दिल्ली ब्लास्ट पर उमर अब्दुल्ला का बयान, कहा-हर कश्मीरी आतंकी नहीं, दोषियों को मिले सख्त सजा
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री सीएम उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली ब्लास्ट के बाद संदिग्दों से पूछताछ पर कहा कि जम्मू कश्मीर का हर बशिंदा आतंकवादी नहीं है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री सीएम उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली ब्लास्ट के बाद संदिग्दों से पूछताछ पर कहा कि जम्मू कश्मीर का हर बशिंदा आतंकवादी नहीं है. यहां कुछ लोग ही भाईचारा खराब करते हैं. यहां हर मुसलमान को एक नजर से देखना सही नहीं है. जो दोषी हैं उन्हें सजा जरूर मिलनी चाहिए.
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली ब्लास्ट पर कहा कि जांच होती रहेगी, लेकिन एक चीज का ख्याल रखना होगा कि कश्मीर का हर बाशिंदा आंतकवादी नहीं आंतकवादियों के साथ नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग भाईचारा खराब करते हैं. उन्होंने कहा कि हर मुसलमान को एक नजर से देखना शुरु करते हैं कि हर कश्मीरी आंतकी है, जो कसूरवार है उनको सख्त सजा मिले. बेगुनाह लोगों को इससे बाहर रखना होगा. सीएम ने कहा कि जो लोग जिम्मेदार है उनसे पूछिए हम सिर्फ हालात को सामान्य रखने में मदद कर रहे हैं इससे पहले भी कई प्रोफेसर भी इसमें शामिल रहे हैं.
परिवारों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार न करें
वहीं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने 12 नवंबर को लाल किला विस्फोट की निंदा की. उन्होंने कहा कि कहा कि वह इस हमले से कश्मीरी डॉक्टरों के जुड़े होने को लेकर परेशान हैं.
Deeply shocked and saddened to hear about the tragic car blast in Delhi that has taken eight precious lives and injured so many others. My heart goes out to the families who have lost their loved ones , no words can ease their pain. Praying for the speedy recovery of those…
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) November 10, 2025
उन्होंने कहा कि सरकार को इसमें शामिल लोगों को सज़ा देनी चाहिए. लेकिन संदिग्धों की मां, पिता, बहन और भाइयों को ले जाकर पूछताछ की जा रही है. ये जांच पेशेवर तरीके से की जानी चाहिए और संदिग्ध लोगों के परिवार के सदस्यों के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. ऐसा बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए.
दिल्ली विस्फोट बेहद दुखद और दर्दनाक है. अगर निष्पक्ष जांच के बाद डॉक्टरों पर लगे आरोप सही साबित होते हैं, तो यह जम्मू-कश्मीर में खासकर मुस्लिम समुदाय के लिए बेहद चिंता का विषय होगा. हमारे प्रतिभाशाली लोगों को बर्बादी की ओर नहीं ले जाना चाहिए. इसके लिए एक निष्पक्ष और पारदर्शी जांच होनी जरूरी है.



