‘तमिलनाडु में एनईपी को लागू नहीं करूंगा’
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- स्टालिन बोले- 10 हजार करोड़ देने की पेशकश पर भी नहीं झुकूंगा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चेन्नई। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को लेकर केंद्र के खिलाफ अपना हमला जारी रखते हुए शनिवार को कहा कि अगर केंद्र उनके राज्य को 10,000 करोड़ रुपये देने की पेशकश करे तो भी वह इसे लागू करने के लिए सहमत नहीं होंगे। उन्होंने दावा किया कि एनईपी का विरोध केवल हिंदी थोपने के प्रयास के कारण नहीं है, बल्कि कई अन्य कारकों के कारण भी है, जिनके छात्रों के भविष्य और सामाजिक न्याय प्रणाली के लिहाज से गंभीर परिणाम होंगे।
स्टालिन ने यहां अभिभावक-शिक्षक संघ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘छात्रों को पढ़ाई छोडऩे की अनुमति देना उन्हें पढ़ाई न करने के लिए कहने के समान है। स्टालिन ने दावा किया कि हम किसी भी के विरोधी नहीं हैं, लेकिन इसे थोपे जाने का विरोध करने के प्रति दृढ़ रहेंगे। हम केवल हिंदी थोपने के प्रयास के लिए एनईपी का विरोध नहीं कर रहे हैं, बल्कि कई अन्य कारणों से भी इसका विरोध कर रहे हैं। एनईपी प्रतिगामी है। यह छात्रों को स्कूलों से दूर कर देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (एससी/एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों को वित्तीय सहायता देने से इनकार करने के अलावा (जो अभी प्रदान की जा रही है) एनईपी ने तीसरी, पांचवीं और आठवीं कक्षाओं के लिए सार्वजनिक परीक्षा का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि इसके तहत कला और विज्ञान कॉलेजों में प्रवेश के लिए एक सामान्य प्रवेश परीक्षा की शुरुआत की गई है।
हम अलगाववादी नहीं, लेकिन मोदी हमें मजबूर कर रहे : राजा
डीएमके सांसद ए राजा ने भाषा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन पर देश में विभाजन पैदा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया। राजा ने पीएम के रुख पर सवाल उठाया और कहा कि बीजेपी विभाजन को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ लोग भाषा के नाम पर देश को अलग करने की कोशिश कर रहे हैं। यदि आपको संदेह है कि हम भाषा के नाम पर देश को अलग कर देंगे, तो क्या हमें यह भी संदेह नहीं होना चाहिए कि आप धर्म के नाम पर देश को विभाजित करने की कोशिश कर रहे हैं?