सीजफायर पर मनीष तिवारी की प्रतिक्रिया: पाकिस्तान को चेतावनी, अमेरिका के दखल को बताया उचित
मनीष तिवारी ने स्पष्ट कहा कि यदि पाकिस्तान भविष्य में भी आतंकवाद को अपनी नीति का हिस्सा बनाए रखता है, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को शाम 5 बजे हुए संघर्ष विराम यानी सीजफायर के बाद देशभर में इस पर मिली-जुली प्रतिक्रयाएं सामने आ रही हैं। इसी क्रम में कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है। उन्होंने पाकिस्तान को आतंकवाद का इस्तेमाल बंद करने की चेतावनी दी है और अमेरिका की भूमिका को उचित ठहराया है।
मनीष तिवारी ने स्पष्ट कहा कि यदि पाकिस्तान भविष्य में भी आतंकवाद को अपनी नीति का हिस्सा बनाए रखता है, तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा, “एक बात साफ है कि अगर अब पाकिस्तान आतंकवाद को अपनी नीति के तौर पर इस्तेमाल करता है, तो उसे अंजाम भुगतने ही होंगे।” इसके साथ ही उन्होंने अमेरिका के सीजफायर में दखल पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “जब दो देश परमाणु हमलों की बात करेंगे, तो किसी न किसी को तो दखल देना ही होगा। अमेरिका की भूमिका परिस्थितियों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।” बता दें,कि भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से तनावपूर्ण हालात बने हुए थे, जिनमें बार-बार सीमा पर गोलीबारी और आतंकी घटनाएं हो रही थीं। 10 मई को घोषित हुए सीजफायर को एक अहम कूटनीतिक कदम माना जा रहा है, हालांकि इस पर राजनीतिक और आमजन के बीच मतभेद भी देखने को मिल रहे हैं।
#WATCH | Chandigarh: Congress MP Manish Tewari says, "The statement which has come from US President Donald Trump is, whether you like it or not, a factual statement. If you look at the India-Pakistan paradigm in a perspective from 1947 to 1972, whenever tensions went up between… pic.twitter.com/SfUFESEF1J
— ANI (@ANI) May 13, 2025
भारत और पाकिस्तान के बीच चले लंबे तनाव और संघर्ष के बाद 10 मई को शाम 5 बजे सीजफायर का ऐलान किया गया. इस सीजफायर को लेकर देशभर से मिली जुली प्रतिक्रिया सामने आ रही है. कोई इसे सही तो कोई इसे गलत बता रहा है. इस मामले पर अब कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी का बयान भी सामने आया है. उन्होंने कहा कि एक बात साफ है कि अगर अब पाकिस्तान आतंकवाद को अपनी नीति के तौर पर इस्तेमाल करता है तो उसे अंजाम भुगतने ही होंगे. इसके साथ ही सांसद ने अमेरिका के दखल को सही बताया है.
कांग्रेस सांसद ने कहा कि पहलगाम नरसंहार के बाद भारतीय सशस्त्र बलों की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर के जरिए बदला लिया गया. अब मुझे लगता है कि पाकिस्तान और उसके हुक्मरान भी समझ गए होंगे कि ये हमेशा नहीं चल सकता है. न तो वे हर बार परमाणु ब्लैकमेल का इस्तेमाल करते सकते हैं और न ही आतंकवादियों का. भारत की कार्रवाई के बाद अब पाकिस्तानियों को साफ हो गया होगा.
#WATCH | Chandigarh: Congress MP Manish Tewari says, "The statement which has come from US President Donald Trump is, whether you like it or not, a factual statement. If you look at the India-Pakistan paradigm in a perspective from 1947 to 1972, whenever tensions went up between… pic.twitter.com/SfUFESEF1J
— ANI (@ANI) May 13, 2025
चंडीगढ़ कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से जो बयान आया है, चाहे आप इसे पसंद करें या नहीं, यह एक तथ्यात्मक बयान है. यदि आप 1947 से 1972 के परिप्रेक्ष्य में भारत-पाकिस्तान नजरिए को देखें, तो जब भी भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा, वो मुख्य रूप से जम्मू और कश्मीर राज्य को लेकर था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव थे जो दोनों देशों के बीच होने वाली किसी भी बातचीत के लिए टेम्पलेट थे. अंतिम निष्कर्ष यह है कि जब दो वास्तविक परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच तनाव बढ़ता है, तो बाकी दुनिया चुपचाप खड़ी होकर देखती नहीं रहेगी. इसलिए, विश्व के अन्य देश स्पष्ट रूप से दोनों देशों से तब बात करेंगे जब वे एक-दूसरे से बात नहीं कर रहे होंगे.



