इस्कॉन पर लगा गायों को कसाइयों के हाथों बेचने का आरोप, मचा घमासान
- भाजपा सांसद का आरोप- गौशाला में एक भी सूखी गाय नहीं
- मेनका के निशाने पर इस्कॉन, मंदिर ने आरोपों को निराधार और झूठा करार दिया
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। देश सनातन पर चल रही बहस के बीच अब धार्मिक व सांस्कृति संगठन के ऊपर लगे आरोपों पर सियासत गरमा गई है। दो दिन पहले आगरा में राधा स्वामी सत्संग द्वारा पुलिस के साथ बवाल की सुर्खियां शांत नहीं हुईं थी कि अब इस्कॉन पर गायों को बेचने का आरोप लगा है। ये आरोप किसी और ने नहीं बल्कि भाजपा की दिग्गज नेता व सांसद मेनका गांधी ने लगाया है।
हालांकि इस्कॉन प्रशासन ने इन आरोपों को नकार दिया है। दरअसल, सांसद मेनका गांधी ने इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि इस्कॉन देश में सबसे बड़ा धोखा है क्योंकि वह अपनी गौशालाओं से गायों को कसाइयों के हाथ बेचता है। बीजेपी सांसद द्वारा लगाए गए आरोप को इस्कॉन ने निरर्थक और झूठा बताया है।
इस्कॉन के लाखों भक्त व सैकड़ों मंदिर हैं
इस्कॉन के दुनिया भर में सैकड़ों मंदिर और लाखों भक्त हैं। कुछ महीने पहले इस्कॉन तब सुर्खियों में आया था जब इसके एक भिक्षु ने स्वामी विवेकानन्द और रामकृष्ण परमहंस की आलोचना की थी। धार्मिक संस्था ने भिक्षु अमोघ लीला दास पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया था और उनकी टिप्पणियों से बड़ा विवाद पैदा होने के बाद उन्हें प्रायश्चित के लिए भेज दिया था।
दुनिया के कई हिस्सों में गाय संरक्षण का बीड़ा उठाया : राष्ट्रीय प्रवक्ता युधिष्ठिर
आरोपों को खारिज करते हुए, इस्कॉन के राष्ट्रीय प्रवक्ता युधिष्ठिर गोविंदा दास ने कहा कि धार्मिक संस्था न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर गाय और बैल की सुरक्षा और देखभाल में सबसे आगे रही है, उन्होंने कहा कि गायों और बैलों की सेवा उनके जीवन भर की जाती है, न कि उन्हें कसाइयों को बेचा जाता है आरोप बिल्कुल गलत है। इस्कॉन द्वारा साझा किए गए एक बयान में कहा गया है कि इस्कॉन ने दुनिया के कई हिस्सों में गाय संरक्षण का बीड़ा उठाया है, जहां गोमांस एक मुख्य आहार है, उन जगहों पर भी इस्कॉन काम कर रहा है, बयान में कहा गया है कि श्रीमती गांधी एक प्रसिद्ध पशु अधिकार कार्यकर्ता और इस्कॉन की शुभचिंतक हैं इसलिए हम इन बयानों से आश्चर्यचकित हैं।
इस्कॉन देश में सबसे बड़ा धोखेबाज : मेनका
पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी पशु संरक्षण के मुद्दों पर सोशल मीडिया पर लगातार मुखर रही है, वायरल हुए एक वीडियो में वह कहती सुनाई दे रही हैं कि इस्कॉन देश में सबसे बड़ा धोखेबाज है, यह गौशालाओं के रखरखाव के नाम पर विशाल भूमि सहित सरकार से लाभ प्राप्त करता है, लेकिन वो गौशालाओं से गायों को कसाइयों के हाथ बेचता है। उन्होंने कहा कि मैं आंध्र प्रदेश में इस्कॉन की अनंतपुर गौशाला मैं गई थी, जहां मैंने देखा कि कोई भी ऐसी गाय नहीं थी जो दूध न देती हो या बछड़े न देती हो पूरी डेयरी में एक भी सूखी गाय नहीं थी, एक भी बछड़ा नहीं था, इसका मतलब है कि सभी बेच दिए गए थे, गांधी ने कहा कि इस्कॉन अपनी सारी गायें कसाइयों को बेच देता है। उन्होंने कहा कि इस्कॉन की तरफ से यह दावे होते रहे हैं कि वे जितना करते हैं उतना कोई नहीं करता और वे सडक़ों पर हरे राम हरे कृष्ण गाते हैं, फिर वे कहते हैं कि उनका पूरा जीवन दूध पर निर्भर है। लेकिन शायद, किसी ने भी इतने मवेशी कसाईयों को नहीं बेचे हैं जितने उन्होंने बेचे हैं।
असम-मेघालय सीमा पर झड़प पुलिस मौके पर पहुंची
- गुलेल और तीर से किए गए एक-दूसरे पर हमले
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शिलोंग। असम-मेघालय अंतरराज्यीस सीमा से सटे एक गांव में झड़प हो गई। इस दौरान दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर जमकर हमला किया। इतना ही नहीं, हमला करने के लिए गुलेल और तीर का इस्तेमाल किया गया। मेघालय के पश्चिम जयंतिया हिल्स जिले और असम के पश्चिम कार्बी अंगलोंग जिले से सटे गांव लापंगाप में यह झड़प हुई है। हालांकि, किसी के घायल होने की कोई जानकारी सामने नहीं आई है। दोनों राज्यों की पुलिस को जब सूचना मिली तो वह मौके पर पहुंची। घटनास्थल का दौरा कर स्थानीय लोगों को शांत कराया। उसके बाद हालात सामान्य हुए। बताया जा रहा है कि फिलहाल गांव में शांति है, लेकिन बुधवार सुबह माहौल तनावपूर्ण रहा। दरअसल, पुलिस ने लोगों को झड़प वाली जगह पर जाने से रोक दिया है। पश्चिम जंयतिया हिल्स जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि हम असम के पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिले के अधिकारियों से स्थिति को लेकर बात कर रहे हैं।
राजा भैया को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका
- जिया उल हक हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने के आदेश
- इलाहाबाद हाईकोर्ट के दिए आदेश को किया रद्द
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। यूपी के बाहुबली व कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की मुश्किलें बढ़ेंगी। सुप्रीम कोर्ट ने राजा भैया के खिलाफ तल्ख़ तेवर अपनाते हुए दस वर्ष पहले प्रतापगढ़ में नृशंस तरीके से मारे गए डीएसपी जिया उल हक की हत्या में उनकी भूमिका की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है। डीएसपी की पत्नी की ओर से दायर याचिका पर फैसला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए आदेश को रद कर दिया है। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश पर रोक लगाई थी। ट्रायल कोर्ट ने राजा भैया और उनके चार साथियों के खिलाफ सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए जांच जारी रखने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अनिरुद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने कहा कि हमारे विचार में उच्च न्यायालय ने पुन: जांच और आगे की जांच के बीच एक अति तकनीकी दृष्टिकोण अपनाया है।
कुंडा के ग्राम प्रधान की हत्या के बाद हुआ था हादसा
कुंडा के ग्राम प्रधान की हत्या के बाद एकत्र हुए सैकड़ों लोगों की भीड़ में से राजा भैया का करीबी बताए जाने वाले व्यक्ति ने डीएसपी को गोली मार दी थी। सीबीआई की तरफ से क्लोजर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद डीएसपी की पत्नी परवीन आजाद ने उसी वर्ष विरोध याचिका दायर की थी। इस संबंध में मजिस्ट्रेट ने आगे की जांच का आदेश दिया। यह दोबारा जांच से अलग मामला है। उन्होंने कहा कि सीबीआई ने दो आरोप पत्र दायर किए और उनके पति की हत्या में 14 आरोपियों और 85 गवाहों को सूचीबद्ध किया। इनमें से 36 प्रमुख गवाहों के बयान दर्ज ही नहीं किए गए और राजा भैया व अन्य को क्लीन चिट दे दिया गया।