गांजा तस्कर के घर में मिले 10, 50 के इतने नोट, पुलिसवालों के छूटे पसीने!
दोस्तों आपकी स्क्रीन पर चल रहा ये वीडियो जरा गौर से देखिये, इस वीडियो में साफ़ दिख रहा है कि कैसे बिखरे हुए नोटों को गिनने में पुलिसवालों के भी पसीने छूट रहे हैं। घर में नोट इतने ज्यादा थे कि गिनने वाली 4 मशीन मंगानी पड़ी।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: दोस्तों आप पढ़ सकते है कि कैसे बिखरे हुए नोटों को गिनने में पुलिसवालों के भी पसीने छूट रहे हैं, या फिर इमेज में आप देख सकते है। कि घर में नोट इतने ज्यादा थे कि गिनने वाली 4 मशीन मंगानी पड़ी।
शनिवार सुबह मिले रुपयों के ढेर की गिनती 20 घंटे तक चलती रही। इनमें अधिकतर 10, 20, 50 और 100 रुपये के नोट थे। दावा किया जा रहा है कि दो करोड़ की नकदी बरामद की गई है। अब आपके मन में भी ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर इतने नोट आये कहां से और ये किसके हैं। तो आइये आपको रिबरु करवाते हैं इस पूरे मामले से दोस्तों ये मामला है यूपी के प्रतापगढ़ का जहां एक गांजा तस्कर के घर पुलिस को ये नोटों का जखीरा बरामद हुआ है। दरअसल प्रतापगढ़ के मानिकपुर इलाके में राजेश मिश्रा का काला धंधा तीन पीढ़ियों से चल रहा है। उसने रायबरेली, अमेठी और कौशांबी जैसे पड़ोसी जिलों तक अपना नेटवर्क फैला लिया।
घर जिले के कुख्यात मादक तस्कर राजेश मिश्रा का है। मानिकपुर इलाके के गांव मुंदीपुर में रहने वाले राजेश मिश्रा के पिता ने यह काला धंधा शुरू किया था। फिर इसे राजेश और उसके बच्चों ने विरासत की तरह संभाला। तीन पीढ़ियों से चल रहे इस काले साम्राज्य ने पूरे इलाके का नाम बदनाम कर दिया। पुलिस ने तस्कर की पत्नी रीना देवी, बेटे विनायक और बेटी कोमल को हिरासत में ले लिया है। परिवार के सदस्य यश कुमार को भी हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। आपको जानकारी के लिए बता दें कि राजेश मिश्रा पर गांजा और स्मैक तस्करी के 14 मुकदमे दर्ज हैं। उस पर गैंगस्टर भी लगा है। वह पहले से जेल में बंद चल रहा है। पत्नी रीना देवी भी 15 दिन पहले ही जेल से छूटी थी। उसके ऊपर भी छह मुकदमे हैं। पति के जेल में होने के दौरान रीना अपने बेटे और बेटी के साथ मिलकर काले धंधे का संचालन कर रही थी। इस धंधे से राजेश मिश्रा के परिवार ने करोड़ों रुपये कमाए हैं।
और इन सब में सबसे कमाल की बात ये है कि ड्रग माफिया ने अपने घर की मजबूत किलेबंदी की है। उसका एक पुराना घर है। उसने काली कमाई के पैसों से नया शानदार घर बनवाया। पुराने और नए घर को एक गलियारे के माध्यम से जोड़ दिया। हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए ताकि बाहर गेट पर कोई आए तो पता चल जाए। ऐसा कहा जा रहा है कि इस परिवार ने इस नशे के कारोबार को मानिकपुर तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि इस धंधे से पैसे आता देख आस-पास के कई जिलों में अपना धंधा फैला लिया। दावा किया जा रहा है कि प्रतापगढ़ जिले में पहली बार इतने नोट बरामद हुए हैं कि उसको गिनने के लिए मशीन का सहारा लेना पड़ा। खैर ये वीडियो वायरल होने के बाद योगी सरकार पर भी सवाल उठ रहे हैं कि सुशासन के दावे करने वाली योगी सरकार के राज में भला ऐसे गांजा तस्कर कैसे फल-फूल रहे हैं।



