मैं एक कुलीन मराठा, देशद्रोही नहीं: मनोज

  • सीएम शिंदे के सामने भडक़े, बोले- जनता से पूछकर भूख हड़ताल पर बैठा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जालना। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करने के बाद मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने भूख हड़ताल खत्म कर दी। वह मराठा समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर 17 दिन से भूख हड़ताल पर थे। इस दौरान मनोज जरांगे मुख्यमंत्री के सामने भडक़ उठे और कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे पाटिल ने मुझे एक नोट दिया। वह नोट वास्तव में किस बारे में था? उन सवालों ने मुझे परेशान कर दिया। कुछ लोग मुझ पर आरोप लगाने लगे। लेकिन मैं एक कुलीन मराठा हूं।
वह किसी के कहने पर न तो भूख हड़ताल करता है और न ही उससे पीछे हटता है। मैंने जनता से पूछकर ही सरकार को एक महीने का समय दिया। सभी लोग इसके गवाह हैं। मनोज जारांगे ने कहा कि देशद्रोह करना हमारे खून में नहीं है। मुझ पर आरोप लगाने वाले संगठन को इस बात का ध्यान रखना चाहिए। दरअसल मराठवाड़ा में मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र दिलाने के लिए मनोज जरांगे पिछले 17 दिनों से भूख हड़ताल पर थे। सरकार की ओर से भूख हड़ताल तोडऩे की कोशिशें की जा रही थीं। जालना सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे, मंत्री गिरीश महाजन, पूर्व मंत्री अर्जुन खोतकर लगातार सरकार की ओर से मनोज जरांगे से बात कर रहे थे। इस दौरान रावसाहेब दानवे ने सरकार की ओर से मिले आश्वासन का पत्र मनोज जरांगे को सौंपा। उस समय यह नोट वास्तव में किस बारे में है? इस तरह के सवाल पूछ कर लोग जारांगे को लड़ाई में छोड़ गए। इसीलिए आज मुख्यमंत्री के सामने ही मनोज जरांगे का गुस्सा फूट पड़ा। मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि दानवे दादा की ओर से दिए गए पत्र ने एक कठिन घटना बना दी। लोगों ने मुझसे बहुत सारे सवाल पूछे। यह किस तरह का पत्र था? एक संगठन ने मुझ पर यह आरोप लगाया। लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं, मैं एक महान मराठा हूं। देशद्रोह मेरे खून में नहीं है। मेरे पिता अभी भी कड़ी मेहनत कर रहे हैं, मैं समुदाय के लिए लड़ रहा हूं। भले ही मैं अश्रंगोली हूं, लेकिन मैं मराठा समुदाय के साथ विश्वासघात नहीं करूंगा।

मुख्यमंत्री ने जूस पिलाकर तुड़वाया अनशन

पिछले 16 दिनों से मराठा समुदाय के लिए भोजन का एक भी दाना नहीं खाने वाले मनोज जरांगे पाटिल ने आखिरकार भूख हड़ताल तोड़ दी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने फलों का जूस पिलाकर उनका अनशन खत्म कराया। मुख्यमंत्री ने समुदाय के सदस्यों को अपना वादा दिया कि सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देगी जो अदालत में टिकेगी। उन्होंने कहा कि मैं एक साधारण कार्यकर्ता हूं। मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा हूं। समाज का दर्द जानता हूं। मुझ पर भरोसा रखें, मुख्यमंत्री से अपील की। मनोज जरांगे पाटिल ने भी मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री पर भरोसा है और कहा कि केवल वही मराठा समुदाय को आरक्षण दे सकते हैं। मुख्यमंत्री की ओर से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल तोडऩे के लिए मनाए जाने पर जारांगे-पाटिल मुस्कुराए। अपने समर्थकों और अन्य लोगों की ओर देखा और फिर शिंदे के हाथ से संतरे के जूस का एक गिलास लिया। मुस्कुराए और झिझक के साथ उसे पीया। इसके बाद उनकी लंबी भूख हड़ताल खत्म हो गई। इस पर वहां मौजूद कई मराठा नेताओं सहित सभा में मौजूद लोगों ने खुशी मनाई और तालियां बजाईं।

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