सुपौल में अमानवीयता: प्रेमी जोड़े को पेड़ से बांधकर पीटा, पंचायत ने लगाया दो लाख का जुर्माना

बिहार के सुपौल जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। बलुआ बाजार थाना क्षेत्र के तुलसीपट्टी गांव में एक प्रेमी जोड़े को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटा गया।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: बिहार के सुपौल जिले में इंसानियत को शर्मसार करने वाली दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। बलुआ बाजार थाना क्षेत्र के तुलसीपट्टी गांव में एक प्रेमी जोड़े को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटा गया। घटना के बाद गांव की पंचायत ने मामले को दबाने के लिए दो लाख रुपये का जुर्माना तय किया।

बताया जा रहा है कि पंचायत में प्रेमी जोड़े को छोड़ने के लिए बोली तक लगाई गई। इससे पहले ग्रामीणों ने प्रेमी को पेड़ से बांधकर मारपीट की, जबकि प्रेमिका को भी बांधकर रखकर यातना दी गई। पूरे मामले का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और आरोपियों की तलाश जारी है।

यहां गांव के लोगों ने एक प्रेमी जोड़े को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटा. उनके द्वारा पीटे जाने की घटना का वीडियो
किसी ने रिकॉर्ड कर लिया और उसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. वीडियो के वायरल होते ही पुलिस हरकत में
आई और मामले की जांच शुरू की. पूरे मामले पर बलुआ बाजार थानाध्यक्ष सुमित कुमार ने बताया कि वायरल वीडियो की जांच की जा चुकी है. मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा रही है. उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

गांव में आखिर क्या हुआ?
रविवार को गांव के लोगों ने एक मौलवी और एक शादीशुदा महिला को संदिग्ध अवस्था में देख लिया. बताया जा रहा है कि मौलवी गांव में बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने का काम करता है. घटना सामने आते ही ग्रामीण उग्र हो उठे और दोनों को पकड़कर एक पेड़ से बांध दिया. इसके बाद भीड़ ने मौलवी की निर्ममता से पिटाई की, जबकि महिला पास में बंधी सहमी खड़ी रही.

घटना के बाद गांव में तत्काल पंचायत बैठी. स्थानीय सूत्रों का दावा है कि पंचायत ने मामले को दबाने के लिए
करीब दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया और समझौता करा दिया. हालांकि, इसी बीच किसी ने पिटाई का वीडियो
सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, जिसके बाद पूरे इलाके में इस घटना को लेकर चर्चा है. इस घटना ने पंचायती न्याय पर फिर सवाल खड़े कर दिए हैं. इस पंचायत में भीड़ न्यायपालिका की तरह फैसला सुनाती नजर आई और कानून को पूरी तरह दरकिनार कर दिया.

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