मौत का गोला बनते-बनते बची सिंगापुर से भारत आ रही इंडिगो की फ्लाइट!

  • सरकार और कंपनी ने क्यों छुपायी ये खौफनाक घटना!
  • सरकार छुपा रही है इंडिगो की ये सारी कारगुजारी
  • सिंगापुर से आ रहे यात्रियों ने किया 4क्करू से खुलासा
  • एक के बाद एक इंडिगो फ्लाइट में आ रही है भारी गड़बडिय़ां

संजय शर्मा
लखनऊ। देश अभी कुछ दिन पहले ही एयर इंडिया का वो हादसा नहीं भूला था जिसमें 241 यात्रियों की जान चली गयी थी कि इंडिगो का एक और जहाज आग के शोलों में बदलते-बदलते बचा। मगर इस बात को इंडिगो और सरकार ने किस तरह छुपाया और ये पूरा मामला क्या है आज मेें आपको इस खबर में बताने जा रहा हूं।
27 जून की रात का समय था इंडिगो की फ्लाइट संख्या-6-ई 104 सिंगापुर केचांगी एयरपोर्ट से दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट केलिए उड़ान भरती है। फ्लाइट में 180 यात्री और क्रू मेंबर थे। सभी लोग सामान्य तरीकेसे बैठ हुए अपने गन्तव्य स्थान तक पहुंचने से पहले क्या-क्या करना है इसकी तैयारी में लगे हुए थे। टेकऑफ सामान्य रूप से हुआ और सब ठीक-ठाक लग रहा था। अचानक 15 से 20 मिनट बाद विमान का माहौल एक दम बदल जाता है। यात्रियों को अचानक जहाज में जलने की तेज गंध महसूस होने लगती है। यह गंध इतनी तेज थी कि यात्रियों को लगा विमान में आग लग गई है। कुछ ही मिनटों में जहाज में चीख पुकार मच गई। सभी यात्री रोने और चीखने लगे। तभी क्रू मेंबर ने तेजी केसाथ प्रोटोकाल देना शुरू कर दिया। पायलट की आवाज जहाज में गूंजी हम इमरजेंसी लैंडिंग की तैयारी कर रहे हैं। कृपया शांत रहें। यात्रियों को बे्रश ऑफ इंपैक्ट पोजिशन मेंं बैठने को कहा गया। यह वो स्थिति होती है जिसमें यात्रियों को अपने सिर को नीचे झुकाकर पीछे से सिर को पकडऩा होता है। जिससे किसी चीज केजहाज केटकराने पर चोट कम लगे। यात्री देखते हैं कि एक खतरनाक तरीकेसे फ्लाइट मोड़ी जाती है और मलेशिया केपुत्रजया केपास एक छोटे एयरपोर्ट की तरफ ले जायी जाती है।

ऐसा लगा आ गया जीवन का आखिरी पल

जहाज की लैंडिंग इतनी खतरनाक थी कि यात्रियों को लगा की ये उनकेजीवन का आखिरी पल है। जैसे ही जहाज रु का बाहर फायरब्रिगेड और पुलिस की गाडिय़ां मौजूद थीं। जहाज में जलने की गंध और तेज होती जा रही थी। इसकेबाद पायलट ने केबिन से बाहर आकर कहा कि कार्गो में आग लग गई थी। लेकिन यात्रियों को इस पर यकीन नहीं हुआ। जहाज पर सवार एक यात्री ने 4पीएम को बताया कि उनको कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गयी। यात्रियों को जहाज से निकाल कर टर्मिनल में ले जाया गया। तब तक यात्रियों केपरिजन परेशान को गये थे जो जहाज को लाइव ट्रैक कर रहे थेे। इस दौरान कुछ लोगों ने फेसबुक और एक्स पर घटना की जानकारी लिख दी थी।

अब तक इंडिगो ने कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया

इंडिगो ने संभवत: इस पर कोई बयान जारी नहीं किया और न कोई माफी मांगी और न कोई स्पष्टीकरण दिया। बड़ा सवाल यह है कि क्या इंडिगो को अपनी गलती छिपाने की इतनी जलदी थी कि वो यात्रियों की जान खतरे में डालने को तैयार थी। अगर यह जहाज उसी हालत मेंंं दुबारा उड़ाया जा रहा है तो हमारी सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा। इससे भी बड़ा सवाल यह है कि सरकार की जिम्मेदारी क्या है। डायरेक्टर जरनल ऑफ सिविल एविएशन की क्या जिम्मेदारी थी? क्या उन्होंने इस घटना की जांच शुरू की? या फिर जैसा यह विभाग बदनाम है वैसा ही किया गया। और मामले को दबा दिया गया। सूत्रों के मुताबिक भारत आने वाले समय में एक बड़ा अंतराष्ट्रीय खेल का आयोजन करने जा रहा है। अगर ये खबर फैल जाये कि भारत का एयर स्पेस सुरक्षित नहीं है तो भारत के लिए एक बड़ी बदनामी हो सकती है। पर बड़ा सवाल ये है कि क्या इसके लिये यात्रियों की जान को खतरे में डाला जा सकता है।

फेसबुक और एक्स से पोस्ट हटाने का बनाया दबाव

इंडिगो केकर्मचारियोंने सभी केफोन लेकर फेसबुक और एक्स चेक करना शुरू किया। जिन यात्रियों ने इस घटना के विषय में लिख दिया था उनसे कहा गया कि वे पहले अपनी पोस्ट डिलीट करें तभी उनको भारत भेजने केलिए अगले जहाज की व्यवस्था की जाएगी। एक महिला के पति ने अमेरिका में ही इस मामले में एक्स पर पोस्ट लिख दी थी और इंडिगो को टैग किया था तो इस महिला से कहा गया कि अपने पति से पहले वह पोस्ट डिलीट करवायें।

यात्रियों को बिना किसी स्पष्ट जानकारी केघंटों इंतजार करवाया

अगले दिन यात्रियों को एक अनचाहे चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली भेजा गया। इसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं था। यात्रियों का कहना है कि कार्गो वही था जो पिछले दिन था। अगर कार्गो में आग लगी तो क्या उसे ठीक किया गया? या ये सिर्फ एक बहाना था। यात्रियों का कहना है कि जहाज में तकनीकी खराबी थी जिसे छिपा लिया गया। इंडिगो ने मामले को बहुत हल्का बनाने केलिए कह दिया कि पायलट को गलतफहमी से लगा की आग का अलार्म बज गया।

यात्रियों को घंटों इंतजार करवाया गया

पर बड़ा सवाल यह है कि क्या ये सिर्फ एक छोटी-मोटी तकनीकी खराबी थी या कोई और गंभीर बात। और अगर ये कार्गो मेंं आग की बात थी तो अगले दिन उसी कार्गो केसाथ यात्रियों को क्यों उड़ाया गया। सब से खतरनाक बात जो थी वो थी इंडिगो के लोगों का रवैया। यात्रियों को बिना किसी स्पष्ट जानकारी केघंटों इंतजार करवाया गया। इंटरनेट पर फ्लाइट 6-ई 104 का रिकॉड बदल दिया गया। फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट पर 27 जून को दिखाया गया कि फ्लाइट सुरक्षित रूप से दिल्ली पहुंच गई। पर जो यात्री उसमें सवार थे उन्होंने 4पीएम को बताया यह सच नहीं है। जब यात्रियों को टर्मिनल में बैठाया गया तो पायलट ने एनाउंस किया कि सभी एजेंसी हमारा सहयोग कर रही है। एक यात्री ने बताया कि उनको कुछ भी स्पष्ट तरीकेसे नहीं बताया जा रहा है।

कई बार उठ चुके हैं हवाई सुरक्षा पर सवाल

ये पहली बार नहीं है जब भारत में हवाई सुरक्षा पर सवाल उठे है। भारत का विमानन इतिहास कई ऐसी घटनाओं से भरा हुआ है जिसमें कहीं न कही पारदर्शिता की बहुत कमी दिखती है। आइये कुछ प्रमुख हवाई दुर्घटनाओं पर एक नजर डालते हैं।

  1.  एयर इंडिया फ्लाइट 855 जो एक जनवरी 1978 को मुंबई से दुबई जा रही थी। इस फ्लाइट में इंस्ट्रुमेंट फेल हो जाने की वजह से फ्लाइट क्रै श हो गयी और 213 यात्रियों और क्रू मेंबर्स में से कोई नहीं बचा। जांच में पायलट की गलती और उपकरणों को जिम्मेदार ठहराया गया।
  2.  1973 में इंडियन एयरलाइन्स की फ्लाइट संख्या 440 चेन्नई से दिल्ली जा रही थी। धूल भरी आंधी के कारण यह प्लेन क्रै श हो गया और 48 लोगों की जान चली गयी। इसमें भी पायलट की गलती और खराब मौसम को कारण बताया गया।
  3. कोझिकोड क्रैश 7 अगस्त 2020 को हुआ जब एयर इंडिया की फ्लाइट संख्या 1334 दुबई से कोझिकोड लैंडिंग के दौरान रनवे से फिसल गयी इसमें भी 190 यात्रियों में से 21 की मौत हो गयी। खराब मौसम, पायलट ट्रेनिंग और एयरपोर्ट की खामियों को ही इस दुर्घटना का जिम्मेदार बताया गया।
  4. एयर इंडिया की हाल ही में दुर्घटनाग्रस्त हुई फ्लाइट संख्या 171 जो टेकआफ के तुरंत बाद क्रैश हो गयी जिसमें 241 यात्रियों की मौत हो गयी।

पारदर्शिता की कमी और सुधारों में लापरवाही दिखी

इन सभी हादसों में एक बात कामन थी वो थी पारदर्शिता की कमी और सुधारों में लापरवाही हर बार एयरलाइन्स और सरकार ने कोशिश की कि सच्चाई को दबा दिया जाये ताकि भारत की छवि अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर खराब न हो। इंडिगो भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन्स है। इसके पास 64.1 मार्केट शेयर है। हर दिन इसकी 2200 से ज्यादा उड़ाने संचालित होती है। इतनी बड़ी जिम्मेदारी के बावजूद इंडिगो ने फ्लाइट 6ई 1014 की घटना को दबाने की कोशिश क्यों की। क्या ये सिर्फ उनकी छवि बचाने की कोशिश थी या कुछ और गंभीर?

पिछले कुछ महीनों में आई कई तकनीकी समस्याएं

  1.  पिछले कुछ महीनों में इंडिगो की कई फ्लाइटस में तकनीकी समस्या आयी है।
  2. 21 मई 2025 को दिल्ली से श्रीनगर जा रही फ्लाइट 6ई 2142 में ओला वृष्टि के कारण नोज कोन टूट गया जिससे जहाज को वापस लौटना पड़ा।
  3. 19 जून 2025 दिल्ली से लेट जा रही फ्लाइट 6ई 2006 में इंजन की खराबी के कारण इमेेंरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी।
  4. नौ जुलाई 2025 को पटना से दिल्ली जा रही फ्लाइट 6ई 5009 को पक्षी से टकराने के कारण वापस लौटना पड़ा।
  5. 16 जून- लखनऊ से मुंबई जा रही इंडिगो की फ्लाइट को अचानक कैंसिल कर दिया गया। यात्री विनय तिवारी ने बताया कि इंडिगो के कर्मचारियों का व्यवहार बेहद खराब था और घंटों तक यात्रियों को सही सूचना नहीं दी गयी।

इंडिगो की फ्लाइट में बार-बार आ रही है समस्या

यह सारी घटनाएं साफ – साफ बता रही है कि इंडिगो की फ्लाइट में बार-बार समस्या आ रही है लेकिन हर बार इंडिगो इसे छिपा रहा है। क्या ये सिर्फ संयोग है या मैंटीनेंस और सुरक्षा में लापरवाही। फ्लाइट 6ई 1014 में बैठे यात्रियों ने बताया कि जलने की गंध इतनी तेज थी कि उनको लगा कि जहाज में आग लग गयी फिर भी इंडियो ने कह दिया कि पायलट को गलतफहमी हो गयी थी। आग जैसी कोई घटना नहीं घटी। बड़ा सवाल ये भी है इन सब बातों के बाद भी सरकार कहां है। डीजीसीए ने 2023 में इंडिगो पर आपरेशन और मेंटेनेंस में खामियों के लिए तीस लाख रू पये का जुर्माना लगाया था पर क्या ये काफी है। एक ऐसी एयरलाइन्स जो हर दिन लाखों यात्रियों को लेकर उड़ती है क्या सिर्फ तीस लाख के जुर्माने से सुधर जायेगी। सूत्रों के मुताबिक आने वाले सालों में भारत में होने जा रहे बड़े प्रयोजन के लिए ही मामले को दबाया जा रहा है जिससे दुनिया भर में यह संदेश ना चला जाये कि भारत का एयर स्पेस खतरनाक है। मगर यदि ये ऐसा है तो और खतरनाक है क्योंकि इससे हजारों यात्रियों की जान हमेशा खतरे में रहेगी। यह समय चुप बैठने का नहीं है। 27 जून 2025 को इंडिगो की फ्लाइट 6 ई 1014 में जो हुआ वो सिर्फ एक हादसा नहीं बल्कि एक चेतावनी है। इंडिगो की चुप्पी और सरकार की लापरवाही हमको बता रही है कि हमको अपनी सुरक्षा के लिए खुद लडऩा होगा।

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