अंतरराष्ट्रीय संबंधों में नया अध्याय, सऊदी-रूस ने की वीजा-मुक्त यात्रा की घोषणा

पहले यह सुविधा सिर्फ राजनयिक या विशेष पासपोर्ट वालों को मिलती थी। अब सऊदी और रूसी नागरिक पर्यटन, व्यापार या रिश्तेदारों से मिलने के लिए 90 दिनों तक बिना वीजा के रह सकते हैं।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: नमस्कार दोस्तों 4PM मिडिल ईस्ट में आपका इस्तकबाल है। 4PM के इस चैनल पर हम आपके लिए लेकर आते हैं खाड़ी देशों से जुड़ी जरूरी जानकारी और रोचक कहानियां। साथ ही यहां हम दुनिया तमाम बड़ी खबरों को आपके समाने पेश करते हैं।

इसी कड़ी में आज हम आपके लिए लेकर आये हैं वीजा से जुडी जानकारी। आपको बता दें कि सऊदी अरब और रूस ने एक ऐतिहासिक समझौता किया है। इस समझौते के तहत दोनों देशों के नागरिक एक-दूसरे के देश में वीजा के बिना घूम सकते हैं। यह खबर बहुत बड़ी है क्योंकि इससे पर्यटन, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान बढ़ेगा। सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान और रूस के उप-प्रधानमंत्री अलेक्जेंडर नोवाक ने रियाद में सऊदी-रूसी निवेश और व्यापार फोरम के दौरान इस पर हस्ताक्षर किए। यह पहली बार है जब सऊदी अरब ने किसी देश के सामान्य पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा छूट दी है।

आपको बता दें कि पहले यह सुविधा सिर्फ राजनयिक या विशेष पासपोर्ट वालों को मिलती थी। अब सऊदी और रूसी नागरिक पर्यटन, व्यापार या रिश्तेदारों से मिलने के लिए 90 दिनों तक बिना वीजा के रह सकते हैं। यह 90 दिन लगातार या अलग-अलग यात्राओं में हो सकते हैं, लेकिन एक साल में कुल 90 दिन ही। अगर आप काम करने, पढ़ाई करने, हज करने या रहने के लिए जा रहे हैं, तो इसके लिए अलग वीजा लेना पड़ेगा।

यह समझौता दोनों देशों के रिश्तों को मजबूत करेगा। सऊदी का विजन 2030 प्रोजेक्ट भी इससे फायदा उठाएगा, क्योंकि ज्यादा पर्यटक आएंगे। रूस के लोग सऊदी के रेगिस्तान, ऐतिहासिक जगहों और आधुनिक शहरों को देख सकेंगे। वहीं सऊदी लोग रूस की ठंडी जगहें, संस्कृति और इतिहास का मजा ले सकेंगे। इससे व्यापार भी बढ़ेगा, जैसे तेल, निवेश और तकनीक के क्षेत्र में। कुल मिलाकर, यह एक नया दौर है दोनों देशों के लिए।

इस समझौते का असर वैश्विक स्तर पर भी दिखेगा। सऊदी अरब पहले से ही पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है। अब रूस जैसे बड़े देश से सीधा कनेक्शन बनेगा। फर्ज कीजिए, एक रूसी परिवार सऊदी के रेड सी बीच पर छुट्टियां मना रहा है, या एक सऊदी व्यापारी मॉस्को में बिना झंझट के मीटिंग कर रहा है। यह आसानी से यात्रा को प्रोत्साहित करेगी। लेकिन कुछ नियम सख्त हैं। वीजा छूट सिर्फ पर्यटन और छोटे व्यापार के लिए है।

अगर कोई लंबे समय के लिए जाना चाहे, तो आवेदन करना पड़ेगा। सऊदी की सरकार ने कहा है कि इससे आर्थिक सहयोग बढ़ेगा। रूस के उप-प्रधानमंत्री ने भी इसे ऐतिहासिक बताया। यह समझौता ओपेक जैसे संगठनों के माध्यम से दोनों देशों के तेल सहयोग को भी मजबूत करेगा। लेकिन भारत जैसे देशों के लिए यह एक सवाल खड़ा करता है – कब हमारी बारी आएगी? सऊदी पहले से ही कई देशों के साथ वीजा छूट की बात कर रहा है, लेकिन भारत अभी लिस्ट में नहीं है। फिर भी, यह खबर हमें सोचने पर मजबूर करती है कि वैश्विक यात्रा कैसे बदल रही है।

अब बात करते हैं भारतियों की। सऊदी अरब जाना चाहते हैं? तो वीजा जरूरी है। भारतीय नागरिकों को सऊदी में घुसने के लिए पहले से वीजा लेना पड़ता है। यह नियम 2025 में भी वही है। सऊदी की सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ई-वीजा सिस्टम शुरू किया है, लेकिन भारत अभी उन 49 देशों में नहीं है जिनके लिए सीधा ई-वीजा मिल जाता है। भारतीयों को सऊदी दूतावास या वीजा एप्लीकेशन सेंटर से आवेदन करना पड़ता है। सबसे पहले, आपका पासपोर्ट कम से कम 6 महीने वैलिड होना चाहिए।

उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए, या माता-पिता के साथ हो। हेल्थ इंश्योरेंस भी जरूरी है, जो सऊदी में कवर करे। अगर आप पर्यटन के लिए जा रहे हैं, तो टूरिस्ट वीजा लें। यह सिंगल एंट्री या मल्टीपल एंट्री हो सकता है। सिंगल एंट्री 90 दिनों के लिए वैलिड है, लेकिन रहने की मियाद 30 दिन। मल्टीपल 1 साल के लिए, हर बार 90 दिन रह सकते हैं। फीस लगभग 16 हजार से 18 हजार रुपये तक। दस्तावेजों में पासपोर्ट, फोटो, होटल बुकिंग, रिटर्न टिकट और बैंक स्टेटमेंट दें।

अगर यूएस, यूके या शेंगन वीजा है, तो एयरपोर्ट पर वीजा ऑन अराइवल मिल सकता है, लेकिन सऊदी की नेशनल एयरलाइन से आना पड़ेगा। यह सुविधा 90 दिनों के लिए है। ट्रांजिट वीजा भी है, 96 घंटे का फ्री, अगर सऊदी या फ्लाइनास से ट्रांजिट कर रहे हैं। लेकिन हज या उमराह के लिए अलग वीजा। हज वीजा मंत्रालय ऑफ हज से मिलता है, और उमराह के लिए एजेंट के जरिए। काम के लिए वर्क वीजा, जो एम्प्लॉयर स्पॉन्सर करता है। कुल मिलाकर, प्रक्रिया आसान हो गई है, लेकिन प्लानिंग जरूरी।

भारतीयों के लिए सऊदी जाना अब आसान हो गया है, लेकिन सऊदी-रूस समझौते की तरह वीजा फ्री कब होगा? अभी तो नहीं। लाखों भारतीय सऊदी में काम करते हैं, इसलिए वर्क वीजा बहुत महत्वपूर्ण है। वर्क वीजा के लिए सऊदी एम्प्लॉयर को पहले ब्लॉक वीजा लेना पड़ता है, फिर आपका नाम आता है। दस्तावेज: पासपोर्ट, डिग्री सर्टिफिकेट, मेडिकल फिटनेस, पोलियो वैक्सीनेशन। प्रोसेसिंग 2-4 हफ्ते लगती है। फीस 18,000 रुपये के आसपास। एक बार वीजा मिला, तो इकामा लेना पड़ता है। बिजनेस वीजा के लिए सऊदी कंपनी का इनविटेशन लेटर चाहिए। यह 30-90 दिनों का होता है।

पर्यटन के लिए ई-वीजा न मिलने का मतलब है कि आपको दिल्ली, मुंबई जैसे शहरों के वीएसी जाना पड़ेगा। वहां बायोमेट्रिक दें। रिजेक्शन के चांस कम हैं अगर दस्तावेज पूरे हों। सऊदी अब पर्यटन को प्रमोट कर रहा है, जैसे अल-उला के पुराने खंडहर या रियाद का किंगडम सेंटर। भारतीय पर्यटक उमराह के अलावा ये जगहें देख सकते हैं। लेकिन महिलाओं के लिए अकेले घूमना आसान है, पर ड्रेस कोड फॉलो करें। कुल मिलाकर वीजा प्रावधान अच्छे हैं, लेकिन सुधार की गुंजाइश है।

सऊदी और रूस का यह समझौता बहुत खास है। समझौता सभी पासपोर्ट कवर करता है – डिप्लोमेटिक, स्पेशल और ऑर्डिनरी। इसके उद्देश्य की बात करें तो पर्यटन, बिजनेस मीटिंग्स, फैमिली विजिट। समय अवधि 90 दिन प्रति साल। अगर आप जनवरी में 30 दिन गए, अप्रैल में 60, तो ठीक। लेकिन ओवरस्टे पर जुर्माना या ब्लैकलिस्ट। यह समझौता सऊदी के विजन 2030 का हिस्सा है, जो पर्यटन से 1 लाख करोड़ डॉलर कमाने का लक्ष्य रखता है। रूस के लिए भी फायदेमंद, क्योंकि यूक्रेन युद्ध के बाद नई मार्केट्स चाहिए। साइनिंग के दौरान सऊदी के एनर्जी मिनिस्टर प्रिंस अब्दुलअजीज ने कहा कि यह आर्थिक साझेदारी बढ़ाएगा।

रूसी डिप्टी पीएम ने इसे ब्रदरली कंट्रीज का स्टेप बताया। यह खबर भारतीयों को प्रेरित कर सकती है कि हम भी डिप्लोमेसी से ऐसा हासिल करें। लेकिन अभी सऊदी के साथ हमारे रिश्ते मजबूत हैं – 25 लाख भारतीय वहां काम करते हैं। इस समझौते से पर्यटन में बूम आएगा। सऊदी में 100 मिलियन पर्यटक का लक्ष्य है 2030 तक। रूस से 5 लाख टूरिस्ट आ सकते हैं सालाना। उल्टा भी। सांस्कृतिक एक्सचेंज: रूसी बैले सऊदी में, सऊदी आर्ट रूस में। व्यापार: ऑयल, गैस, टूरिज्म इन्वेस्टमेंट। लेकिन चुनौतियां भी – भाषा, कल्चर डिफरेंस। सऊदी अरबी है, रूस रशियन। लेकिन ऐप्स और ट्रांसलेटर मदद करेंगे। कुल मिलाकर, यह ग्लोबल कनेक्टिविटी का उदाहरण है।

भारतीय अगर सऊदी घूमना चाहें, तो टूरिस्ट वीजा बेस्ट है। प्रक्रिया स्टेप बाय स्टेप समझ लें पहले वेबसाइट visitsaudi.com चेक करें, लेकिन ई-वीजा न मिले तो सऊदी एम्बेसी वेबसाइट पर जाएं। फॉर्म भरें। अगर फैमिली के साथ, रिलेशन प्रूफ। सबमिट वीएसी में, फीस पे करें। 7-15 दिन में वीजा मिल जाता है। अगर यूएस वीजा हो, तो एयरपोर्ट पर 90 दिन का वीजा ऑन अराइवल। लेकिन सऊदी एयरलाइंस से। फीस 500 रियाल यानी लगभग 11,000 रुपये। आपको बता दें कि लाखों भारतीय हर साल जाते हैं।

प्रक्रिया आसान, लेकिन समय पर अप्लाई।टूरिस्ट वीजा से सऊदी के अट्रैक्शन्स एंजॉय करें। अल-मस्जिद अन-नबवी, काबा, रेड सी डाइविंग, डेजर्ट सफारी। सऊदी अब ओपन है महिलाओं के लिए ड्राइविंग, जॉब्स मिलेंगी। भारतीय कल्चर से मैच मस्जिदें, हलाल फूड। लेकिन अल्कोहल बैन है साथ पब्लिक में स्मोकिंग नो जोन होते हैं।

वहीं आपको बता दें कि सऊदी में सबसे ज्यादा भारतीय वर्कर्स हैं। वर्क वीजा के लिए जॉब ऑफर जरूरी। एम्प्लॉयर मोल से अप्रूवल लेता है। फिर ब्लॉक वीजा। जिसके लिए हम आपके रोल की बात करें तो आप डॉक्यूमेंट्स भेजें – पासपोर्ट, एजुकेशन, एक्सपीरियंस। मेडिकल टेस्ट सऊदी में। पोलियो वैक्सीन। फीस 20 हजार रुपये लगेगी। वैलिडिटी 1-2 साल, रिन्यूअल इकामा से। सैलरी मिनिमम 4,000 रियाल। भारतीय बिजनेसमैन सऊदी के मार्केट में इन्वेस्ट कर रहे – रियाद मेट्रो, न्यूरो।

लेकिन कफाला सिस्टम: एम्प्लॉयर स्पॉन्सर। अब रिफॉर्म्स से वर्कर्स राइट्स बेहतर हैं। ओवरटाइम, लीव। भारतीय एम्बेसी मदद करती है। कुल, वीजा प्रावधान मजबूत अर्थव्यवस्था के लिए हैं।वर्क वीजा से लाखों फैमिली सपोर्ट होती हैं। ऐसे में दोस्तों आपको बता दें कि सऊदी-रूस वीजा फ्री एग्रीमेंट दोनों देशों के लिए गेम चेंजर है। यह दिखाता है कि दुनिया यात्रा को आसान बना रही है। भारतीयों के लिए सऊदी वीजा अब पहले से सरल है – ई-वीजा, ऑन अराइवल। लेकिन प्लानिंग जरूरी।

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