह की अदालत ने यह फैसला सुनाते हुए संजय कुमार पर ₹30,000 का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला 2023 में सामने आया था, जब आरोपी को एक व्यक्ति से जमीन संबंधी कार्य के लिए रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया था। अदालत ने कहा कि सरकारी कर्मचारी होने के बावजूद आरोपी ने अपने पद का दुरुपयोग किया, जो कि जनविश्वास के साथ धोखा है। ऐसे मामलों में सख्त सजा देकर भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना आवश्यक है।
पटवारी ने ली थी 8 हजार की रिश्वत
हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के भूमि अधिग्रहण कार्यालय में तैनात संजय को फरवरी 2023 में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने 8 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था. एसीबी के एक अधिकारी ने बताया कि पटवारी पर शिकायतकर्ता को अधिग्रहित भूमि के बदले मिले ब्याज के संबंध में रिपोर्ट पेश करने के लिए रिश्वत मांगने का आरोप है. आरोपी अपने पक्ष में कोई सबूत पेश करने में विफल रहा. हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि पिछले 10 सालों से सरकार द्वारा राज्य भर के सभी विभागों में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति लागू की जा रही है. सीएम ने यह भी दावा किया कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी किसी भी अवैध गतिविधि में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
दो साल की सुनवाई के बाद मिली सजा
एसीबी को 6 फरवरी 2023 को शिकायत मिली थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि संजय भूमि अधिग्रहण में भुगतान से संबंधित रिकॉर्ड कोर्ट में पेश करने के लिए रिश्वत मांग रहा है. उसी दिन एसीबी गुरुग्राम थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया था. एसीबी ने मार्च 2023 में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. दो साल की सुनवाई के बाद कोर्ट ने एसीबी की जांच और शिकायतकर्ता के बयान के आधार पर संजय को दोषी करार दिया और उसे सजा सुनाई. इस बीच, पिछले महीने एक अन्य राजस्व अधिकारी नरेश को पुलिस ने सोहना तहसील कार्यालय से गिरफ्तार किया था. पुलिस ने नरेश पर भूमि के दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने और फर्जी दस्तावेज तैयार करने का आरोप लगाया था. आरोपी अभी भी जेल में है और मामले की जांच चल रही है.



