अब यूजीसी-नेट परीक्षा को लेकर विपक्ष के निशाने पर एनडीए सरकार

  • शिक्षा मंत्रालय के परीक्षा रद्द करने के एलान पर मचा सियासी घमासान
  • कांग्रेस, आप व राजद ने प्रधानमंत्री की चुप्पी पर उठाए सवाल
  • शिक्षा मंत्रालय नेे की सीबीआई जांच कराने की घोषणा
  • गृह मंत्रालय को गड़बड़ी के इनपुट मिले थे
  • विपक्ष बोला- शिक्षा मंत्री को हटाया जाए

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। नीट का विवाद अभी खत्म भी नही हुआ अब यूजीसी नेट परीक्षा में भी धांधली की खबर से देश में फिर भूचाल मच गया है। विपक्ष ने इस पूरे मामले पर एनडीए की मोदी सरकार को घेर लिया है। कांग्रेस, राजद व आप ने शिक्षा मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। उधर विपक्ष ने इन मुद्दों पर प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया है। कांग्रेस ने इस मामले पर शिक्षा मंत्री को जिम्मेदारी लेने को भी कहा है।
वहीं नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने यूजीसी-नेट परीक्षा को रद्द का फैसला किया है। अब दोबारा यह परीक्षा आयोजित की जाएगी। जिसके लिए अलग से तारीख की घोषणा की जाएगी। प्रथम दृष्टया गड़बड़ी के संकेत मिलने के बाद परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के तहत काम करने वाली स्वायत्त एजेंसी एनटीए ने मंगलवार को ही यूजीसी-नेट परीक्षा करवाई थी। गृह मंत्रालय की राष्ट्रीय साइबर अपराध खतरा विश्लेषण इकाई से गड़बड़ी के संकेत मिलने के बाद परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया। एनटीए ने यूजीसी-नेट परीक्षा 18 जून, 2024 को देश के विभिन्न शहरों में दो चरणों में ओएमआर (पेन और पेपर) मोड में आयोजित की थी। इन जानकारियों से प्रथम दृष्टया संकेत मिला कि परीक्षा की सत्यनिष्ठा से समझौता किया गया होगा।

जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए : प्रियंका

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी शिक्षा मंत्रालय को आड़े हाथों लिया है। इस मामले पर प्रियंका गांधी ने शिक्षा मंत्रालय के आदेश के बाद सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इस मामले पर जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय की जानी चाहिए। यूजीसी नेट पेपर को गृह मंत्रालय के फैसले के बाद रद्द कर दिया गया है।

बीजेपी राज में पेपर लीक तय : तेजस्वी यादव

आरजेडी ने कहा है कि यूजीसी-नेट परीक्षा भी रद्द हो चुकी है। जैसा कि तेजस्वी यादव ने कहा था कि बीजेपी के राज में हर परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होना 100 प्रतिशत तय है। धांधली हर परीक्षा में हो रही है, सभी ऑनलाइन परीक्षाओं में सिस्टम हैक कर के सेटिंग हो रहा है, पर गड़बड़ी को सिरे से नकार कर परीक्षाएं रद्द नहीं की जाती हैं।

फिलहाल काउंसलिंग पर रोक नहीं लगेगी : सुप्रीमकोर्ट

नीट यूजी 2024 की परीक्षा और इसके रिजल्ट को लेकर विवाद जारी है। इस बीच नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की ट्रांसफर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए अहम टिप्पणी की। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई के दौरान कहा कि हम ये समझ रहे हैं कि ये एक गंभीर मामला है, लेकिन इसकी विस्तार से सुनवाई 8 जुलाई को करेंगे। फिलहाल काउंसलिंग पर रोक नहीं लगेगी।

मोदी नीट परीक्षा पर कब चर्चा करने आएंगे पीएम : खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे नहीं मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में हुई कथित अनियमित्ताओं को लेकर भी सरकार पर हमला किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीट परीक्षा पर कब चर्चा करने आएंगे। कांग्रेस अध्यक्ष ने सवाल किया, ”नीट परीक्षा कब रद्द होगी?ÓÓ खरगे ने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी, अपनी सरकार की धांधली और नीट परीक्षा में पेपर लीक को रोकने की जिम्मेदारी लीजिए।

लोकसभा अध्यक्ष पद चुनाव के लिए राजनाथ ने सहयोगियों का मन टटोला

  • विपक्षी नेताओं से मिलेेंगे रक्षा मंत्री
  • डिप्टी स्पीकर के मुद्दे पर सरकार का विपक्ष से हो सकता है टकराव

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। भाजपा ने लोकसभा स्पीकर के मुद्दे पर एनडीए के घटक दलों के बीच लगभग सहमति बना ली है। भाजपा के उम्मीदवार पर सहयोगी दलों का पूर्ण समर्थन मिल गया है। अब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ सहमति बनाने पर जुट गए हैं। सत्ता पक्ष के संख्या बल और सरकार के साथ उसके सहयोगियों से समन्वय को देखते हुए माना जा रहा है कि स्पीकर के मुद्दे पर आम सहमति बन सकती है।
हालांकि, सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच डिप्टी स्पीकर के मुद्दे पर टकराव हो सकता है। इसका बड़ा कारण यह है कि अपने संख्या बल को देखते हुए विपक्ष इस बार इससे कम पर सहमत होने के लिए तैयार नहीं है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 24 जून से शुरु हो रहे संसद सत्र के पहले विपक्षी दलों के नेताओं से सहमति बनाने के लिए बातचीत करेंगे। सरकार की सबसे पहली कोशिश विपक्ष के उन दलों के साथ तालमेल बिठाने का है, जिनसे भाजपा के रिश्ते अपेक्षाकृत बेहतर रहे हैं, लेकिन ये दल इंडिया गठबंधन में भी शामिल नहीं हैं। इनमें बीजेडी, बीआरएस और वाईएसआरसीपी शामिल हैं।

नीतीश सरकार को पटना हाईकोर्ट से झटका : ईबीसी, एससी और एसटी के लिए 65 प्रतिशत आरक्षण किया खत्म

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
पटना। नीतीश सरकार को पटना हाईकोर्ट ने झटका दिया है. ईबीसी, एससी और एसटी के लिए 65प्रतिशत आरक्षण को खत्म कर दिया है। पटना उच्च न्यायालय ने बिहार आरक्षण को लेकर कानून को रद्द कर दिया है। बिहार सरकार ने पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण 50प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया था। जिसे हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इस मामलें में गौरव कुमार व अन्य के दायर याचिकाओं पर पटना हाई कोर्ट ने सुनवाई की।
हाई कोर्ट ने सुनवाई कर फैसला 11 मार्च, 2024 को सुरक्षित रख लिया था। जिसे आज सुनाया गया। चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की खंडपीठ गौरव कुमार व अन्य याचिकाओं पर लंबी सुनवाई की थी। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने बहस की। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि राज्य सरकार ने ये आरक्षण इन वर्गों के पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण दिया था। राज्य सरकार ने ये आरक्षण अनुपातिक आधार पर नहीं दिया था।

राज्य सरकार ने 2023 को पारित किया था आदेश

इन याचिकाओं में राज्य सरकार के 9 नवंबर, 2023 को पारित कानून को चुनौती दी गई थी। इसमें एससी, एसटी, ईबीसी व अन्य पिछड़े वर्गों को 65 फीसदी आरक्षण दिया गया था, जबकि सामान्य श्रेणी के अभ्यर्थियों के लिए मात्र 35 फीसद ही पदों पर सरकारी सेवा दी जा सकती है।

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