जनार्दन रेड्डी ने बनाई अपनी नई पार्टी, लड़ेंगे 2023 का विधानसभा चुनाव
बेंगलुरु। कर्नाटक के पूर्व मंत्री जी जनार्दन रेड्डी ने रविवार को कल्याण राज्य प्रगति पक्ष नाम से अपनी नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने अब बीजेपी से अपना दो दशक पुराना रिश्ता तोड़ लिया है। बता दें कि रेड्डी अवैध खनन के कई मामलों में आरोपी हैं। कर्नाटक की चुनावी राजनीति में फिर से प्रवेश करते हुए, उन्होंने यह भी घोषणा की कि वह कोप्पल जिले के गंगावती से 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
रेड्डी ने कहा, बीजेपी नेताओं के यह कहने के बावजूद कि मैं पार्टी का सदस्य नहीं हूं और पार्टी से मेरा कोई संबंध नहीं है, राज्य और इसके लोगों का मानना था कि मैं उस पार्टी से हूं, यह धारणा अब जाकर गलत साबित हुई है। आज मैं मेरी अपनी सोच के साथ कल्याण राज्य प्रगति पक्ष की घोषणा कर रहा हूं, जो धर्म और जाति के नाम पर विभाजनकारी राजनीति का साथ नहीं देगी। आने वाले दिनों में मैं पार्टी को व्यवस्थित करने और लोगों के साथ अपने विचार साझा करने के लिए राज्य भर में यात्रा करूंगा। मैं अपने जीवन में अब तक अपनी किसी भी काम में कभी असफल नहीं हुआ। यहां तक कि बचपन में कंचे खेलने के दिनों से, मैं उनमें से हूं जिसने कभी हार नहीं मानी।
बता दें कि रेड्डी लगभग 12 सालों से राजनीति से बाहर हैं। 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले उन्होंने मोलाकलमुरु विधानसभा क्षेत्र में अपने करीबी दोस्त व अब के मंत्री बी श्रीरामुलु के लिए प्रचार किया था, तभी उन्हें खनन घोटाले में उनकी कथित भूमिका के लिए सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया था। वहीं, 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले, तत्कालीन भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि भाजपा का जनार्दन रेड्डी से कोई लेना-देना नहीं है। चूंकि रेड्डी को उनके गृह जिले बल्लारी से चुनाव लडऩे की अनुमति नहीं है, इसलिए वह गंगावती से चुनाव लड़ेंगे। करोड़ों रुपये के अवैध खनन मामले में आरोपी रेड्डी 2015 से जमानत पर बाहर है और शीर्ष अदालत ने उनपर कई तरह की पाबंदियां लगाई हैं।
रेड्डी के बड़े भाई करुणाकर रेड्डी हरपनहल्ली विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक हैं, जबकि छोटे भाई सोमशेखर रेड्डी पार्टी से बल्लारी ग्रामीण क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.बता दें कि रेड्डी पहली बार 1999 के लोकसभा चुनावों के दौरान राजनीतिक सुर्खियों में आए, जब उन्होंने दिवंगत सुषमा स्वराज के लिए प्रचार किया था, जिन्होंने बेल्लारी से सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था।