विपक्ष का हंगामा देख कांपने लगे मोदी के मंत्री, अहंकार में क्या बोल गए शिवराज?
सदन में आज एक ऐसा जबरदस्त सीन देखने को मिला जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की होगी क्योंकि आज संसद में ऐसा बवाल हुआ जिसने पूरी सरकार को हिला कर रख दिया।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: सदन में आज एक ऐसा जबरदस्त सीन देखने को मिला जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की होगी क्योंकि आज संसद में ऐसा बवाल हुआ जिसने पूरी सरकार को हिला कर रख दिया। विपक्ष का ऐसा जबरदस्त प्रदर्शन देखकर मोदी बड़े से बड़े मंत्री कांपने लगे।
दरअसल, जब आज मोदी के केंद्रीय मंत्री मनरेगा बिल पर बोलने के लिए खड़े हुए तो विपक्ष ने ऐसा प्रदर्शन किया जिससे उनकी बड़ी फजीहत हो गई। संसद में ऐसा हंगामा हुआ कि लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला भी देखते रह गए लेकिन कुछ कर नहीं पाए। इसके बाद मंत्री जी संसद में बुरी तरह आगबबूला हो गए। तो कैसे विपक्ष ने आज संसद में विपक्ष ने मोदी के मंत्रियों के पसीने छुड़ा दिए और कैसे इतने भारी विरोध के बीच पारित हो गया नया बिल.
मनरेगा की जगह पर लाए गए विकसित भारत-गारंटी फार रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) यानी वीबी-जीरामजी विधेयक 2025 लंबी बहस के आज लोकसभा में पास हो गया है। लेकिन जिस वक्त केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान इस बिल पर जवाब देने के लिए खड़े हुए उस वक्त संसद में ऐसा नजारा देखने को मिला जिसकी किसी ने उम्मीद नहीं की थी। जैसे ही कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने बोलना शुरू किया बिल के विरोध में विपक्ष की ओर से जमकर नारेबाजी होने लगी। कुछ विपक्षी सांसद तो वेल में पहुंच गए और मोदी के नए बिल को फाड़कर उसके तुकड़ो को शिवराज सिंह के मुंह पर उड़ा दिया।
अब देखिए जैसे ही विपक्ष ने बिल का विरोध करना शुरू किया कृषी मंत्री शिवराज सिंह चौहान बौखला गए। वो बिल की तारीफ करते पिछली सरकारों से तुलना करने लग गए। कहने लगे हम काम करते हैं और आप ढोंग करते हैं। वहीं अपनी फजीहत होती देख शिवराज बुरी तरह से भड़क गए और अहंकार में आकर बोलने लगे कि मेरा नाम शिवराज सिंह चौहान है आप मुझे चुप नहीं करा सकते।
इस पूरे ड्रामें के बाद जब संसद से विपक्ष बाहर निकला तो पूरे जोश और आक्रोश में लग रहा था। उसने बाहर आते ही इस बिल के खिलाफ नारे बाजी शुरू कर दिया। कांग्रेस सांसद ने तो साफ साफ बता दिया कि इस बिल से मनरेगा खत्म होने जा रहा है। हम इस बिल का पूरी तरह से विरोध करेंगे। इस पर सभी विपक्षी पार्टियां सहमत हैं। उन्होंने कहा कि ये बिल गरीब-मजदूरों के खिलाफ है।
आज लोकसभा में मोदी सरकार की अहंकारी ताकत ने करोड़ों गरीब मजदूरों के हक पर डाका डाल दिया। विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल जबरन लोकसभा से पास कराकर मनरेगा को खत्म करने की कोशिश की गई है। वो मनरेगा जो गांधीजी के ग्राम स्वराज के सपने का जीता-जागता प्रमाण था। विपक्ष के भयंकर विरोध, वेल में उतरकर बिल के टुकड़े फाड़ने और कागज उड़ाने के बावजूद, बहुमत के दम पर सरकार ने गरीबों की आवाज कुचल दी। शिवराज सिंह चौहान भड़के, अहंकार में बोले कि कोई उन्हें चुप नहीं करा सकता, जबकि असल में वे करोड़ों मजदूरों की चीख को दबा रहे थे। यह सिर्फ नाम बदलना नहीं, गांधीजी का अपमान और गरीबों के अधिकारों पर हमला है।
100 दिन की गारंटी को 125 दिन कहकर दिखावा किया, लेकिन डिमांड-ड्रिवन अधिकार को खत्म कर बजट की दया पर छोड़ दिया। राज्य सरकारों पर बोझ डालकर, केंद्र ने साफ कह दिया कि गरीबों का हक अब उनकी मर्जी पर होगा। वहीं विपक्ष का यह प्रदर्शन चेतावनी है कि मोदी राज में गरीबों की लड़ाई अब संसद से सड़क तक लड़ी जाएगी।



