किसानों की मदद नहीं कर रही मोदी सरकार

नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने केंद्र पर साधा निशाना

बोले- सरकार की लापरवाही से जरूरी खाद की किल्लत से जूझ रहा देश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि देश के किसान उर्वरकों की भारी कमी से जूझ रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी कोई मदद नहीं कर रही है। उन्होंने दावा किया कि चीन से आने वाले खास उर्वरकों की आपूर्ति रुकने के बावजूद सरकार ने कोई वैकल्पिक तैयारी नहीं की। राहुल गांधी ने इसे किसानों के साथ अन्याय करार दिया।
राहुल गांधी ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और किसान हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। लेकिन ये रीढ़ अब विदेशी निर्भरता के कारण कमजोर हो रही है। उन्होंने बताया कि भारत 80 फीसदी विशेष खाद चीन से आयात करता है और अब चीन ने इनकी सप्लाई रोक दी है, जिससे किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि राजस्थान में किसानों को यूरिया और डीएपी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है, जबकि खरीफ सीजन की बुवाई का समय नजदीक है। उन्होंने सरकार से तुरंत जरूरी कदम उठाने और किसानों को राहत देने की मांग की है।

किसान निराशा में डूबे

राहुल गांधी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि किसान पहले ही महंगे बीज, खाद और डीजल की कीमतों से परेशान हैं। ऊपर से समय पर खाद न मिलने से उनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं। इससे वे कर्ज और निराशा में डूबते जा रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या अब किसान अपनी ही जमीन पर भी दूसरों पर निर्भर रहेगा?

सरकार ने नहीं की कोई तैयारी

कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को पहले से पता था कि चीन कभी भी आपूर्ति रोक सकता है, इसके बावजूद न तो घरेलू उत्पादन बढ़ाने के लिए कोई नीति बनाई गई और न ही कोई ठोस योजना पर काम हुआ।

केंद्र सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि एक तरफ मोदी जी खाद की बोरियों पर अपनी फोटो छपवा रहे हैं, दूसरी तरफ देश के किसान मेड इन चाइना पर निर्भर होते जा रहे हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर किसके विकास की बात की जा रही है? किसान तो सिर्फ नुकसान ही झेल रहा है।

गरीबों से सपने देखने का अधिकार छीना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने घरों की बढ़ती कीमतों पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अब गरीबों से सपने देखने का अधिकार भी छीन लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगली बार जब कोई आपको सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े बताए तो उन्हें अपने घरेलू बजट की सच्चाई बताएं। अपने व्हाट्सएप चैनल पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा करते हुए उन्होंने केंद्र सरकार को घेरा। राहुल गांधी ने दावा किया कि महाराष्ट्र में आय के हिसाब से शीर्ष 5 प्रतिशत शहरी परिवारों को भी मुंबई में घर खरीदने के लिए 100 वर्षों से अधिक तक बचत करनी पड़ेगी। उन्होंने लिखा कि यदि आपको विश्वास नहीं हो रहा है, तो मैं इसे दोहराता हूं कि ‘मुंबई में घर खरीदने के लिए, भारत के सबसे अमीर पांच प्रतिशत लोगों को भी अपनी आय का 30 प्रतिशत 109 वर्षों तक बचाना होगा।

हिमाचल के साथ सौतेला व्यवहार कर रहा है केंद्र : मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र पर हिमाचल के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। उन्होंने केंद्र सरकार से राज्य को लंबित आपदा राहत कोष तुरंत जारी करने की मांग की। उन्होंने पहाड़ी राज्य में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण कई लोगों की जान जाने पर भी दुख जताया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से प्रभावित लोगों की हरसंभव मदद करने का आग्रह किया। पीडि़तों के परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि पिछले कुछ वर्षों से हिमाचल के लिए लंबित आपदा राहत राशि तत्काल प्रभाव से जारी की जाए। इस वर्ष की बारिश से पहले ही हिमाचल सरकार ने केंद्र से 9000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मांग की थी। 2023 की त्रासदी में कांग्रेस की राज्य सरकार ने 4500 करोड़ रुपये की विशेष सहायता जारी की थी, जबकि केंद्र की मोदी सरकार ने राज्य को केवल 433 करोड़ रुपये दिए। अब मोदी सरकार ने हाल ही में जल्दबाजी में 2023 के लिए 2000 करोड़ रुपये की घोषणा की है और भाजपा इसका श्रेय लेने में व्यस्त है, लेकिन राहत राशि अभी भी लंबित है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इस बार भाजपा श्रेय लेने के बजाय नुकसान की भरपाई के लिए मदद करेगी। खरगे ने कहा कि पिछले कई दिनों से हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जान-माल के नुकसान की खबरें बेहद दुखद हैं। सरकार और प्रशासन युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य में लगा हुआ है।

बाबा राम देव पर फिर कोर्ट की कड़ी फटकार

दिल्ली हाईकोर्ट की पतंजलि च्यवनप्राश के विज्ञापन पर रोक
डाबर की याचिका पर हुई सुनवाई

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। एकबार फिर पतंजलि व योग गुरू रामदेव पर अदालती कोड़ा चला है। दिल्ली हाईकोर्ट की पतंजलि च्यवनप्राश के विज्ञापन पर रोक लगा दी है। बता दें च्यवनप्राश के विज्ञापन को लेकर डाबर की ओर से याचिका लगाई गई थी। डाबर का कहना है कि बाबा रामदेव ग्राहकों को गुमराह कर रहे हैं। इसी क्रम में दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को पतंजलि को निर्देश दिया है कि वह डाबर च्यवनप्राश के खिलाफ कोई भी नकारात्मक या भ्रामक विज्ञापन न दिखाए।
यह आदेश जस्टिस मिनी पुष्करणा ने डाबर की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। डाबर ने कोर्ट में तर्क रखा कि इस तरह के विज्ञापन न सिर्फ उनके उत्पाद को बदनाम करते हैं, बल्कि उपभोक्ताओं को गुमराह भी करते हैं। च्यवनप्राश एक पारंपरिक आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे ड्रग्स और कॉस्मेटिक एक्ट के तहत नियमानुसार ही बनाना होता है। ऐसे में अन्य ब्रांड्स को सामान्य कहना गलत, भ्रामक और नुकसानदायक है। इस मामले की अगली सुनवाई 14 जुलाई को होगी। फिलहाल पतंजलि च्यवनप्राश के विज्ञापन पर रोक लगा दी गई है। केस में डाबर की तरफ से वरिष्ठ वकील संदीप सेठी ने वकालत की, जबकि पतंजलि की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव नायर और जयंत मेहता पेश हुए थे। पतंजलि अपने विज्ञापन में डाबर के च्यवनप्राश को सामान्य और आयुर्वेद की परंपरा से दूर बताकर प्रोडक्ट की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है। इस विज्ञापन में स्वामी रामदेव खुद यह कहते नजर आते हैं कि जिन्हें आयुर्वेद और वेदों का ज्ञान नहीं, वे पारंपरिक च्यवनप्राश कैसे बना सकते हैं?

डाबर का आरोप- पतंजलि उनके प्रोडक्ट की इमेज खराब कर रहा

इसके अलावा डाबर ने कहा, पतंजलि के विज्ञापन में 40 औषधियों वाले च्यवनप्राश को साधारण कहा गया है। यह हमारे उत्पाद पर सीधा निशाना है। डाबर अपने च्यवनप्राश को 40+ जड़ी-बूटियों से बने होने का दावा करता है। डाबर का कहना है कि च्यवनप्राश बाजार में उनकी 60 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी है। डाबर ने यह भी कहा कि पतंजलि के विज्ञापन में यह संकेत भी दिया गया है कि दूसरे ब्रांड्स के उत्पादों से स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। डाबर ने तर्क दिया कि पतंजलि पहले भी ऐसे विवादास्पद विज्ञापनों के लिए सुप्रीम कोर्ट में अवमानना के मामलों में घिर चुका है। इससे साफ है कि वह बार-बार ऐसा करता है।

खतरा टला, एयर इंडिया की दिल्ली-अमेरिका फ्लाइट में आयी दिक्कत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। नई दिल्ली से वाशिंगटन जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट ऑस्ट्रिया के वियना में ईंधन भरने के लिए रुकी, लेकिन वहां से उड़ान नहीं भरी। डेटा से पता चलता है कि इसने 2 जुलाई को दिल्ली से उड़ान भरी और वियना में उतरी। जबकि उसी दिन वाशिंगटन के लिए प्रस्थान निर्धारित था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
एयर इंडिया के प्रवक्ता ने के हवाले से कहा, 2 जुलाई को दिल्ली से वाशिंगटन, डीसी जाने वाली फ्लाइट एआई 103 ने वियना में ईंधन भरने के लिए एक नियोजित स्टॉप बनाया। नियमित विमान जांच के दौरान, एक विस्तारित रखरखाव कार्य की पहचान की गई, जिसे अगली उड़ान से पहले सुधार की आवश्यकता थी और इस प्रकार, पूरा होने के लिए अतिरिक्त समय चाहिए था। इसके कारण, वियना से वाशिंगटन, डीसी तक की उड़ान रद्द कर दी गई और यात्रियों को उतार दिया गया। यात्रियों को विमान से उतार दिया गया।

मोदी सरकार का केरल के प्रति नकारात्मक रुख बरकरार: विजयन

मुख्यमंत्री बोले- केंद्र ने ओणम त्योहार के लिए अतिरिक्त चावल आवंटन की राज्य की मांग को खारिज किया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
कोच्चि। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का केरल के प्रति नकारात्मक रुख जारी है और उसने ओणम त्योहार के लिए अतिरिक्त चावल आवंटन की राज्य की मांग को खारिज कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर एक ‘पोस्ट’ साझा कर सभी राजनीतिक दलों से एकजुट होकर केंद्र सरकार के कथित केरल विरोधी रुख का विरोध करने का आह्वान किया है।उन्होंने कहा कि केरल की मांग है कि गैर-प्राथमिकता वाले परिवारों को प्रति कार्ड पांच किलोग्राम चावल 8.30 रुपये की दर से उपलब्ध कराया जाए, जो वर्तमान में राज्य को अतिरिक्त आवंटन के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने यह भी मांग की है कि गेहूं का आवंटन बहाल किया जाए, जो दो साल पहले तक अतिरिक्त आवंटन के रूप में दिया जा रहा था।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओणम जैसे विशेष अवसरों के दौरान बाजार में चावल की कीमत को बढऩे से रोकने के लिए गैर-प्राथमिकता वाले वर्गों को यथासंभव खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित करना आवश्यक है।विजयन ने कहा, इसी संदर्भ में राज्य ने गैर-प्राथमिकता वाले वर्गों को अतिरिक्त चावल आवंटन की मांग की है।

पाकिस्तानी सेलिब्रिटीज के सोशल मीडिया अकाउंट दोबारा बैन!

भारत में एक्टर्स और क्रिकेटरोपर एक्शन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कई पाकिस्तानी एक्टर्स और क्रिकेटरों के सोशल मीडिया अकाउंट को भारत में ओपन किए जाने के 24 घंटे के अंदर दोबारा बैन कर दिया गया है। एक दिन पहले बुधवार को, पाकिस्तानी एक्टर मावरा होकेन, सबा कमर, अहद रजा मीर, यमना जैदी और दानिश तैमूर के इंस्टाग्राम अकाउंट दिखने लगे थे यानी बैन हट गया था।
लेकिन 24 घंटे के अंदर ही ये सारे अकाउंट एक बार फिर बैन दिख रहे हैं। इन्हें खोलने पर स्क्रीन पर लिखा आ रहा है कि ये अकाउंट भारत में उपलब्ध नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमने इस सामग्री को प्रतिबंधित करने के कानूनी अनुरोध का अनुपालन किया है। इसके अलावा बुधवार को पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद अफरीदी और शोएब अख्तर के यूट्यूब चैनल भी भारत में खुलने लगे थे। खबर लिखे जाने तक ये दोनों चैनल अभी भी यूट्यूब पर खुल रहे थे। हालांकि, फवाद खान, माहिरा खान और हनिया आमिर जैसे अन्य पाकिस्तानी एक्टर्स के सोशल मीडिया अकाउंट कल भी भारत में बैन थे और अभी भी बैन हैं। मशहूर पाकिस्तानी शो होस्ट करने वाले कई यूट्यूब चैनलों पर भी बैन लगाया गया था। हालांकि, लगभग दो महीने के बाद, (स्टोरी फाइल करने तक) हम टीवी, एआरवाई डिजिटल और हर पल जियो जैसे एंटरटेन्मेंट चैनल भारत में यूट्यूब पर चल रहे हैं। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों के खिलाफ भारत के ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर, कई पाकिस्तानी हस्तियों ने भारत और भारतीय सशस्त्र बलों की आलोचना की थी, जिसके कारण भारत सरकार ने भारत में सभी प्रमुख पाकिस्तानी हस्तियों के इंस्टाग्राम अकाउंट को जियोब्लॉक कर दिया था।

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