‘अगर मैंने किसी हिंदू महिला का घूंघट उठाया होता तो..’, नीतीश कुमार हिजाब विवाद पर भड़के उमर अब्दुल्ला

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा मुस्लिम महिला का हिजाब खींचे जाने पर विवाद कम नहीं हो रहा है. जहां पूरे देश में इसका विरोध जारी है, वहीं कुछ बीजेपी नेताओं ने नीतीश का समर्थन भी किया है. जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस पर कहा, “पार्टी से इससे बेहतर की उम्मीद नहीं की जा सकती है. बीजेपी के कुछ नेता बिहार के मुख्यमंत्री और सहयोगी नीतीश कुमार के मुखर समर्थक रहे हैं.”
बीजेपी मंत्री गिरिराज सिंह ने अपनी टिप्पणी से इस विवाद को तब और बढ़ा दिया, जब उन्होंने कहा कि महिला अपॉइंटमेंट स्वीकार कर सकती है या भाड़ में जाए. माफी की जोरदार मांगों के बीच उमर अब्दुल्ला ने कहा, “अगर मैंने हरियाणा या राजस्थान में किसी हिंदू महिला का घूंघट उठाया होता, तो क्या बीजेपी यही कहती?”
अगर किसी मुस्लिम आदमी ने किसी हिंदू महिला का घूंघट उठाया होता? – उमर अब्दुल्ला
उमर अब्दुल्ला ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अगर किसी मुस्लिम आदमी ने किसी हिंदू महिला का घूंघट उठाया होता, तो सोचिए कि कितनी बड़ी मुसीबत खड़ी हो जाती. लेकिन क्योंकि महिला मुस्लिम है, इसलिए बीजेपी ऐसा कर रही है.” उन्होंने आगे कहा कि हम उनसे और उम्मीद भी नहीं कर सकते.
गिरिराज सिंह की विवादित प्रतिक्रिया
गुरुवार को गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है. अगर कोई अपॉइंटमेंट लेटर लेने जाता है, तो क्या उसे अपना चेहरा नहीं दिखाना चाहिए? क्या यह कोई इस्लामिक देश है? अगर आप अपना पासपोर्ट लेने जाते हैं या एयरपोर्ट जाते हैं, तो क्या आप अपना चेहरा नहीं दिखाते?”
जब मीडिया ने यह पूछे जाने पर कि अगर लड़की फिर भी नौकरी लेने से मना कर दे, तो सिंह ने कहा, “वह मना करे या जहन्नुम में जाए.” सिंह से पहले NDA सहयोगी निषाद पार्टी के नेता और उत्तर प्रदेश के मंत्री संजय निषाद ने कुमार का बचाव करते हुए अपनी भद्दी टिप्पणी से सुर्खियां बटोरी थीं. एक स्थानीय न्यूज चैनल से बात करते हुए, निषाद ने सवाल किया कि अगर कुमार ने कहीं और छुआ होता तो क्या होता.
संजय निषाद ने भारत समाचार से कहा था कि अरे वह भी तो आदमी हैं ना, पीछे नहीं पड़ना चाहिए. नकाब छू दिया तो इतना हो गया. कहीं और छू देते तो क्या हो जाता.” विवाद बढ़ने के बाद निषाद ने दावा किया कि क्षेत्रीय लहजे के कारण उनकी टिप्पणियों को गलत समझा गया.



