नवलखा पर एनआईए ने लगाए गंभीर आरोप, आतंकी फंडिंग से जुड़े हैं तार

नई दिल्ली। भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में सालों से जेल में बंद गौतम नवलखा पर नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने बड़ा आरोप लगाया है। एजेंसी का दावा है कि वह गिरफ्तारी से पहले पाकिस्तान आईएसआई के संपर्क में थे। कोर्ट में दिए गए सबूतों के आधार पर यह खुलासा हुआ है। नवलखा अमेरिका में टेरर फंडिंग के दोषी पाकिस्तान आईएसआई एजेंट सैयद गुलाम नबी फेई के संपर्क में थे।
गौतम नवलखा लंबे समय से कोर्ट से जमानत मांग रहे हैं। उनकी जमानत के खिलाफ एनआईए ने कोर्ट में दाखिल एफिडेविट में नवलखा के आईएसआई कनेक्शन का दावा किया है। सैयद गुलाम नबी को अमेरिका ने टेरर फंडिंग के केस में दोषी पाया था। केंद्रीय एजेंसी ने चार्जशीट के आधार पर दावा किया कि सैयद गुलाम नबी द्वारा आयोजित कश्मीरी अमेरिकन काउंसिल (केएसी) के संबोधन के लिए नवलखा तीन बार अमेरिका गए।
गौतम नवलखा आईएसआई एजेंट से ईमेल पर लगातार और कभी-कभी फोन पर भी संपर्क में थे। नवलखा को अगस्त 2018 में गिरफ्तार किया गया था और शुरुआत में नजरबंद किया गया था। उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अप्रैल 2020 में नवी मुंबई के तलोजा सेंट्रल जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन पिछले साल 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वह हाउस अरेस्ट में हैं। इस दरमियान वह लगातार जमानत के लिए कोर्ट में अर्जियां दे रहे हैं, लेकिन जमानत नहीं मिल रही है।
पाकिस्तान आईएसआई का एजेंट रहा सैयद गुलाम नबी को आईएसआई और पाकिस्तान से फंडिंग लेने के आरोप में अमेरिकी एजेंसी एफबीआई ने 2011 में गिरफ्तार किया था। आईएसआई के इशारे पर गुलाम नबी ने नवलखा की आईएसआई जनरल से मुलाकात कराई थी, जो पाकिस्तान आईएसआई और उसके एजेंट के साथ नवलखा के संबंधों को दर्शाता है। इतना ही नहीं केंद्रीय एजेंसी ने यह भी दावा किया है कि नवलखा ने आईएसआई एजेंटी के क्षमादान के लिए अमेरिकी कोर्ट के जज को भी चि_ी लिखी थी।

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