महाराष्ट्र में नहीं बनने देंगे एनडीए सरकार: ओवैसी

  • बोले- उत्तर प्रदेश उपचुनाव में हम डॉ. पल्लवी पटेल और अपना दल कमेरावादी के साथ मिलकर लड़ेंगे चुनाव

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
हैदराबाद। महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव लडऩे को लेकर असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि हम महाराष्ट्र में शिंदे और फडणवीस की सरकार नहीं बनने देंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हमारे पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने नाना पटोले और शरद पवार को पत्र लिखा है। अब उनको सीटों को लेकर फैसला करना है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हमारी पहले से मजबूत राजनीतिक उपस्थिति है।
इसलिए हम चुनाव जरूर लड़ेंगे। महाराष्ट्र के लिए हमने पांच उम्मीदवारों की घोषणा की है। हमारे पास पहले से ही महाराष्ट्र में दो विधायक हैं। हमने चुनाव को लेकर मराठा आरक्षण कार्यकर्ता जारांगे पाटिल से भी बात की। अब उन्हें फैसला करना है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को हरियाणा चुनाव आसानी से जीतना चाहिए था, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। वहीं झारखंड को लेकर ओवैसी बोले कि हमारी पार्टी ने आदिल हसन और रियाज उल हसन इफेन्डी को झारखंड भेजा है। वे वहां जाएंगे और देखेंगे कि हमें क्या करना चाहिए और कितनी सीटें लानी चाहिए। हमें चुनाव लडऩा चाहिए या नहीं। अख्तरुल ईमान देखेंगे कि हमें बिहार उपचुनाव लडऩा चाहिए या नहीं। उत्तर प्रदेश उपचुनाव को लेकर ओवैसी ने कहा कि हम यहां डॉ. पल्लवी पटेल और अपना दल, कमेरावादी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हम दो सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।

यूपी के सीएम की ठोक दो की नीति संविधान के खिलाफ

वहीं बहराइच मुठभेड़ को लेकर एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि यह यूपी के सीएम की पिछले कुछ सालों से चली आ रही ठोक दो नीति का उदाहरण है। हम बीजेपी और पीएम मोदी से कई बार कह चुके हैं कि यूपी के सीएम की ठोक दो की नीति संविधान के खिलाफ है। उत्तर प्रदेश को संविधान और कानून के शासन से चलना चाहिए, बंदूक के शासन से नहीं। पुलिस को आरोपी को गिरफ्तार दिखाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। घटनास्थल से 70 किमी दूर किसने हथियार छिपाया? मुठभेड़ का वीडियो ओटीटी की फिल्म जैसा लग रहा था। इंस्पेक्टर को नेटफ्लिक्स में जाना चाहिए। वहां उनको अच्छा भुगतान मिलेगा। उन्होंने कहा कि एनकाउंटर करने वाली पुलिस को उनके सटीक निशाने के चलते ओलंपिक में भेजा जाना चाहिए।

Related Articles

Back to top button