राम और कृष्ण को किसी ने नहीं देखा, इसलिए उनका मंचन आसान: भैय्याजी जोशी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS के पूर्व सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने नागपुर में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भगवान राम और भगवान श्रीकृष्ण को किसी ने प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा है,इसलिए उनके जीवन पर आधारित मंचन करना अपेक्षाकृत सरल होता है।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी RSS के पूर्व सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने नागपुर में आयोजित एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भगवान राम और भगवान श्रीकृष्ण को किसी ने प्रत्यक्ष रूप से नहीं देखा है,इसलिए उनके जीवन पर आधारित मंचन करना अपेक्षाकृत सरल होता है।
उन्होंने कहा, “हमने न राम को देखा है और न ही कृष्ण को। ऐसे में रामायण या महाभारत का मंचन करना आसान हो जाता है। उनके बारे में जो कुछ भी कहा जाता है, उसे हम सत्य मानते हैं। हमारे मन में इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं होता, लेकिन वास्तविकता में हमने उन्हें देखा नहीं है।” कार्यक्रम के दौरान भैय्याजी जोशी ने संघ के तीन संस्थापकों की सराहना करते हुए उन्हें ‘महापुरुषों की गंगा’ करार दिया और कहा कि ऐसे प्रवाह को कोई रोक नहीं सकता। साथ ही उन्होंने संघ के स्वयंसेवकों की निष्ठा और समर्पण की भी प्रशंसा की। कार्यक्रम में कई प्रमुख कार्यकर्ता और स्थानीय नागरिक भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि कभी-कभी मैं सोचता हूं रामायण और महाभारत का मंचन करना बहुत आसान है, किसी ने भी राम और कृष्ण को नहीं देखा है. उनके बारे में जो भी कहा जाएगा वो सत्य है, क्या है ऐसा हुआ है कि नहीं इसको लेकर हमारे मन में यह शक नहीं होता है. पर इसे होते हुए भी हमने देखा नहीं है.
संघ के भागीरथियों की सराहना
भैया जी जोशी ने नागपुर में संघ गंगा के तीन भागीरथ के मंचन के दौरान ये बात कही. संघ के पहले तीन संस्थापकों के ऊपर यह नाटक आधारित है, भैया जी जोशी ने कहा कि संघ के तीन भागीरथों को लोगों ने देखा है, दो भागीरथों को तो हमने देखा है. उन्होंने कहा कि भागीरथ का नाम दिया, गंगा का प्रवाह है, गंगा के प्रवाह की दो विशेषताएं हैं, उसको रोकने का साहस कोई नहीं कर पाया है. गंगा गंगोत्री से लेकर गंगासागर तक अपने लक्ष्य तक पहुंची. कोइ उसे रोक नहीं सका. यही बात हम करेंगे, इन महापुरुषों ने जो गंगा लाई, उसको रोकने का साहस बाधा खड़े करने का साहस, किसी के हाथ में नहीं है. इसका अनुभव हम लोग ले रहे हैं. यह प्रवाह एक जड़ रूप लेकर खड़ा है. गंगा का हम दर्शन भी करते हैं, गांगा कभी अशुद्ध नहीं होती हैं. गंदगी आती नहीं ऐसा नहीं है सब प्रकार की गंदगियों को लेकर, इस प्रवाह को शुद्ध रखने की शक्ति मां गंगा में है.



