जयराम रमेश की बड़ी मांग, कहा चीन-भारत संबंधों पर संसद में हो चर्चा
जयराम रमेश ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार इस पर खुली बहस के लिए तैयार हो, ताकि देश सामूहिक रूप से चीन से उत्पन्न खतरों का सामना कर सके , चाहे वह सीधे हों या पाकिस्तान के माध्यम से.

4पीएम न्यूज नेटवर्कः कांग्रेस ने भारत-चीन संबंधों पर संसद में चर्चा की मांग की है. पार्टी का मानना है कि बढ़ते भू-राजनीतिक और आर्थिक तनावों के मद्देनजर यह आवश्यक है. कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को रोकने में अमेरिका के हस्तक्षेप का जिक्र किया. कांग्रेस मानसून सत्र में इस मुद्दे को जोरदार तरीके से उठाएगी.
कांग्रेस पार्टी ने शुक्रवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से अपील की कि वह संसद में भारत-चीन संबंधों पर चर्चा की अनुमति दे, ताकि दोनों देशों के बीच बढ़ती भू-राजनीतिक और आर्थिक चुनौतियों से सामूहिक रूप से निपटने के लिए आम सहमति बनाई जा सके. पार्टी ने यह मांग 21 जुलाई से शुरू होने वाले आगामी मानसून सत्र को ध्यान में रखते हुए दोहराई है.
कांग्रेस महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने इस संबंध में एक अहम बयान जारी किया और प्रधानमंत्री मोदी की चीन नीति को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहा कि सरकार लंबे समय से इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा से बच रही है, जबकि इसकी पारदर्शिता और जवाबदेही बेहद जरूरी है.
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, भारतीय सेना के उप प्रमुख (क्षमता विकास और पोषण) लेफ्टिनेंट जनरल राहुल आर सिंह ने हाल ही में सार्वजनिक रूप से इस बात की पुष्टि की है कि ऑपरेशन ‘सिंदूर’ को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हस्तक्षेप के कारण अचानक रोका गया था. उन्होंने यह भी बताया कि कैसे चीन पाकिस्तान वायुसेना को असाधारण रूप से समर्थन दे रहा है.
The Deputy Chief of Army Staff (Capability Development and Sustenance) Lt. Gen Rahul R. Singh has just publicly confirmed what has been talked about ever since Operation Sindoor was halted abruptly at the intervention of President Trump. Lt. Gen Singh has revealed some details of…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) July 4, 2025
जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, यह वही चीन है जिसने पांच साल पहले लद्दाख में यथास्थिति को पूरी तरह से बदल दिया था, लेकिन जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने 19 जून 2020 को सार्वजनिक रूप से क्लीन चिट दे दी थी. यह चुप्पी आज भी सवालों के घेरे में है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पिछले पांच वर्षों से संसद में भारत-चीन संबंधों पर समग्र चर्चा की मांग करती आ रही है, लेकिन मोदी सरकार ने बार-बार इससे इनकार किया है. जयराम रमेश ने कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार इस पर खुली बहस के लिए तैयार हो, ताकि देश सामूहिक रूप से चीन से उत्पन्न खतरों का सामना कर सके , चाहे वह सीधे हों या पाकिस्तान के माध्यम से.
मानसून सत्र में कांग्रेस उठाएगी मुद्दा
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हाल ही में चीन के कुनमिंग शहर में चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच त्रिपक्षीय बैठक आयोजित की गई थी, जो भारत के लिए एक नई चुनौती का संकेत देती है. रमेश ने जोर देते हुए कहा, सीमा समझौता यथास्थिति की बहाली नहीं है. हमें सच्चाई का सामना करना होगा और उसके लिए संसद ही सबसे उपयुक्त मंच है. कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि वह मानसून सत्र में यह मुद्दा पूरी ताकत से उठाएगी. खासकर ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में चीन द्वारा पाकिस्तान को दिए गए खुले समर्थन को लेकर मुद्दों को संसद में उठाएगी



