जनता के पैसे से मोदी कर रहे चुनावी प्रचार, कांग्रेस ने RBI का डाटा दिखा कर खोल दी पोल!

लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल लगातार प्रचार कर रहे हैं। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां आमने सामने हैं और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं।

4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल लगातार प्रचार में जुटे हैं। आज कई राज्यों में दूसरे चरण के मतदान भी हो रहे हैं। वोटरों को साधने के लिए सभी राजनीतिक दलों ने भले ही पूरी तैयारी कर ली हो लेकिन जनता किसे अपना मत देगी ये तो चुनावी परिणाम आने के बाद ही पता चल पाएगा। फिलहाल अभी मौजूदा माहौल की अगर हम बात करें तो अभी राजनीतिक दलों के नेता एक दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। भले ही भाजपा पिछले 10 सालों से देश की सत्ता संभाले हुए है लेकिन जमीनी हकिकत की अगर हम बात करें तो ये काफी बुरे दौर से गुजर रही है। ऐसा हम इस लिए कह रहे हैं क्योंकि जिस तरह से भाजपा अपने प्रचार में पिछले 10 सालों के कार्यकाल में किये गए कामों को न गिना कर सिर्फ और सिर्फ नफरत की राजनीति कर रही है। जनता के लिए विकास ने नाम पर शून्य रहने वाली भारतीय जनता पार्टी अब विभाजन और संविधान बदलने की बात कर रही है। देश में फैली महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार जैसे अहम मुद्दों से देश की जनता को भटका रहे हैं।

वहीं चुनावी प्रचार में लगातार महंगें शौक पूरे किये जा रहे हैं। जनता को साधने के लिए तरह-तरह के लुभावने भाषण दिए जा रहे हैं। आलम ये है कि भाजपा वाले आज जिस तरह की भीड़ का माहौल देखते हैं उसी तरीके की भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसा हम इस लिए कह रहे क्योंकि पिछले कई दिनों से ऐसी ख़बरें आ रही हैं, जिसमें ये सुनने को मिल रहा है कि भाजपा नेता कभी संविधान बदलने की बात करते हैं तो कभी मुसलमानों को लेकर विवादित बयान देते हैं जिससे एक बाद तो साफ़ है कि इस बार का चुनाव जीतने के लिए भाजपा किसी भी हद तक जा सकती है। वहीं कांग्रेस पार्टी के न्याय पत्र को लेकर भी लगातार आरोप लगाया जा रहा है। यहां तक कि पीएम मोदी खुद इसे लेकर विवादित टिप्पड़ी पर चुके हैं इतना ही नहीं इस मामले को लेकर सियासत भी काफी गर्म है। भाजपा समेत अन्य NDA दल के नेता भी लगातार नफरती बयान देने से बाज नहीं आ रहे हैं, और चुनावी प्रचार के लिए जमकर पैसे लुटाए जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस ने अब भाजपा राज में केंद्र सरकार द्वारा RBI से लिए गए चंदे का काला चिट्ठा खोल दिया है।

इतना ही नहीं इस खुलासे से भाजपा खेमे में खलबली मच गई है। आपको बता दें कि कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि RBI के आंकड़े कहते हैं, 31 मार्च 2024 तक देश के परिवारों ने अपना सोना गिरवी रखकर बैंकों से कुल 1 लाख करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। ये आंकड़ा केवल बैंकों का है। इसमें असंगठित क्षेत्रों और साहूकारों से लिया गया कर्ज शामिल नहीं है। अगर सभी क्षेत्रों से लिए गए कर्ज का आंकड़ा मिलाएंगे तो पता चलेगा कि पिछले 10 साल में देश के हर 4 परिवार में से 1 परिवार ने सोना गिरवी रखकर कर्ज लिया है। आपको बता दें कि भाजपा में इन दिनों कांग्रेस के न्याय पत्र को बदनाम करने के लिए जमकर प्रचार किया जा रहा है। गलत तरीके से जनता के सामने पेश किया जा रहा है। जिसे लेकर दोनों पार्टियां आमने-सामने हैं और अब इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी कड़ा एक्शन किया।

इसी संदर्भ में उन्होंने पीएम मोदी को बाकायदा पत्र लिया और क्या कुछ कहा उस पत्र में आइये जानते हैं विस्तार से- लिखे गए दो पन्नों के इस लेटर के जरिए कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि उन्हें पीएम को कांग्रेस के चुनावी घोषणा-पत्र ‘न्याय-पत्र’ की वास्तविकता समझाने में खुशी होगी, ताकि वह कोई गलत बयानबाजी न करें.संसद के उच्च सदन में विपक्ष के नेता ने चिट्ठी की शुरुआत में लिखा- मुझे उम्मीद है कि आप इस लेटर को सकारात्मक रूप में लेंगे. पिछले कुछ दिनों में दी गई आपके कुछ भाषणों और बयानों से न तो मुझे झटका लगा और न ही मैं हैरान हुआ. इस बात की उम्मीद की जा रही थी कि आप और आपकी पार्टी के नेता चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद इसी अंदाज में बात करेंगे. मल्लिकार्जुन खरगे के मुताबिक, आज आप गरीब और पिछड़े वर्ग की महिलाओं के मंगलसूत्र की बात करते हैं. क्या आपकी सरकार मणिपुर में महिलाओं और दलित लड़कियों के साथ हुए अत्याचार के साथ बलात्कारियों को माला पहनाए जाने के लिए जिम्मेदार नहीं है?

आपकी सरकार के कार्यकाल में जब किसान आत्महत्या कर रहे थे, तब आप उनकी पत्नियों और बच्चों की कैसे सुरक्षा कर रहे थे? कृपया न्याय पत्र के बारे में पढ़िए, जो कि हमारे सत्ता में आने के बाद लागू किया जाएगा, पत्र में आगे कहा गया- यह आपकी आदत बन गई है कि आप कुछ शब्दों को संदर्भ के बाहर ले ले जाते हैं और सांप्रदायिक विभाजन करते हैं. आप ऐसा कर के अपने पद की गरिमा को कम कर रहे हैं. जब यह सब खत्म हो जाएगा, तब लोग याद करेंगे कि देश के पीएम ने चुनाव हारने के डर से कैसी भद्दी भाषा का इस्तेमाल किया था. कांग्रेस के न्याय-पत्र का मकसद सभी जातियों और समुदायों से ताल्लुक रखने वाले युवा, महिला, किसानों, श्रमिकों और हाशिए पर पड़े हुए लोगों को न्याय मुहैया कराना है. आपको आपके ‘सलाहकार’ हमारे मैनिफेस्टो को लेकर गलत सूचना दे रहे हैं. देश के प्रधानमंत्री गलत बयानबाजी न करें। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर हमला बोला. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री (दिवंगत) राजीव गांधी ने विरासत कानून कर को खत्म कर दिया था, क्योंकि वह अपनी विरासत में मिली संपत्ति को सरकार के साथ साझा नहीं करना चाहते थे.

पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस फिर से टैक्स लगाना चाहती है. रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि विरासत टैक्स को लेकर देश के सामने एक बड़ा तथ्य सामने आया है. यह तथ्य आंखें खोल देने वाले हैं. उन्होंने कहा कि जब पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मृत्यु हुई तो उनकी संपत्ति उनके बच्चों को मिलने वाली थी लेकिन पहले एक नियम था कि उनके संतानों को संपत्ति मिलने से पहले एक हिस्सा सरकार ले लेती थी. पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने पहले ऐसा कानून बनाया था. साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी की संपत्ति को बचाने के लिए कांग्रेस ने कानून को खत्म कर दिया. ताकि यह सरकार के पास न जाए. उन्होंने कहा कि जब खुद पर बात आई तो तत्कालीन पीएम राजीव गांधी ने साल 1985 में विरासत कानून को खत्म कर दिया था. अब अपना काम निपट गया तो कांग्रेस फिर से टैक्स लगाना चाहती है. पीएम मोदी ने दावा किया कि कांग्रेस लोगों की संपत्ति और कीमती सामान का एक्स-रे कराकर उनके आभूषण और छोटी बचत को जब्त करना चाहती है. अब ऐसे में देश का सियासी पारा हाई है और राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर खूब मतभेद भी जारी है। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के इस पत्र के बाद भी अभी तक इसपर पीएम मोदी की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। और लगातार इस मामले को लेकर राजनीति हो रही है। अब देखना ये होगा कि जनता को किस तरह का भाषण समझ आएगा। और चुनाव में जनता किसके साथ होगी ये तो खैर आने वाले चुनावी परिणामों के बाद ही पता चल पायेगा।

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